ईट इज ऑफीशियल लव गिव्ज़ ए हाई लाइक कोकेन (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई ९ ,२०१० )।
ग़ालिब ने किसी झोंक में आकर नहींलिखा होगा -इश्क पर जोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब ,के लगाये ना लगे और बुझाए ना बने .रूमानी संबंधों की कसक और तपिश देर तक रहती है खासकर तब जब किसी एक पक्ष ने संबंधों को साफ़ नकार दिया हो ,झुन्ठ्ला दिया हो ।
साइंसदानों की मानें तो किसी लत (एडिक्शन )से किसी भी तरह कम तर नहीं होतें ,रागात्मक सम्बन्ध .वायवीय (प्लेटोनिक लव )प्रेम निर्गुण ब्रह्म सा निराकार होता है .ता -उम्र सुलगाती रहती है भावात्मक संबंधों की आंच ।
साइंटिस्ट्स से- ईट इज बिकोज़ रोमैंटिक रिजेक्शन ट्रिगर्स दी सेम इफ़ेक्ट आन ब्रेन अकिन तू किकिंग एन एडिक्शन ।
यकीन मानिए -रोमैंटिक लव इज एन एडिक्शन ।
टूटे हुए दिलो -दिमाग का जायजा लिया है अपने एक नवीनतर अध्धय्यन में साइंसदानों ने .पता चला है ,बेगाने बन बिछुड़े साथी की यादें दिमाग के उन्हीं हिस्सों को सुलगा देतीं हैं जो एडिक्शन ,क्रेविंग्स ,ज़ज्बातों को काबू में रखने का काम अंजाम देतें हैं .
aur jo राग -बिराग ,बैराग ,दुःख -ओ -दर्द का एहसास पैदा करतें हैं .कुछ को तो यह विरह -अग्नि आत्म ह्त्या की तरफ ले जाती है ।
रुत्गेर्स यूनिवर्सिटी ,न्यू -जर्सी कैम्पस ,की जैविक -मानव -शास्त्री (जीव -मानव -विज्ञानी ,बायोलोजिकल -एन्थ्रो -पोलोजिस्त )हेलेन फिशेर इस अध्धय्यन की मुखिया रहीं हैं .आपके शब्दों में रूमानी प्रेम रास आये तो एक बेहद खूबसूरत शै है ,और अपनी सी पे आये तो तबाह कर दे ।
"ईट इज ए वेरी पावर्फुली वंडरफुल एडिक्शन व्हेन थिंग्स आर गोइंग वेळ ,एंड ए परफेक्टली होरिबिल एडिक्शन व्हेन थिंग्स आर गोइंग पूअरली "।
लाइव साइंस के समक्ष हेलेन ने ऐसे ही उदगार व्यक्त किये हैं ।
अध्धय्यन में उन १५ कालिज छात्रों के ब्रेन स्कैन लिए गये जो प्रेम संबंधों में दुत्कारे जाने के बाद भी यादों की धुंध में डूब तैर रहे थे ।
इनको जब इनके चाहने वालों की तस्वीरें दिखलाने के बाद उसी वक्फे को याद करने को कहा गया ,इनके दिमाग का वह हिसा रिएक्ट करने लगा जो मोटिवेशन और रिवार्ड से ताल्लुक रखता है .वेंत्रल तैग्मेंतल एरिया था यह ।
बेवफा लोगों की तस्वीरें दिखलाने पर न्युक्लिअस अकुम्बेंस तथा ओर्बितो -फ्रंटल /प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स हरकत में आये ।
यही वह दिमागी हिस्से हैं जो नशा -पत्ता ,कोकेन ,चरस ,गांजा ,सिगरेट नोशी की लत से गहरे सम्बन्ध रखतें हैं ।
हो सकता है "रोमैंटिक रिजेक्शन का ,प्रेम में चोटिल होने का एक विकासात्मक आधार (इवोल्यूशनरी बेस) रहा हो ?
शनिवार, 10 जुलाई 2010
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