साइंसदानों ने विस्मृत तथा आदिनांक अबूझ भाषा लिपियों को बूझने अनूदित करने के लिए एक नायाब सोफ्ट वेयर तैयार कर लिया है .यह कंप्यूटर प्रोग्रेम अबूझ लिपियों को ज्ञात भाषिक स्वरूपों में रूपांतरित करने में समर्थ है .अबतक अनेक लिपियाँ ऐसी रहीं हैं जिनके कूटांकन को डी -कोड करना असंभव रहा आया है ।
मसाचुसेत्ट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलोजी के रिसर्चरों द्वारा विकसित इस प्रोग्रेम की मदद से ३,०००साल पुरानी "उगारितिक लैंग्युवेज़" का कूटवाचन मुमकिन हुआ है .गूढ़ (कूट )लेखन को पढ़ लेना समझ लेना इस सोफ्ट वेयर का अप्रतिम योगदान कहा जा सकता है उस दौर में जबकि अनेक भाषाएँ विस्मृति के गर्त में एक एक करके जा रहीं हैं ।
कूट लेखन को बूझकर ही यह सोफ्ट वेयर शब्द व्युत्पत्ति का सुराग लेलेता है .उपसर्ग और प्रत्यय (प्रिफिक्स )पूर्व -सर्ग या प्रिफिक्स तथा अनुलग्न या सफिक्स का भी पता लगा लेता है .इस प्रकार विश्लेषण को दोहरा कर इस सोफ्ट वेयर ने उगारितिक भाषा के तमाम मुद्रित प्रतीकों ,अक्षरों ,एवं शब्दों का एक खाका तैयार कर दिया ।इनके हेब्र्यु भाषा में पर्याय भी तैयार कर दिए .
१२०० बी सी के सीरिया में यह भाषा चलन में थी .
सन्दर्भ -सामिग्री :-नोवेल सोफ्ट वेयर तू डिकोड वर्ल्ड्स लोस्ट लैंग्युवेज़ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई २१ ,२०१० ,मुंबई एडिशन ).
बुधवार, 21 जुलाई 2010
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