एग्स कुड कट हार्ट दिफेक्ट्सड्यूरिंग प्रीनेटल डिवलपमेंट ,सेज स्टडी (मुंबई मिरर ,जुलाई १७ ,२०१० )।
अब तक कई अध्धय्यनों से पुष्ट हुआ है ,अंडे में कोलीन का प्राचुर्य जन्म पूर्व गर्भस्थ के विकास में ना केवल सहायक है ,हृद सम्बन्धी विकारों से भी अपेक्षाकृत बचाए रहता है ।
रिसर्चरों ने चूहों पर संपन्न एक अध्धय्यन में प्रेग्नेंट माइस को दो वर्ग में रखा .एक को गर्भावस्था में कोलीन बहुल और दूसरे को इसकी कमी बेशी वाली खुराख दी गई .नतीज़तन दूसरे वर्ग की संतानों में हृद सम्बन्धी विकार अपेक्षाकृत ज्यादा दिखलाई दिए ।
अन्वेषणों से यह भी पता चला ,कोलीन की खुराख में कमी बेशी गर्भावस्था के दौरान खून में एक अमीनो -अम्ल होमिओ -सिस्टीन के स्तर को खासा बढा देती है ।
हृद -वाहिकीय रोगों के खतरे का वजन इस अमीनो एसिड के अधिक हो जाने पर बढा हुआ पाया गया है .साथ ही बोध प्रक्रिया सम्बन्धी फंक्शन भी छीजने लगता है .कोगनिटिव फंक्शन दिक्ला -इन्स ।
दरअसल कोलीन एक कोम्प्लेक्स सुपाच्चय न्युत्रियेंत (पोषक तत्व है ).भ्रूण के विकास में इसका योगदान बड़ा ही जटिल एवं महत्वपूर्ण माना गया है ।
कोर्नेल यूनिवर्सिटी की मारी काउदिल्ल के सामने कोलीन का रोल चिंतन का विषय रहा है .लगता है जैसे अब कोई गुत्थी सुलझ गई है ।
गर्भावस्था के दौरानजिन महिलाओं में खुराखी कोलीनकी कमी रहती है उनके नवजातों में न्यूरल -ट्यूब्स दिफेक्ट्स का ख़तरा दो गुना बढा हुआ पाया गया है .इसीलियें स्तन पान की अवधि में भी कोलीन के मुख्य स्रोतों की जानकारी माताओं को रहनी चाहिए ।
अलावा इसके उम्र के अन्य सोपानों में भी कोलीन का रोल रहता है .कोलीन और बेतैने की खुराख में प्रचुरता हेमो -सिस्टीन के रक्त में स्तर को कम रखती है .जिसके बढे हुए स्तर का स्ट्रोक (सेरिब्रल -वैस्क्युँल्र एक्सीडेंट ),परी -ह्रदय धमनी रोग(कोरोनरी आर्टरी डिजीज ) एवं बोध प्रक्रिया सम्बन्धी क्षय से रिश्ता जोड़ा जाता रहा है ।
सन्दर्भ -सामिग्री ;-एग्स कुड कट हार्ट डिजीज ड्यूरिंग प्रीनेटल डिवलपमेंट ,सेज स्टडी (मुंबई मिरर ,जुलाई १७ ,२०१० )
रविवार, 18 जुलाई 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
अच्छी जानकारी.
एक टिप्पणी भेजें