फ्रांस के दन्त विशेषज्ञों ने एक ऐसा ज़ेल बना लिया है जो बस चाँद हफ़्तों में ही खोखलेदान्तों को पाट देगा .इतना ही नहीं फीलिंग्स का आइन्दा के लिए भी झंझट ख़त्म हो जाएगा क्योंकि यह जैल क्षय हो चुके दन्त को दोबारा से उगा देगा .दरअसल यह कोशाओं के विभाजन के क्रम को एक बार फिर से प्रेरित कर देगा .कोशिकाएं द्विगुणित होंगी इस जैल के जादुई असर से ऐसा दावा किया गया है ।
स्वस्थ नए ऊतक पनपेंगें .बस यही ऊतक (टिश्यु )क्षय हो चुके दन्त का स्थान धीरे धीरे ले लेंगें .आजमाइशों में ऐसा लैब में हासिल करके दिखाया गया है .वह भी बस चार सप्ताह के छोटे से वक्फे में ।
दरअसल इया जैल को मिलेनो -साईटप्रेरक एक हारमोन से संयुक्त किया गया है .पैरिस के नॅशनल इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च के माहिरों के अनुसार नव दन्त ऊतक पहले से अपेक्षाकृत ज्यादा मजबूत और टिकाऊ साबित होंगें .वास्तव में दन्त्य-माहिरों ने एम् एस एच को एक रसायन "पोली -एल -ग्लुटामिक एसिड "के साथ संयुक्त किया है .इसी मिश्र का जैल तैयार करके डेंटल पल्प फाइबरो -ब्लास्ट्स नामक कोशाओं पर मला गया है .इसे इंसानी दांत से ही प्राप्त किया गया है .(कितने ही लोगों के दांत चिकित्सा कारणों से निकालने पडतें हैं ,ये कोशायें डेंटल पल्प फाइबरो - -ब्लास्ट्स इन्हीं एक्स्ट्रेक्तिद टीथ से जुटाई गईं थीं ।
पता चला देखते ही देखते जैल के जादुई असर से कोशाओं की बढ़वार को जैसे पंख लग गएँ हैं .इतना ही नहीं इसने एक गोंद (अदेह्सिव )का भी काम किया .लिहाजा नव निर्मित कोशायें परस्पर "लोक" होना भी शुरू हो गईं .
चूहों पर भी आजमाइशें की गईं .डेंटल केव्तीज़ पर जैल लगाया गया .जादुई असर हुआ .लेदेकर एक महीने में ही केविटी फुर्र हो गईं .अलबत्ता इसे बाज़ार में आने में ३-५ बरस लग जायेंगें .
बुधवार, 28 जुलाई 2010
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1 टिप्पणी:
अगर यह आविष्कार वाकई सफल रहता है तो लोगों को बहुत राहत मिलेगी।
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