एल्जाई -मर्स :स्निफिंग इंसुलिन मे हेल्प बूस्ट मेमोरी( दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई १६ ,२०१० .मुंबई एडिसन )।
एल्जाई -मर्स रोग के शुरूआती चरण में नाक से सूंघने वाली इंसुलिन सांस के ज़रिये नाक से खींचने पर याददाश्त में सुधार हो सकता है ।
एक अमरीकी अध्धय्यन में ऐसे ही मरीजों को इंसुलिन चार महीनों तक सूंघने के लिए कहा गया . इन्हें बीती बातें याद करने में फायदा पहुंचा .इतना ही नहीं मेमोरी -रिकाल में यह सुधार दो महीनों तक ज़ारी रहा .इस दरमियान भूली बिसरी यादें स्मृति में कौंधती रहीं ।
कई अध्धय्यनों में एल्जाई -मर्स से ग्रस्त लोगों के दिमाग में इंसुलिन का स्तर घटा हुआ पाया गया है .रोग के एक दम से आरंभिक चरण में भी ऐसा ही देखन में आया है ।
न्यूरोन से न्यूरोन तक का संवाद सम्प्रेषण एवं दिमाग के काम करने के लिए इंसुलिन एक ज़रूरी हारमोन है .कोशाओं के बीच यह ट्रांसमीटर का काम करता है .बात चीत का सेतु बनता है ।
इधर इंसुलिन दिमाग को सीधे सीधे देने के असर का भी जायजा लिया गया है .वी ए प्युगेत हेल्थ केयर सिस्टम एवं वाशिंगटन विश्व -विद्यालय ,सिएटल कैम्पस की रिसर्चर सुजाने क्राफ्ट और उनकी टीम ने इसका जायजा लिया है .
शनिवार, 17 जुलाई 2010
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