(गत पोस्ट से आगे ..,ज़ारी ...)
आगामी चार बरसों में केप्लर अन्तरिक्ष अन्वेषी ऐसे ही अन्य ग्रहों और सौर मंडल का अन्वेषण करता रहेगा .अभी तो इब्तिदा ही है .अभी तो पहले ६ हफ़्तों के अध्धय्यन विश्लेषण का ही जायजा सामने आया है. कितने ही पोटेंशियल एक्स्ट्रा सोलर सिस्टम्स जिनमे ७०६ संभावी ग्रह भी हैंअभी और भी हैं जिनका अन्वेषण अध्धय्यन होना भविष्य के गर्भ में है ।
इससे ऐसा प्रतीत होता है ग्रहों का सौर -मंडलों के गिर्द होना एक आम घटना है अलबत्ता असल और एहम बात है आकारीय विभाजन ग्रहों का .फिलवक्त आगे अध्धय्यन विश्लेषण के लिए केप्लर द्वाराअब तक अन्वेषित सदस्यों की गहन पड़ताल, भू -आधारित उपकरणों ,हबल और स्पित्सर अन्तरिक्ष दूरबीनों से होना बाकी है .फरवरी तकअंतिम नतीजे आ सकतें हैं .
इसके बाद इन ग्रहों के परिमंडल (एत्मोस्फ़ीअर) की बारीक जांच होनाभी बाकी है ताकि संभावित जीवन के चिन्हों की शिनाख्त हो सके .यही कहना है खगोल विज्ञान के प्रोफ़ेसर ,हार्वर्ड विश्वविद्यालय के डिमीटर सस्सेलोव का ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-एनीबॉडी आउट देअर ?"१४०अर्थ्स "फाउंड(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जुलाई २६ ,२०१० ,पृष्ठ १७ .)
सोमवार, 26 जुलाई 2010
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