बेशक इसका ठीक ठीक अंदाजा लगाना किसी के बूते की बात नहीं है ,.ऐसा समझा जाता है सबसे पहले अब से कोई २,८०० बरस पहले इनका चलन चीन में शुरू हुआ था ।
कुछ ने इसके आविष्कार का श्रेय ५०० बी सी के चीनी दार्शनिक मोजी और लू बन को देने की कोशिश की है ।
५४९ ए डी में पेपर काईट (कागज़ की बनी पतंगें )चलन में आ गईं थीं .उन दिनों यह "रेस्क्यू मिशन "यानी जोखिम ,किसीभी खतरनाक ,अप्रिय स्थिति से बचाव का सन्देश देतीं थीं .यानि सूचना तंत्र का अंग बनी हुईं थीं ।
अलबत्ता प्राचीन और मध्य -युगीन चीन में पतंगों का स्तेमाल दूरियां नापने ,हवा का रुख जानने समझने के लिए भी किया गया ।
सिग्नलिंग ,सैन्य-संचार ,लिफ्टिंग मेन आदि सेवाओं में भी इनका स्तेमाल होने लगा ।
आज पतंग -बाज़ी एक जाना पहचाना शौक है .
सोमवार, 26 जुलाई 2010
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