अपार्ट फ्रॉम टीथ, शार्क्स कैन किल देयर प्रे विद डेडली बेक -टीरिया(साईं -टेक /मुंबई मिरर जुलाई ३०,२०१० ,पृष्ठ ३० )खतरनाक दांतेदार मुक्तावली की स्वामिनी शार्क कहतें हैं दूर से ही खून सूंघ लेती है अलावा इसके खतरनाक बेक -टीरिया से भी यह वार करती है अपने शिकार पर .यहाँ तक के इनका स्पर्श भी जानलेवा हो सकता है ।
रिसर्च के मुताबिक़ शार्क जानलेवा ,दवा -रोधी जीवाणु की कोलोनी व्यवस्थित किये रहतीं हैं .आश्रय देतीं हैं डेडली ड्रग रेज़िस्तेंत बेक्टीरिया को .इनमे स्टेफी -लोकोक़स और ई -काली भी शामिल हैं .बेशक शार्क बेक्टीरिया से आदिनांक किसी संक्रमण की खबर तो नहीं है लेकिन सभी एनिमल्स में (जल और थल -वासी )में इनकी मौजूदगी चौंकाती ज़रूर है . अध्धययन के सह -लेखक साइंसदान जासों ब्लाच्क्बुर्ण (जेसन ब्लेक्बर्ण )कहतें हैं ड्रग रेज़ीस्तेंट बेक्टीरिया का किनारे से निरपेक्ष (रिगार्ड -लेस ऑफ़ डिस्टेंस फ्रॉम शोर ऑरइन्तेरेक्सन विद ह्यूमेन इन्फ़्ल्युएन्सिज़ ) किसी भी दूरी पर मिलना चिंता का वायस बन रहा है .
साइंसदानों के मुताबिक़ ये जीवाणु पेंसिलिन तथा दोक्सिसाइक्लीन जैसे एंटी -बायो -टिक्स से बे असर बने रहतें हैं .किनारे एवं खुले समुन्दर पर दोनों ही जगह शार्क्स में इनकी मौजूदगी हतप्रभ करने वाली हैं जहां (ओपीन सी )में तो इंसानों से इनका कोई इन्तेर्क्सन होने की संभावना ही नहीं रहती है ।
हो सकता है यह बा रास्ता मनुष्य के मलमूत्र के समुन्दर की राह हो लेने का नतीजा हो .(एकोर्डिंग टू ब्लेक बर्न ड्रग्स गिविन टू ह्युमेंस कुड सिम्पली बी एक्स्क्रीतिद एंड इवेंच्युँली फाइंड देयर वे इनटू दी ओशन .अलबत्ता इनके स्रोत की पड़ताल के लिए अभी और परीक्षणों के बाद ही कुछ निश्चय पूर्वक कहा जा सकेगा ।
लेकिन इंसानों और खुद शार्क्स पर इनके अभी तक कोई अवांछित पार्श्व प्रभाव दिखलाई नहीं दिए हैं ।
अलबत्ता इनसे मनुष्यों के संक्रमित होने पर इन्फेक्सन से जूझने में खासी मुश्किल पेश आ सकती है .
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