ऊंची एडी की सैंडिल (स्तिलेत्तो ) की आदत नंगे पैर चलने लायक भी नहीं छोडती .फेशन जो ना कराये सो कम ।
जर्नल ऑफ़ एक्सपेरिमेंटल बायलोजी में मानचेस्टर मेट्रो -पोलिटन तथा वियेअना विश्व -विद्यालय औस्ट्रिया के साइंसदानों ने ऊंची एडी तथा फ्लेट -फुटिद सैंडिल पहनने वाली महिलाओं पर संपन्न एक अध्धय्यन में पता लगाया है ,हाई -हील सैंडिल पहनने की अभयस्त महिलाओं की टांग की पिंडली की पेशियों के तंतु (मसल फाइबर्स )औसतन १३ फीसद छोटे रह जातें हैं .,फ्लेट या प्लेटफोर्म फुटिद सैंडिल पहनने वाली महिलाओं के काफ मसल्स की फाइबर्स की लम्बाई के बरक्स ।
इसका मतलब यह हुआ ,जब पेशी को लघुतर स्पेस ही मिल पाता है ,तब तंतु सिकुड़ कर छोटे हो जातें हैं .नतीज़तन पेशियों को भी इसी अनुपात में सिकुड़ना सिमटना पड़ जाता है .इसका मतलब यह भी हुआ ,काफ मसल्स अपना काम सुचारू और आदर्श रूप नहीं कर पाते .नतीज़तन फ्लेट फुटिद सैंडिल के बरक्स कमतर बल ही पैदा हो पाता है ।
बेशक इसकी भरपाई पिंडली की पेशियों में आकिलीज़ टेंडन(टांग के भीतर का मज़बूत अति महीन पदार्थ जो पिंडली को एडी से जोड़ता है )कर लेता है ,ताकि काफ मसल आदर्श रूपसे अपनी पूरी क्षमता से काम कर सके ।
लेकिन बेयर फुट (नंगे पाँव )चलना दुश्वार ,कष्ट प्रद हो जाता है हाई -हीलर्स का .ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अब टेंडन ठीक से और पूरी तरह स्ट्रेच ही नहीं हो पाते ।
इस स्थिति से बचाव के लिए स्तिलेत्तो की शौक़ीन महिलाओं को साइंसदानों ने नियमित स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करते रहने की सलाह दी है .ताकि घर- बार में ही सही नंगे पैर चलने फिरने की तकलीफ से बचा जा सके .
रविवार, 18 जुलाई 2010
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