डायबिटीज़ पैन से आगे निकल सकता है कल फ्लू का टीका शक्लो -सूरत में "बैंड ऐड "सा ,माइक्रो -नीडिल से लैस .इधर फाया चमड़ी से चिपकाया उधर माइक्रो -नीडिलस चमड़ी में घुलकर ख़त्म और दवा चमड़ी के अन्दर .डाक द्वारा लिफ़ाफ़े मेभी आ सकता हैकल यह फ्लू वेक्सीन ,दर्द रहित शाट बनकर .बिलकुल निकोटिन पैचिज़ की तरह ।
रिसर्चर फ्लू की काट के लिए एक ऐसा ही साल दर सालखुद ही लिए जा सकने योग्य फ्लू पैच बना लेना चाहतें हैं ।
नेचर मेडिसिन विज्ञान पत्रिका में जियोर्जिया इन्स्तित्युत ऑफ़ टेक्नोलोजी के रिसर्चरों ने इस पैच के बारे में लिखा है .इसकी बिजनिस साइड बिलकुल एक सैन -पेपर जैसी ही होगी ।
परीक्षणों में (इन टेस्ट्स ऑफ़ माइक्रो -नीडिलस विदाउट वेक्सीन )इससे पैदा पीड़ा को परम्परा गत टीके से पैदा पैन का १/१० -१/२० वां हिस्सा भर बतलाया गया है .यानी तकरीबन सभी ने इसे दर्द के एहसास से रहित ही बतलाया है ,पर्फेक्ली पैनलेस रहेगा यह फ्लू पैच ।
निकोटिन पैच त्वचा के नीचे निकोटीन छोड़कर अपना असर दिखलाता है लेकिन ऐसे प्रयास फ्लू टीके के मामले में अब तक कामयाब नहीं रहें हैं .
बेशक जोर्जिया टेक वर्क में वेक्सीन को अभी भी इंजेक्ट ही किया जाता रहा है .लेकिन नीड़ील्स यक़ीनन अति सूक्ष्म हैं इनके स्तेमाल केलिए कोई प्रशिक्षण लेना भी ज़रूरी नहीं है .दर्द रहित हैं यह माइक्रो -नीड़ील्स ।
अब ना दर्द का भय रहा है ना लेफ्ट ओवर हाई -पो -दर्मिक नीड़ील्स को ठीक से ठिकाने लगाने का जोखिम .लक्ष्य रहा है एक पेशेंट फ्रेंडली वेक्सीन .लोग बाग़ खुद से इसे लगा सकेंगें .संभावना यही है ,यह ज़ल्दी ही आपको नसीब होगी ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-नीडिल पैच टेक्स दी पैन आउट ऑफ़ फ्लू शोट्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जुलाई २० ,२०१० ,पृष्ठ ,१५ )
बुधवार, 21 जुलाई 2010
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