क्या हैं नाजका आकृतियाँ ?
दक्षिण -पश्चिम पेरू मरूस्थल में बहुत ही रहस्य -पूर्ण ज्यामितीय आकृतियाँ गरम रेत पर उकेरी गईं थीं सुदूर अतीत में .खगोल आधारित एक भविष्य कथन ,एक कथा या फिर धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा रहीं हो सकतीं हैं ये आकृतियाँ जोबेहद की तरतीब वार हैं .इन्हें "जी ई ओ जी एल वाई पी एच एस "जियोग्लिफ्स कहा जाता है ।
यह आकृतियाँ स्पाय -र्ल्स (कुंडली के आकार )की भी हैं ,विविध रूपा पशु -आकृतियों से भी मेल खातीं हैं .इनमे हज़ारों की तादाद में रिजूरेखाएं (सरल रेखाएं )भी हैं .इन्हें बहुत ही तरतीब से निर्दोष पूर्ण तरीके से उकेरा गया प्रतीत होता है ।
लोक -विशवास है यह रेखाएं यहाँ सुदूर अतीत में रहने वाले नाजका इंडियंस की देन हैं .इसीलियें इन्हें "नाजका रेखाएं "कहा जाता है ।
१९२० के दशक में इन रेखाओं को पहली मर्तबा देखा गया .भू -तल से देखने पर यह भले ही बेतरतीब भूल भुलैयां सी प्रतीत होंवें लेकिन एरियल -व्यू इन्हें एक पेट्रन में गुथीं दिखलाता है ।
हो सकता है यह किसी खगोलीय कैलेण्डर की अनुकृति प्रस्तुत करतीं रहीं हों .किसी धार्मिक अनुष्ठान कर्म काण्ड का हिस्सा रहीं हों ।
जो हों साइंसदान आदिनांक इन रहस्य मूलक आकृतियों से खासे विस्मित हैं .
रविवार, 18 जुलाई 2010
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