गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

GM crops and food security(II INSTALLMENT)


आनुवंशिक तौर पर सुधरी फसलों की हकीकत  ,कितना खतरनाक है यह खेल जो खेला जा रहा है .(दूसरी क़िस्त )
.




बढती आबादी का पेट भरने का नायाब नुस्खा बतलाया जा रहा है कथित आनुवंशिक तौर पर संशोधित फसलों 

को .दरहकीकत जीनीय स्तर पर इनके साथ अनुचित छेड़छाड़ की जाती है .हकीकत में कोई ऐसी आनुवंशिक 

तौर पर इन फसलों की सुधरी हुई कोई किस्म नहीं है जो प्रतिएकड़ ज्यादा फसल (उत्पाद )देती हो .अमरीकी 

कृषिविभाग को यदि प्रामाणिक मानें तो आनुवंशिक तौर पर संशोधित मक्का और सोयाबीन का प्रति -एकड़ 

उत्पाद इनकी परम्परागत किस्मों के बरक्स प्रति एकड़ कम ही रहता है .

न ही इनके साथ कीटनाशी ,अन्य नाशीजीव एवं खरपतवार नाशी के इस्तेमाल में कोई कमीबेशी आती है .महज़ 

मीडिया हाइप है यह कहना ,"इन फसलों को कीड़ा नहीं लगता ".

Charles Benbrook of the Washington State Universityke के माहिरों के अनुसार दावों के ठीक विपरीत १९ ९ ६ 

-२ ० १ १ के दरमियान अमरीका में कीटनाशियों के कुल इस्तेमाल में  १ ४ ४ मिलयन किलोग्राम की वृद्ध दर्ज़ हुई 

है .अलावा इसके ज़मीन का कोई १ ४ .५ मिलियन एकड़ रकबा 'सुपर वीड्स 'की चपेट में भी आया .इन 

खरपतवार नाशियों से पार पाना उतना आसान नहीं होता है .

संदूषण का आज आलम यह है ,कोई २ ३ किस्में खरपतवार की अब सुपरवीड्स की श्रेणी में चली आई  हैं .

          इन फसलों की कथित निरापदता भी हालिया दीर्घावधि  अध्ययनों से बे -साख्ता निशाने पे आई है .फ्रांस के माहिरों ने जब कोई दो साल तक चूहों को,मशहूर  बीज निगम द्वारा तैयार की गई  'Monsanto's Round -up -Ready GM maize खिलाई तब देखने में आया ,इनके गुर्दे आकार में बहुत बढ़ गए हैं .इनकी स्तन ग्रन्थियों में ट्यूमर (अर्बुद या कैंसर गांठ )बन गए हैं .

शरीर के अन्य प्रमुख अंगों में समस्याएं प्रगटित हुई .इनमें मृत्यु दर भी ज्यादा दर्ज़ हुई .

Against the usual practice of such studies involving feeding rats with GM foods for 90 days ,Giles -Eric Seralini ,a molecular biologist at the University of Caen in France had for the first time ever experimented with rats for two years ,which corresponds to the entire human lifespan .As expected ,the shocking results ,peer -reviewed and published in a respected scientific journal ,have already created quite a furore internationally .

ऐसे में कथित आनुवंधिक तौर पर सुधरी हुई फसलों की किसी भी  किस्म की बात करना वह भी आधुनिक मानव के इस्तेमाल के लिए दिमाग से पैदल होना ही कहलायेगा .  मानवीय स्वास्थ्य एवं हमारे पर्यावरण तंत्र के लिए ऐसे में खतरे ही खतरे  हैं .जबकि खाद्य पदार्थों की असल में कोई कमी भी नहीं है .

असल बात है और  एहम बात है: खाद्य पदार्थों की बर्बादी पे लगाम लगाना .सब तक इसकी पहुँच के मौके पैदा 

करना .तथा खाद्य पदार्थों के न्याय संगत  वितरण को सुनिश्चित  बनाना  ,कोई सुन  रहा है आसपास ?


नेशनल साइंस डे पर विशेष :इस बरस  राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का प्रतिपाद्य रहा है :

आनुवंशिक  तौर पास संशोधित फसलें और खाद्य सुरक्षा .

खाद्य सुरक्षा और जीनीय हेराफेरी से तैयार फसलें :

चंद हफ्ता पहले वार्षिक ऑक्सफोर्ड फारमिंग कांफ्रेंस के समक्ष बोलते हुए अपने वक्तव्य में पर्यावरण विद्रोही Mark Lynas ने  विज्ञानों की राष्ट्रीय  अकादमी के परिपत्रों में प्रकाशित शोध के हवाले से बतलाया -आइन्दा बढती हुई  आबादी का पेट भरने  के लिए आज के बरक्स दोगुने खाद्यान्नों  की ज़रुरत पड़ेगी .आनुवंशिक तौर पर सुधरी फसलों की नस्ल ही इस मांग को पूरा कर सकती है . लक्षित वर्ष २ ० ५ ० का पेट भरने के लिए हमें आनुवंशिक तौर पर सुधरी हुई फसलें चाहिए जिनसे कम खाद पानी ,कम खरपतवार नाशी के   इस्तेमाल से ही प्रति एकड़ ज्यादा फसल (फसली उत्पाद )मिल सकती है .

चलिए खंगाल लेते हैं दोनों तर्कों को उपलब्ध तथ्यों के आईने में :

विश्व की आबादी आज सात अरब है जो २ ० ५ ० के बरस तक बढ़के ९ अरब हो जायेगी .संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार २ ० १ २ में दुनिया भर में ८ ७ करोड़ से भी ज्यादा लोग बे -साख्ता अल्पपोषित थे ,२ ५ करोड़  भारतीय भूख से बे हाल थे .इन आंकड़ों से यह भ्रम पैदा होता है दुनिया में सचमुच  खादायान्नों का तोड़ा है ".जीएम क्रोप्स " के समर्थन में हवा बनाने के लिए हर मंच, हर आलमी बैठक में ये ही आंकड़े उछाल दिए जाते हैं . 

हकीकत यह है: न आलमी स्तर पर और न भारत में ही खादायान्नों की कमी  है .चलिए वर्ष २ ० १ २ के (आलमी स्तर पर) कृषि उत्पाद पर नजर डालतें हैं . बावजूद इसके ,इस बरस अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ज़बरजस्त सूखे की लपेट में आये दुनिया में तब भी २ २ ३ ९ .४ मिलियन मीट्रिक टन अनाज पैदा हुआ .इससे १ ३ अरब लोगों का पेट भरा जा सकता है .हरेक के हिस्से में तब भी तकरीबन एक पोंड अनाज आयेगा .दूसरे  शब्दों में आज जितना अन्न भूमंडलीय स्तर पर पैदा होता है उतने से आज भी १ ४ अरब लोगों का पेट भरा जा सकता है .

प्रत्येक आदमी को आज भी ४ ६ ० ० केलोरीज़ वाला भोजन उपलब्ध कराया जा सकता है जबकि सिफारिश २,४ ० ० केलोरीज़ प्रतिदिन की जाती है .(स्रोत : International Assessment  of Agriculture knowledge ,Science and Tecnology for Development (IAASTD).

कहाँ है अन्न संकट ?

संकट अन्न के  (कु )प्रबंध से जुड़ा है हर कोई आँख मूंदे है इस ओर  से .

अन्न की बर्बादी :

अमरीका ,कनाडा और योरोप में ४० % खाद्यान इस्तेमाल न होने के कारण फैंक दिया जाता है बर्बाद हो जाता है .

हर बरस अमरीकी १ ६ ५ अरब डॉलर का खाद्यान बेकार कर देते हैं .इतने से पूरे उपसहारवी अफ्रीका  का भरणपोषण हो सकता है .

इटली में जितना खाद्यान्न बेकार कर दिया जाता है उतने से हंगरी और इथियोपिया दोनों का पेट भर सकता है .आलमी स्तर पर पैदा किया गया ५ ० % खाद्यान्न बेकार चला जाता है .(स्रोत :UK Institution of Mechanical Engineers ).

अमरीका के सुपर बाज़ारों में भंडारित कुल फल और तरकारियों का ५ ० % व्यर्थ हो जाता है .सड़ने की वजह से  इसे फैंक दिया जाता है .इस बर्बादी को हटाने का मतलब दुनिया से भूख और कुपोषण का नामोनिशाँ मिटा देना है .

चलिए बात भारत की करते हैं :

१ जनवरी २ ० १ २ ,छ :करोड़ साठ लाख टन (६ ६ मिलियन टन )खाद्यान्न था इस वक्त यहाँ पर .इस अनाज को बोरियों में भरके यदि बोरियाँ एक के ऊपर एक रख दी जाएँ तो  यह चन्द्रमा को छूके पृथ्वी को दोबारा छू लेंगी  .२ ० ० १ के बाद से हर साल यहाँ इतना ही अन्न पैदा होता रहा है .

फ़ालतू अनाज का निर्यात कर देती है हमारी "नरेगा" वाली आम आदमी की सरकार .इस आर्थिक बरस (२ ० १ १ - १ २ )में भी जहां ९. ५ मिलियन गेंहूँ निर्यात होगा वहीँ चावल के लिए यह आंकड़ा ९ मिलियन टन के पार जा चुका है .


सरकार खादायान्नों की सरकारी खरीद बंद करने का मन बनाए हुए है .आम आदमी को बाज़ार के हवाले कर दिया जाएगा .

(ज़ारी )


विशेष :दूसरी क़िस्त में पढ़िए आनुवंशिक तौर पर सुधरी फसलों की हकीकत  ,कितना खतरनाक है यह खेल जो खेला जा रहा है .
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GM Crops and food security

नेशनल साइंस डे पर विशेष :इस बरस  राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का प्रतिपाद्य रहा है :

आनुवंशिक  तौर पास संशोधित फसलें और खाद्य सुरक्षा .

खाद्य सुरक्षा और जीनीय हेराफेरी से तैयार फसलें :

चंद हफ्ता पहले वार्षिक ऑक्सफोर्ड फारमिंग कांफ्रेंस के समक्ष बोलते हुए अपने वक्तव्य में पर्यावरण विद्रोही Mark Lynas ने  विज्ञानों की राष्ट्रीय  अकादमी के परिपत्रों में प्रकाशित शोध के हवाले से बतलाया -आइन्दा बढती हुई  आबादी का पेट भरने  के लिए आज के बरक्स दोगुने खाद्यान्नों  की ज़रुरत पड़ेगी .आनुवंशिक तौर पर सुधरी फसलों की नस्ल ही इस मांग को पूरा कर सकती है . लक्षित वर्ष २ ० ५ ० का पेट भरने के लिए हमें आनुवंशिक तौर पर सुधरी हुई फसलें चाहिए जिनसे कम खाद पानी ,कम खरपतवार नाशी के   इस्तेमाल से ही प्रति एकड़ ज्यादा फसल (फसली उत्पाद )मिल सकती है .

चलिए खंगाल लेते हैं दोनों तर्कों को उपलब्ध तथ्यों के आईने में :

विश्व की आबादी आज सात अरब है जो २ ० ५ ० के बरस तक बढ़के ९ अरब हो जायेगी .संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार २ ० १ २ में दुनिया भर में ८ ७ करोड़ से भी ज्यादा लोग बे -साख्ता अल्पपोषित थे ,२ ५ करोड़  भारतीय भूख से बे हाल थे .इन आंकड़ों से यह भ्रम पैदा होता है दुनिया में सचमुच  खादायान्नों का तोड़ा है ".जीएम क्रोप्स " के समर्थन में हवा बनाने के लिए हर मंच, हर आलमी बैठक में ये ही आंकड़े उछाल दिए जाते हैं . 

हकीकत यह है: न आलमी स्तर पर और न भारत में ही खादायान्नों की कमी  है .चलिए वर्ष २ ० १ २ के (आलमी स्तर पर) कृषि उत्पाद पर नजर डालतें हैं . बावजूद इसके ,इस बरस अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ज़बरजस्त सूखे की लपेट में आये दुनिया में तब भी २ २ ३ ९ .४ मिलियन मीट्रिक टन अनाज पैदा हुआ .इससे १ ३ अरब लोगों का पेट भरा जा सकता है .हरेक के हिस्से में तब भी तकरीबन एक पोंड अनाज आयेगा .दूसरे  शब्दों में आज जितना अन्न भूमंडलीय स्तर पर पैदा होता है उतने से आज भी १ ४ अरब लोगों का पेट भरा जा सकता है .

प्रत्येक आदमी को आज भी ४ ६ ० ० केलोरीज़ वाला भोजन उपलब्ध कराया जा सकता है जबकि सिफारिश २,४ ० ० केलोरीज़ प्रतिदिन की जाती है .(स्रोत : International Assessment  of Agriculture knowledge ,Science and Tecnology for Development (IAASTD).

कहाँ है अन्न संकट ?

संकट अन्न के  (कु )प्रबंध से जुड़ा है हर कोई आँख मूंदे है इस ओर  से .

अन्न की बर्बादी :

अमरीका ,कनाडा और योरोप में ४० % खाद्यान इस्तेमाल न होने के कारण फैंक दिया जाता है बर्बाद हो जाता है .

हर बरस अमरीकी १ ६ ५ अरब डॉलर का खाद्यान बेकार कर देते हैं .इतने से पूरे उपसहारवी अफ्रीका  का भरणपोषण हो सकता है .

इटली में जितना खाद्यान्न बेकार कर दिया जाता है उतने से हंगरी और इथियोपिया दोनों का पेट भर सकता है .आलमी स्तर पर पैदा किया गया ५ ० % खाद्यान्न बेकार चला जाता है .(स्रोत :UK Institution of Mechanical Engineers ).

अमरीका के सुपर बाज़ारों में भंडारित कुल फल और तरकारियों का ५ ० % व्यर्थ हो जाता है .सड़ने की वजह से  इसे फैंक दिया जाता है .इस बर्बादी को हटाने का मतलब दुनिया से भूख और कुपोषण का नामोनिशाँ मिटा देना है .

चलिए बात भारत की करते हैं :

१ जनवरी २ ० १ २ ,छ :करोड़ साठ लाख टन (६ ६ मिलियन टन )खाद्यान्न था इस वक्त यहाँ पर .इस अनाज को बोरियों में भरके यदि बोरियाँ एक के ऊपर एक रख दी जाएँ तो  यह चन्द्रमा को छूके पृथ्वी को दोबारा छू लेंगी  .२ ० ० १ के बाद से हर साल यहाँ इतना ही अन्न पैदा होता रहा है .

फ़ालतू अनाज का निर्यात कर देती है हमारी "नरेगा" वाली आम आदमी की सरकार .इस आर्थिक बरस (२ ० १ १ - १ २ )में भी जहां ९. ५ मिलियन गेंहूँ निर्यात होगा वहीँ चावल के लिए यह आंकड़ा ९ मिलियन टन के पार जा चुका है .


सरकार खादायान्नों की सरकारी खरीद बंद करने का मन बनाए हुए है .आम आदमी को बाज़ार के हवाले कर दिया जाएगा .

(ज़ारी )


विशेष :दूसरी क़िस्त में पढ़िए आनुवंशिक तौर पर सुधरी फसलों की हकीकत  ,कितना खतरनाक है यह खेल जो खेला जा रहा है .
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संकट अन्न के  (कु )प्रबंध से जुड़ा है हर कोई आँख मूंदे है इस और से .

ओलिव आइल का मायावी संसार और हकीकत

ओलिव आइल का मायावी संसार और हकीकत 

(दूसरी क़िस्त )

आलमी स्तर पर ओलिव आइल एक ऐसा उद्योग बन चला है जो दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है .अभी तक उत्पादक और उपभोक्ता के रूप में स्पेन और इटली ही आगे थे अब अमरीकी तेज़ी से पैर पसार रहें हैं इस उद्यम में .दूसरों की देखा देखी  अब मेडीटरेनियन खुराक का जादू अमरीकियों के भी सर चढ़के बोल रहा है .देखते ही देखते अमरीका भूमंडलीय स्तर पर इसका तीसरा  सबसे बड़ा उपभोक्ता बन बैठा है .

     भारत और चीन में भी एक खाद्य तेल के रूप में इसे मान्यता मिल रही है .भविष्य में ये दोनों देश बड़े उपभोक्ता और उत्पादक बनके उभर सकते हैं .

सौंदर्य प्रसाधनों  में भी जैतून का तेल छा जाने वाला है 

वेब साईट  ओइल्व आयल रिसोर्स के मुताबिक़ प्राचीन यूनानवासियों को एक सौन्दर्यवर्धक प्राकृत साधन (उपादान )के रूप में इसकी जानकारी थी .कुदरत ने ही उन्हें समझाया था -इनमें मौजूद वह तत्व जिन्हें हम आज एंटीओक्सिडेंट के नाम से जानते हैं और जो कोशाओं की टूट फुट की भरपाई कर लेते हैं बाहरी चर्म कवच की सेहत के लिए भी सर्वोत्तम साधन हैं . 

त्वचा की शुष्कता कम करने वाली विशेष क्रीम (इस्किन माइश्चराइज़र )से लेकर नेल केयर किट तक सभी में ओलिव आइल का जादू छाया हुआ है .


If you're not ready to spring for the professional products, you can use olive oil at home to create a hair mask or as a cheap eye makeup remover.

Olive oil is high in a type of fat known as monounsaturated fat, which can help lower your cholesterol and control insulin levels.






बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

ओलिव आयल :विज्ञापन का मायावी जाल और हकीकत

ओलिव आयल :विज्ञापन का मायावी जाल और 

हकीकत 

हाल ही में साइंसदानों ने बतलाया था -आलिव आइल (जैतून )के तेल में पकाया गया भोजन ,एक्सट्रा वर्जिन ओलिव आयल से तरबतर मेडीटरेनियन खुराक दिल और दिमाग के दौरे के खतरे ,हृद रोगों से होने वाली मौत के जोखिम को खासा कम कर देती है .न्यू इंग्लैंड जर्नल आफ मेडिसन में प्रकाशित इस अध्ययन में बतलाया गया यह लाभ उन लोगों को मिलता है जो दिन भर में कमसे कम ४ टेबिल स्पून या इससे भी ज्यादा जैतून- तेल का इस्तेमाल अपनी खुराक के ज़रिये कर लेते हैं .

एक ख़ास किस्म की असंत्रिप्त वसा प्रचुरता में लिए रहता है जैतून का तेल जो खून में घुली चर्बी के स्तर को कम करने तथा शरीर में इन्सुलिन की मात्रा का विनियमन करने में एहम भूमिका निभाता है .यही मोनो -अनसेचुरेटिड फेटि एसिड्स (MUFA) एवोकेडो ,मेवों और तेलीय मच्छी में भी पाए जाते हैं .

बेशक जैतून के तेल में स्वास्थ्यकर वसाएं हैं लेकिन केलोरीज़ का अपना गणित है ."अति" यहाँ भी भली नहीं है .अधिक सेवन न करें जैतून के तेल का भी .इसे लेकर बेहद उत्तेजित या उत्साहित होने की भी ज़रुरत नहीं है .

बेशक जैतून के तेल में एक ऐसा एंटीओक्सिडेंट पोलिफिनोल्स  मौजूद है जो कोशाओं की टूट फुट ,क्षति को रोकता है .पोलिफिनोल्स में से  कुछ एक एंटीइन्फ्लेमेट्री गुण भी लिए हैं .

इन पोलिफिनोल्स के हमारे पाचन स्वास्थ्य एवं अस्थियों (Digestive health and bones ) पर पड़ने वाले असर की तथा कैंसर से एक बचावी उपाय के रूप में पड़ताल  साइंसदान करते रहें हैं कर रहें हैं .बोध संबधी (संग्यानात्मक )तथा याददाश्त पर पड़ने वाले इसके प्रभावों का भी अन्वेषण  किया जा रहा है .

एक्स्ट्रा वर्जिन की आड़ में इधर उपभोक्ता को कृत्रिम रंजकों से रंगा घटिया जैतून का तेल भेड़ा जा रहा है .नक्कालों से सावधान रहें यह खुलासा  रिपोर्टर Tom Mueller ने अपनी सद्य प्रकाशित किताब "Extra Virginity :The Sublime and Scandalous World of Olive Oil "   में किया है . ज़ाहिर है घटिया तेल से उक्त लाभ मयस्सर नहीं हो सकते .

"Virgin means made with physical processes not with chemistry ,"

Mueller told NPR ."Essentially ,you crush an olive and out drops 

the oil in extreme synthesis ."

भंडारण अवधि के दौरान इसे प्रकाश और गर्मी से बचाए रहना भी उतना ही ज़रूरी रहता( आक्सीकरण होने पर इससे मिलने वाला फायदा नदारद हो  जाता है .) इसीलिए  इसका डार्क ग्रीन ग्लास से बने पात्र में रखा जाना ज़रूरी होता है .इसकी भंडारण अवधि भी बस एक साल है जिस दौरान इसे कमरे के तापमान या फ्रिज में रखा जाना ही बेहतर रहता है .एक साल के बाद इससे प्राप्त विटामिन E ,बीटा कैरोटीन और अन्य फिनोल्स का स्तर भी घट जाता है स्वाद भी वह नहीं रहता है इससे बने खाद्यों में .

(ज़ारी )




5 things you may not know about olive oil


5 things you may not know about olive oil


 Nutritionists have long touted the heart-healthy benefits of extra-virgin olive oil.


Recently, researchers found that consuming a Mediterranean diet heavy in olive oil can help lower some heart risks. Consuming more than four tablespoons a day can significantly lower your risk of having a heart attack, suffering from a stroke or dying of heart disease, according to the recent study published in the New England Journal of Medicine.

Olive oil is high in a type of fat known as monounsaturated fat,according to the Mayo Clinic. MUFAs, as they're commonly called, can help lower your cholesterol and control insulin levels in the body. In addition to olive oil, they can be found in avocados, nuts and fatty fish.

Of course, that doesn't mean you can go overboard. Even though it's made of "healthy fats," olive oil is still high in calories and should be used in moderation. Here are five things you might not know about this Mediterranean staple:

It helps more than your heart. Olive oil is full of polyphenols, a type of antioxidant that helps protect your cells from damage. Certain polyphenols also have anti-inflammatory properties.

Scientists have been exploring the effects these polyphenols may have on bone and digestive health as well as looking into how they could help prevent cancer. Other researchers are looking into olive oil's potential for improving cognitive function and memory.


Your oil may not be extra-virgin. In 2011, reporter Tom Mueller released his book "Extra Virginity: The Sublime and Scandalous World of Olive Oil." In it, he revealed a world of deception where low quality oils and artificial coloring were being passed off as extra-virgin olive oils to the American public.

"Virgin means made with physical processes, not with chemistry," Mueller told NPR. "Essentially, you crush an olive and out drops the oil in extreme synthesis."


There are laws in Europe monitoring the use of an "extra-virgin" label, but the United States does not have strict regulations, according to Mueller.


And when companies taint the oil, Mueller said consumers lose "that wonderful cocktail of anti-inflammatories and antioxidants."


How you store it matters. When you're at the grocery store, look for olive oil that comes in a bottle made from dark green glass or another material that protects it from light, says Dr. John La Puma,founder of ChefMD.com.


Heat and light can damage the oil by creating oxidation, which changes the beneficial chemical compounds. Store your olive oil in a room-temperature cupboard or in the refrigerator to keep it cool.

A bottle of oil will last about a year on your shelf, according to theStillwater Olive Oil Co. "After this time, the taste and health benefits, such as Vitamin E, beta-carotene, and other phenol levels decrease dramatically," the company's website states.

Americans buy a lot of it. Olive oil is one of the fastest-growing global industries, according to a report from Research and Markets, an international market research and data site. While Spain and Italy top the list of both producers and consumers, Americans seem to have jumped on the Mediterranean diet bandwagon in full force.

The United States ranks third on the list of the world's largest olive oil consumers. But the U.S. may not be there for long, according to the report.

"It is expected that in the near future, India and China will be on the list of largest consumers of olive oil, as people have started recognizing the health benefits of olive oil and have accepted it as cooking oil," a release from the site says.


You don't have to eat it. Olive oil beauty products are a multibillion dollar business, according to the industry website Olive Oil Source.

"What many consumers don't realize is something that people living millennia ago in ancient Greece took for granted; that extra virgin olive oil, all by itself, is one of the best beauty secrets," the site says.

The same antioxidants that heal your internal cells may help protect your outer layer from damage. Olive oil can now be found in everything from skin moisturizers to nail care kits.

If you're not ready to spring for the professional products, you can use olive oil at home to create a hair mask or as a cheap eye makeup remover.

Olive oil is high in a type of fat known as monounsaturated fat, which can help lower your cholesterol and control insulin levels.


Wake -up call :Lack of sleep alters gene activity

HEALTH TIPS 

(1)DOING GOOD IS GOOD FOR YOUR HEART 

Giving back through volunteering is good for your heart ,even at a young age ,according to University of British Columbia researchers .They found that the feeling of wellbeing reduced levels of inflammation and cholesterol .

(2)Wearing heels throws your balance off centre ,makes your walk unnatural and leads to back problems .

(3)Build up reserves of calcium and strengthen your bones ,especially before you turn 35.

ध्यान रहे खुद नहीं बनाता है हमारा शरीर केल्शियम .या तो खुराकी केल्शियम या फिर केल्शयम  सम्पूरण लीजिए .केल्शिअम  की शरीर द्वारा ज़ज्बी के लिए आधा घंटा रोज़ धुप का सेवन भी ज़रूरी है . 

(४)Wake -up call :Lack of sleep alters gene activity 

इस समय भारत के कोई दस फीसद लोग अनिद्रा रोगों से ग्रस्त हैं ये लोग अव्वल तो गहरी नीदं ले नहीं पाते सो भी गए तो कायम नहीं रह पाते नींद की उस अवस्था में देर तक .

Surrey विश्वविद्यालय के रिसर्चदानों के अनुसार हफ्ते भर भी नींद पूरी न ले पाने से सैंकड़ों जीवन इकाइयों की कार्य प्रणाली गड़ -बड़ा  जाती है विच्छिन्न हो जाती है .

जो लोग छ :घंटे से भी कम ही सो पाते हैं उनकी कमसे कम ७ ० ० जीवन इकाइयां ठीक से काम नहीं कर पातीं  .इनमें वह जीवन इकाइयां (Genes)भी शामिल हैं जो Inflammation (रोगों से पूर्व की एक स्थिति ),रोगप्रतिरक्षण और स्ट्रेस के प्रति प्रतिक्रिया (अनुक्रिया या रेस्पांस )को नियंत्रित करती ,रखतीं हैं .

The research shows that inadequate sleep reduced the number of genes that normally peak and wane in expression throughout the 24 -hour day from 1,855 to 1,481.

The authors found that the number of genes affected by a sleep deprivation was seven times higher after a week of insufficient sleep.


ब्लड प्रेशर कम करने के वैकल्पिक तरीके :खानपान और मुद्राएं और ...


PRESSURE IN CONTROL (तीसरी क़िस्त )

Here are 10 pill -free ways to keep your blood pressure in check 

this summer

(७)SEE MORE GREEN 

शांत और सुन्दर ,मनोहर दृश्य देखते रहने से ब्लड प्रेशर ९ फीसद तक 

कम हो जाता है .प्रकृति नटी का अपना अनुपम सौन्दर्य है जिसके संसर्ग 

में दिमाग में अल्फा तरंगें बनती रहतीं हैं .ये तरंगें हमारे केन्द्रीय 

स्नायुविक (तंत्रिका )तंत्र को प्रशान्त करती हैं .प्रेशर (स्ट्रेस ,दवाब 

)बढ़ाने  वाले एक हारमोन कोर्टीसोल का स्तर कम करता है प्रकृति का 

संग साथ .

Hanging a beautiful nature photo in your room or opening the blinds -if you are lucky enough to have a soothing view -also work .
क्या यही वजह है नारियल के ऊंचे ऊंचे वृक्षों का झुरमुट  ,नोफ्रा कोलाबा 

तटबंध से बहती हवाओं के साथ झूमता गाता हमें 

 सुबह शाम अपनी ओर  खींचता है ? कई निर्भाग यहाँ भी प्रकृति का नाद 

छोड़ आई पोड पे झूमते भागते हैं पसीना पसीना होके .जबकि सुबह शाम 

का अपना मौन संगीत है .पक्षियों का निरंतर कलरव गान है 

.जलसमाधि लेता सूर्य है .

(८ )SIT STRAIGHT 

There are nerves in your neck that send calming messages to your brain and slouching squishes the vertebrae and discs in your neck ,pinching the delicate nerves and hindering their function .When you slouch  and sit ,it ups your blood pressure by as much as 16 per cent.

जब आप सिर  और बाहें लटकाते हुए बैठते हैं ,तब गर्दन की कशेरुकाएँ और डिस्क के दबके विकृत होजाने से गर्दन की तंत्रिकाओं (नसों द्वारा )दिमाग को भेजे जाने वाले चित्त प्रशान्तिकारक संकेत बिखर जाते हैं .ये तंत्रिकाएं अपना काम ठीक से नहीं कर पाती हैं जबकि पालथी मार्के सीधे बैठने पर ये ही गर्दन रीढ़ की हड्डियों के बीच की गुर्रियों के अंश (गर्दन कशेरुकाएं )प्रशामक संकेत दिमाग को पहुंचाती हैं .

सिर और बाहें लटकाके बैठने से आपका ब्लड प्रेशर इसीलिए १६ %तक बढ़ जाता है .

(९)TAKE DEEP BREATHS 

Breathing slowly and deeply ,taking 10 relaxed breaths per minute ,instead of the more common 16 ,helps women slash 14 points off their blood pressure in one month .Calm breathing stalls production of stress hormones and that is essential for keeping arteries relaxed and blood pressure in check .

आम तौर पर महिलाएं एक मिनिट में १६  बार सांस लेती हैं .यह शेलो ब्रीदिंग   है .एक मिनिट में धीरे धीरे आराम से लेकिन गहरी सांस कुल दस बार लेने से ,लेते रहने से महीना भर में ही महिलाओं का रक्त चाप १ ४ पाइंट तक कम हो सकता है .आराम से सही सांस लेने की आदत स्ट्रेस होरमोन के स्तर पर लगाम लगा देती है .यह धमनियों के शिथलीकरण के लिए भी ज़रूरी है .रक्त चाप के नियंतर्ण में भी एहम भूमिका निभाता है .

PRESSURE IN CONTROL (II INSTALLMENT) 

Here are 10 pill -free ways to keep your bloos pressure in check 

this summer

(दूसरी क़िस्त )

(5)STOCK UP ON POTATOES 

लुत्फ़ उठाते हुए स्वाद का जायके दार एक बड़ा आलू रोज़ खाइए .ध्यान रहे यह तंदूरी हो सकता है ,उबला हुआ भी लेकिन तला हुआ न हो किसी भी तेल में .ऐसा करते रहने वालों में से ८  फीसद लोगों का रक्त चाप काबू में आ जाता है .चालू मेडिकेशन दवा दारु भी घटके पहले से आधा खुराक पे आ सकती है .

आलू (Tubers )में पोटेशियम का प्राचुर्य रहता है ,Chlorogenic acid और Tryptophan भी मिलता है इसके इस विध सेवन से .ये    मिलके रक्त वाहिकाओं को शिथिल किये रहते हैं खोले रहते हैं .

For top -notch blood pressure control ,eat the skin .That is where most of the potato's nutrients are stored.

(6)DITCH A 'LOW -FAT' FOOD 

The problem with processed foods that claim are low fat or fat free is that in order to give them a decent texture and taste ,manufacturers pack them with sugar ,which is a potent ,high blood pressure trigger .When your blood sugar surges ,it causes damaging inflammation inside your blood vessels ,escalating the build up of the artery stiffening plaque.

बारहा हाइप किया गया डिब्बा बंद संसाधित खाद्य ,कथित लो केलोरी ,फेट  फ्री खाद्य अक्सर चीनी से लदा रहता है जिसका इस्तेमाल उसे ख़ास स्वाद और रंग रूप, रंगत और क  टेक्सचर प्रदान करता है .यही शुगर उच्च रक्त चाप को प्रेरित करता है ऐड़ लगा देता है ट्रिगर बन जाता है  हाइपरटेंशन का .रक्तचाप में आकस्मिक घटबढ़ रक्त वाहिकाओं की दीवारों में रॊग पूर्व की एक स्थिति इन्फ्लेमेशन पैदा कर देती है .यही उछाल और इन्फ्लेमेशन अन्दर की  दीवारों पे प्लाक की परतों के बढ़ने को हवा देती है . 

PRESSURE IN CONTROL -(पहली क़िस्त )

Here are 10 pill -free ways to keep your blood pressure in check 

this summer

(1)DRINK COCONUT WATER 

नारियल पानी के प्रत्येक २ ० ओंज में १ ५ ० ० मिलीग्राम पोटेशियम रहता है .नारियल पानी में मौजूद तत्व केन्द्रीय  स्नायुविक तंत्र (Central nervous system )को शांत रखने में मददगार सिद्ध होते  हैं . .व्यस्तता बहुत अधिक हो जाने पर यह धमनियों को नुक्सान पहंचाने वाले बढे हुए रक्तचाप से राहत दिलवाते हैं  .

अध्ययनों से पता चला है ७ १ फीसद लोगों में यह उच्च रक्त चाप को ११ पाइंट कम करने में सहायक सिद्ध होता है .

(२)SEASON WITH SESAME OIL 

तिल के तेल में स्वास्थ्य वर्धक बहु -असंत्रिप्त  वसीय अम्ल (HEALTHY POLYUNSATURATED FATTY ACIDS) मौजूद रहते हैं .इसमें बहुत ख़ास यौगिक भी रहतें हैं जिन्हें SESAMIN COMPOUNDS कहा जाता है .दोनों का संयुक्त  असर रक्त वाहिकाओं की दीवार को शिथिल करता है फलतय :उच्च रक्त चाप में आने वाली आकस्मिक बढ़ोतरी (उछाल,SPIKES ) कम हो जाती है .राईस और सलाद की ड्रेसिंग के अलावा (चावल और सलाद पे इसे छिड़क सकते हैं )इसमें खाना पकाइए .

(३)COOK WITH CARDAMOM 

जिन लोगों को हाइपरटेंशन रहता है वह अपनी खुराक में आधा चम्मच छोटी इलायची कूट पीसके किसी भी विध शामिल करें .१ २ हफ़्तों में रक्त चाप को सामान्य करने में मदद मिलेगी . 

Cardamom is a slightly citrusy flavoured  spice ,which is packed with plant compounds that keep the muscles of your heart and arteries relaxed ,so pressure surges are less likely to occur. 

(४)DRINK TEA GENEROUSLY 

बिना दूध की चाय (Black Tea) बेहद हाइप की गई ग्रीन टी से भी बेहतर है .इसमें धमनी को शिथिल (relax )रखने वाले ज़रूरी एंटीओक्सिडेंट मौजूद रहतें हैं .टी बेग्स को चार पांच बार डिप करके इस्तेमाल करें फिर निकाल दें .

दिन भर तीन बड़े मग चाय पीजिये (तकरीबन ३६ ओंज ).हाइपरटेंशन के खतरे का वजन ६ ५ %कम हो जाएगा . 

(   ज़ारी ......)



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संदर्भ -सामिग्री :-www.mumbaimirror.com/you(MumbaiMirror ,FEBRUARY 26,2013,P23)

ब्लड प्रेशर कम करने के वैकल्पिक तरीके :खानपान और मुद्राएं और ...