पहले न्यूरो -साइंस को समझना होगा .स्नायुविक विज्ञान (न्यूरो -साइंस )हमारे दिमाग की संरचना एवं प्रकार्य(फंक्शन )सेताल्लुक रखता है ,नर्वस -सिस्टम (मस्तिष्क तथा समस्त स्नायु -मंडल )का अध्धय्यनभी "न्यूरो -साइंस "के तहत आता है ।
नर्व सेल या न्यूरोन क्या है ?
नर्व सेल मस्तिष्क और मष्तिष्क के अन्य अंगों के बीच सूचना वहन करती है .इसे स्नायु -कोशा या स्नायु-कोशिका भी कहा जाता है .ए सिंगिल सेल ऑफ़ दी ब्रेन इज काल्ड ए न्यूरोन .यह एक ऐसी दिमागी कोशा है जो दिमाग के एक हिस्से से दूसरे तक तथा दिमाग और शरीर के शेष अंगों के बीच सूचना संचार का सेतु बनती है ।
अब ज़नाब सारी खुराफात आदमी के दिमाग में ही तो उपजती है .इसीलिए "ला" और कानूनी मामलों में न्यूरो -साइंटिफिक साक्षी (साक्ष्य) का महत्त्व लगातार बढ़ रहा है ।
"न्यूरो -ला" एक नया अनुशाशन है ,एक अभिनव डिसिप्लिन है जो कानूनी दांव पैचों को और बारीकी में ले जा सकता है ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके ख़ास कर यौन आपराधिक मामलों ,बलात्कारऔर फिर ह्त्या आदि की तह दर तह खोली समझी जा सके .ज़ाहिर है इसके लिए एक मानकीकरण ज़रूरी है इन साक्ष्यों का .ताकि साक्ष्यों को कोई मेट ना सके ।
इस क़ानून के प्रस्तावकों का मानना समझना यह भी है ,इसका अपराध और अपराध बोध ,सज़ाकी अवधि और किस्म के निर्धारण में ,झूठ की पड़ताल ,और पूर्व -आग्रहों पर बेहद असर पड़ेगा .
रविवार, 25 जुलाई 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें