पोप ओक्तोपस और तोता -मणि ज्योतिष -शास्त्री के बाद अब विश्व -कप फ़ुटबाल फाइनल को रोचकता का एक और आयाम देने को , पूर्ण सूर्य ग्रहण हाज़िर है ।
बेशकपूर्ण सूर्य ग्रहण का सन्डे को अवतरण दक्षिण अफ्रिका के आकाश से परे कायनात के दूसरे भाग में घटने वाली एक आम खगोल -वैज्ञानिक परि-घटना ही होगी लेकिन अंध -विशवास को भुनाने वाले चैनलिया यहाँ भी बाज़ नहीं आयेंगें ।
बेशक अंध -विशवास की प्रतिच्छाया सूर्य ग्रहण के संग ही पृथ्वी पर पडती रही है लेकिन गुज़िस्तान बरसों में धुंध छटी है ।
बस इतना भर ही तो होता है चंदा मामा खिसक फिसल कर पितामह सूरज के सामने आ जाता है .एक लबादा अन्धकार का दिवस की उजास को कुछ लम्हों के लिए ही सही उढा देता है .पशु -पक्षियों की बायो -रिदम गडबडा जाती है ।
महज़ इत्तेफाक है ,गणितीय आकस्मिकता है ,सूरज चन्दा से ४०० गुना ज्यादा वाइड(चोडा-विस्तृत है )लेकिन ४०० गुना ज्यादा दूरी पर भी है पृथ्वी के किसी भी प्रेक्षक के लिए .और यही विचित्रता और सममिति (सिमिट्री )लूनर -अम्बरा (छाया चन्दा की )को एक मौक़ा थमा देती है ,पृथ्वी को अपनी छाया के आगोश में लेने और सूरज के मुखड़े (फेस ऑफ़ दी सन )को ढकने का ।
वगरना चन्दा की क्या ओकात ।
बेशक यह प्लूटो प्लेनेट से बड़ा है ,उसे प्लेनेतोइड का दर्जा दिलवा चुका है ।
चन्दा धीरे धीरे पृथ्वी के गुरुत्व से छिटक कर हर साल ३.८ सेंटीमीटर दूरी पृथ्वी से बढा रहा है ,खिसकते खिसकते ६० करोड़ बरसों में इतना दूर चला जाएगा ,सूरज को ही आच्छादित कर लेगा ।
जुलाई ११,२०१० , का सूर्य ग्रहण ग्रीन विच मीन टाइम के अनूसार१८१५ पर आरम्भ होगा .तब इसकी छाया (अम्बरा )दक्षिण -प्रशांत पर टोंगा के ७०० किलोमीटर दक्षिण पूर्व में पड़ेगी .अम्बरा के २५० किलोमीत्री उत्तर और दक्षिण इलाकों में तब आंशिक सूर्य ग्रहण ही पड़ेगा ।
इसकी अधिकतम अवधि प्रशांत के एक निर्जन क्षेत्र में ५मिनित २० सेकिंड्स ही होगी ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-साइंस बिहाइंड दी शो (हिन्दुस्तान टाइम्स /एच टी ई डी जी ई /पृष्ठ ०७ /जुलाई ०९ ,२०१० )
शनिवार, 10 जुलाई 2010
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2 टिप्पणियां:
शानदार पोस्ट
गणित आधार पर ज्ञानवर्द्धक जानकारी....
please word verification hatayen ji...
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