- वर्तमान व्यवस्था (स्क्रीनिंग गाइड लाइंस )के तहत केवल उन बच्चों के रक्त में घुली चर्बी (कोलेस्ट्रोल )की जांच का प्रावधान रखा गया है ,जिनके बाप -दादा हृद -रोगोंया फिर हाई -पर -कोलेस्त्रिमिया से ग्रस्त रहे आयें हैं .यानी हृद -रोग जिन परिवारों में चलता रहा है .,केवल उन्हीं नौनिहालों के खून में कोलेस्ट्राल की विस्तृत जांच की जाती है ।
- गौर तलब है ,फ्लू और मोटापा अमरीका भर में व्याप्त रहता है .हृद रोग की नींव भी गलत भ्रष्ट खान पान से बचपन में ही पड़ जाती है .बेहतर हो सिफारिशों को मान लिया जाए .इससे लाखों -लाख बच्चों को वक्त से कोलेस्ट्रोल कम करने वाली दवाएं दी जा सकेंगी .खान -पान सुधारने की हिदायतें भी .(खाते -पीते घरों के बच्चों के लिए भी ये सिफारिशें मौजूं हैं .एशियाईयों में धमनी जल्दी बंद हो जातीं हैं ,आनुवंशिक ,भौगोलिक वाजूहातों से .भारत की सेहत -के माई -बाप भी ध्यान दें ।
- सन्दर्भ -सामिग्री :-कोलेस्ट्रोल टेस्ट्स मस्ट फॉर किड्स से डॉक्टर्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई १३ ,२०१० )
मंगलवार, 13 जुलाई 2010
कोलेस्ट्रोल जांच की परिधि में नौनिहाल भी आयें .....
अमरीकी डॉक्टरों ने बाल -रोग -विज्ञान पत्रिका "पीडियाट्रिक्स "में हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है .सिफारिश की है ,सभी बालकों के खून में घुली चर्बी की जांच का दायरा विस्तृत किया जाए ।
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