फीटस किक्स ट्यूमर इन वोम्ब ,सेव्ज़ मोम (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जुलाई २६ ,२०१० )।
उस जादुई गर्भस्थ ने पैदा होने से पहले ही अपनी माँ को गर्भाशय -कैंसर से बचा लिया .डॉक्टर्स ने सोचा यह मिस्केरिज (गर्भ आपसे आप गिरने का मामला )हो सकता है लेकिन यह क्या ?यह तो गर्भाशय का ट्यूमर है जो गर्भस्थ के लात मारने से अलग हो गया गर्भाशय से छिटक कर .अभी गर्भावस्था को १८ सप्ताह ही हुए थे .सामान्य अवधि गर्भावस्था की ४० सप्ताह होती है ।
माँ जो पेशे से एक सौन्दर्य विशेषग्य हैं क्लैरे (२६ वर्षीय )को गर्भ पात की सलाह दी गई ताकि उसके कैंसर काफ़ौरन इलाज़ शुरू किया जा सके लेकिन माँ ने साफ़ इनकार कर दिया .कैंसर महीनो से बढ़ता रहा था यदि गर्भस्थ की लात नहीं पडती ,तो यह इसी तरह निर्बाध बढ़ता रहता .अब यह अलग हो गया था छिटक कर .गर्भ जल थैली में यह भी बच्चे के साथ मुक्त रूप से गति कर रहा था ।
अब गर्भस्थ २६ सप्ताह का हो गया था यानी गर्भावस्थाअवधि संपन्न होने में अभी भी १४ सप्ताह बाकी थे .ट्यूमर अबतक आकार में तीन गुना बढ़ चुका था .डॉक्टरों ने दम्पति (क्लैरे और उसके पति हर्री )को फ़ौरन प्रसव करवाने कीसलाह दी .केवल बच्चे के ज़िंदा रहने की संभावना ४० फीसद रह गई थी ।
प्रसव कर वाया गया .बच्चे का लेदेकर वजन प्रसव के वक्त २ पौंड्स ही निकला .सैंट थोमस अस्पताल,लन्दन मेबच्चे का जन्म हुआ था .माँ को दिखलाने के बाद उसे गहन चिकित्सा कक्ष में अविलम्ब ले जाया गया ।
आज वह हंसता खेलता २ साल का है ।"जाको राखे साईंयां मार सके ना कोय ,होनी तो होके रहे ,लाख करे किन कोय .... "
सोमवार, 26 जुलाई 2010
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