भारत के गुजरात और राजस्थान दो ऐसे राज्य रहें है जहां दूध का उत्पादन स्थानीय खपत से भी ज्यादा होता रहा है .इसी स्थिति का दोहन शोषण करने के लिए नेशनल डैरी डेवलपमेंट बोर्ड ने १९७० में बड़े पैमाने पर पशुचिकत्सा विषयक केन्द्रों ,दूध को देर तक जीवाणु रहित बनाए रखने वाले प्रशीतक संयंत्रों (मिल्क चिलिंग सेंटर्स ),दुग्ध संशाधित करने वाले केन्द्रों की स्थापना करदुग्ध सहकारी आन्दोलन कोएक नै ताकत प्रदान की .आनंद मिल्क यूनियन लिमिटिड (ए एम् यु एल यानी अमूल ) तभी से राष्ट्र की सेवा में रत है .बेशक इसे ओपरेशन फ्लड के तहत खाद्य एवं कृषि संस्था से इमदाद के बतौर बटर -आयल और दुग्ध पाउडर इफरात से मिला ।
यहीं से भारत में एक स्वेत क्रान्ति का आगाज़ हुआ .आज भारत अग्रणी दुग्ध उत्पादक मुल्कों की कतार में खड़ा है .
रविवार, 25 जुलाई 2010
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