पहले "एक्सटेसी "शब्द के अर्थ की विवेचना कर लें .आनंदातिरेक ,आह्लाद ,एन इंटेंस फीलिंग ऑफ़ हेपीनेस एक अर्थ है "एक्सटेसी" का ।
दूसरा अर्थ अकसर मौज मस्ती के लिए हाई -सोसायटी में ली जाने वाली एक इल्लीगल ड्रग के स्तेमाल से जुड़ा है .
किशोर भी इस एक्सटेसी की गिरफ्त में हैं .एक्सटेसी इज एन इल्लीगल ड्रग सी ११ एच १५ एन ओ २ (रासायनिक सूत्र है इस अवैधानिक दवा का ).यूस्ड इल्लिसितली एज अ स्तिम्युलेंत एंड रिलेक्सर ऑफ़ इन्हिबिसंस ।
एक्सटेसी इज अ मेंटल स्टेट ,युज्युअली कौज्द बाई इंटेंस रिलीजियस एक्सपीरिएंस ,सेक्स्युअल प्लेज़र आर ड्रग्स ,इन व्हिच सम -बडी इज सो दोमिनेतिद बाई एन इमोसन देत सेल्फ कंट्रोल एंड समटाइम्स कोंशशनेस आर लोस्ट ।
अब रिसर्च रिपोर्ट को लेतें हैं (कृपया विस्तार के लियें पढ़ें -एक्सटेसी कैन क्युओर पोस्ट -त्रौमेटिक स्ट्रेस ,दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जुलाई २० ,२०१० ,पृष्ठ १५ )।
एक अभिनव रिसर्च के अनुसार 'एक्सटेसी 'का स्तेमाल "पोस्ट त्रौमेटिक स्ट्रेस दिस ऑर्डर "की लपेट में आकर हताश हो चुके लोगों को सदमे से उबार लेने में मददगार हो सकता है ।
एक परीक्षण में इस दवा का जादुई असर देखा गया है जिसमे गत १९ सालों से सदमे की गिरिफ्त में चले आयेमरीजों को इस डेमन की गिरिफ्त से बाहर लाने में मदद मिली है ।
बस डॉक्टरों को दो साइकोथिरेपी सत्र ३-५ सप्ताह के अंतर से (सेसंस ) आयोजित करने पड़ें इन मरीजों के लिए .इन सत्रों में इस दवा "एक्सटेसी केमिकल "एमडीएम्ऐ को मरीजों पर आजमाया गया ।
दो महीनो के बाद उन तमाम लोगों को इससे छुट कारा मिल गया जिन्हें एक्सटेसी केमिकल दिया गया था .."मेडिकल देफिनीशन ऑफ़ पोस्ट त्रौमेटिक स्ट्रेस दिस -ऑर्डर "के लक्षणों का इनमे नामोनिशान नहीं रह गया था .
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