बुधवार, 31 अगस्त 2011

जब पड़ी फटकार ,करने लगे अन्ना अन्ना पुकार ....

जिन के हाथों में कल तक डंडे थे वो अब गुलदस्ते लेकर आ गयें हैं .दुश्मनी बहुत महंगी पड़ी अन्ना से इतनी की अब किसी से आँख भी न मिला पा रहें रहें हैं ।
जब पड़ी फटकार ,करने लगे अन्ना -अन्ना पुकार .
इस दौर में इन्हीं के कई प्रवक्ता अब स्वगत कथन करते से बुद्बुदातें हैं -"अन्ना जी में किसी दैवीय शक्ति का वास है .जो कुछ कह रहें हैं ,जो कुछ उनके मुख से निकल रहा है ,वही सच हो रहा है ."इसलिए अब ये दोस्ती का हाथ बढा रहें हैं ।
मेदान्ता में गेट वेळ सून के साथ "बोके "भेज रहें हैं ।
बशीर बद्र साहब बहुत पहले कह गए हैं -
दुश्मनी लाख सही ,ख़त्म न कीजे रिश्ते ,
दिल मिले या न मिले ,हाथ मिलाते रहिये ।
ये नया दौर है अन्ना से न बगावत करिए ।
सिर्फ पांच कौवे कांव कांव कर रहें हैं और इसे पूरी संसद का अपमान कह रहें हैं .क्रेनबेदी के संग विशेषाधिकार समिति में कड़े सवाल पूछने की बात कर रहें हैं ।

मंगलवार, ३० अगस्त २०११

नाट्य रूपांतरण किया है किरण बेदी ने .;

किरण बेदी जी ने जो कुछ कहा है वह महज़ नाट्य -रूपांतरण हैं उस जनभावना का जो भारतीय राजनीति के प्रति जन मन में मौजूद है .दृश्य की प्रस्तुति उनकी है .संवाद श्री ॐ पुरी जी के हैं ।
किरण ने घूंघट की ओढनी की ओट से जो कुछ कहा है वह सर्वथा भारतीय नारी की मर्यादा के अनुरूप है ,उपालम्भ शैली में है ।
पुरी सम्पूर्ण पुरुष है ,अपनी प्रकृति स्वभाव के अनुरूप कहा है जो कुछ कहा है .कहा किरण जी ने भी वही है .बस पुरुष और नारी के स्वभाव का सहज अंतर है यह ।
अनुपम खैर जैसी अजीमतर शख्शियत ने पुरी के वक्तव्य पर मोहर लगाते हुए कहा है -आम भारतीय घर में यही सब बोला जाता है इनसंसदीय - तोतों के बारे में जो विशेषाधिकार हनन की बात कर रहें हैं ।
बुलाये संसद और राज्य सभा की विशेषाधिकार समिति टीम अन्ना को ,ॐ जी को ,दस लाख लोग आजायेंगे उनके पीछे पीछे .इनकेसाथ अपने तोता पंडित वीरुभाई और वागीश जी भी होंगें .बेहतर हो डिब्बे का दूध पीने वाले जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करें .आदर दे जन मन को ,जन -आक्रोश को इसी में भली है .
DO YOU KNOW :Infants need daily exercise
एक ब्रितानी अध्ययन ने इंगित किया है नौनिहालों के लिए भी कसरत करना ज़रूरी है भले वह अभी "मैयां मैयां ठुमक ठुमक चलना न सीख पायें हों .कोईछूट नहीं दी जा सकती इन नौनिहालों को ,शिशुओं को कसरत से .
माँ बाप को यह सुनिश्चित करना चाहिए उनका १-५ साला नन्द लाल और राधायें कम से कम दिन भर में तीन घंटा ज़रूर सक्रिय रहें .
दो साल से नीचे की उम्र के शिशुओं को कदापि टेलिविज़न (बुद्धू बक्से )या फिर कंप्यूटर के सामने न बिठाएं . विनाश काले विपरीत बुद्धि ,सुन निर-बुद्धि

सोमवार, २९ अगस्त २०११

क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ?

जहां अध्यक्ष लाचार है ,बारहा कह रहा है हाथ जोड़ कर "बैठ जाइए ,बैठ जाइए "और वक्ता मानसिक रूप से बीमार है .शेष सांसद मानो बंधक बने बैठे हों ,और वक्ता हर वाक्य के अंत में "हप्प हप्प "करता हो ,चेहरे को गोल गोल बनाके इधर उधर घुमाता हो .उपहासात्मक मुख मुद्रा बनाए हुए .दो तरह का भाव होता है वक्ता का एक संवेगात्मक और एक एहंकार का .यहाँ कायिक मुद्रा में भी दंभ है प्रपंच है .क्या यही है -"संसद की सर्वोच्चता "?जो लोग संसद में ,मर्यादा बनाके नहीं रख सकते,ठीक से खड़े नहीं हो सकते , वही लोग संसद के बाहर "विशेषाधिकार हनन की बात करतें हैं .
जय अन्ना !जय भारत !जय किरण बेदी जी ....जय! जय !जय
इसी चीनी एजेंट ने रामदेव जी के साथ बदसुलूकी करवाई थी .
भाई साहब इस आदमी का असली नाम श्याम राव है ,यह आंध्र प्रदेश से १९६७-६८ के आस पास हरियाणा के हिसार स्थित छाज्जू राम जाट महाविद्यालय में पधारे थे ,इन्होनें तत्कालीन प्राचार्य के सम्मान में अपना भाषण पढ़ा था .रात इन्होनें हमारे परम मित्र डॉ .नन्द लाल मेहता "वागीश "जी के संग बिताई थी जो उस वक्त इसी महाविद्यालय में हिंदी विभाग में व्याख्याता थे ।हम उन दिनों नेशनल कोलिज सिरसा में थे .हरयाना का तब आखिरी जिला था मंडी डबवाली से सटा हुआ .
कुछ अरसे बाद मेहता जी की इनसे भेंट हरयाना के झज्जर नगर (अब जिला ) में स्वामी अग्नी वेश के रूप में हुई .वाणी के प्रखर इस कुतर्क पंडित में सबको अपने माया जाल में फंसाने की क्षमता है .तब कोर्पोरेट समितियों के सेवा निवृत्तडिपुटी रजिस्ट्रार श्री कर्ण सिंह (झज्जर निवासी )जो गुडगाँव से सेवा निवृत्त हुए थे ने मित्र वर -मेहता जी को बतलाया था ,ये भगवा धारी कई मर्तबा "चीनी दूतावास "से निकलता बड़ता देखा गया है .इसे चीन ने हिन्दुस्तान से आर्य समाज को समूल नष्ट करने के लिए इम्प्लांट किया है .अपने उस मिशन में यह कमोबेश ही कामयाब रहा है .तब मेहता जी इसके भगवा वस्त्रों का लिहाज़ कर गए थे ।लेकिन यह नक्सली है .
हमारे पास पक्की खबर है "स्वामी राम देव "को रामलीला मैदान से गए रात अपमानित करवाने वाला यही खर दिमाग "स्वामी छद्म वेश "था .मेहता जी अर्बन इस्टेट सेक्टर चार,गुडगाँव में रहतें हैं .तब वह इनका लिहाज़ कर गए थे ,उम्र ही क्या थी तब हम लोगों की .आज वह सब कुछ बताने को तत्पर हैं .

नाट्य रूपांतरण किया है किरण बेदी ने .;

किरण बेदी जी ने जो कुछ कहा है वह महज़ नाट्य -रूपांतरण हैं उस जनभावना का जो भारतीय राजनीति के प्रति जन मन में मौजूद है .दृश्य की प्रस्तुति उनकी है .संवाद श्री ॐ पुरी जी के हैं ।
किरण ने घूंघट की ओढनी की ओट से जो कुछ कहा है वह सर्वथा भारतीय नारी की मर्यादा के अनुरूप है ,उपालम्भ शैली में है ।
पुरी सम्पूर्ण पुरुष है ,अपनी प्रकृति स्वभाव के अनुरूप कहा है जो कुछ कहा है .कहा किरण जी ने भी वही है .बस पुरुष और नारी के स्वभाव का सहज अंतर है यह ।
अनुपम खैर जैसी अजीमतर शख्शियत ने पुरी के वक्तव्य पर मोहर लगाते हुए कहा है -आम भारतीय घर में यही सब बोला जाता है इनसंसदीय - तोतों के बारे में जो विशेषाधिकार हनन की बात कर रहें हैं ।
बुलाये संसद और राज्य सभा की विशेषाधिकार समिति टीम अन्ना को ,ॐ जी को ,दस लाख लोग आजायेंगे उनके पीछे पीछे .इनकेसाथ अपने तोता पंडित वीरुभाई और वागीश जी भी होंगें .बेहतर हो डिब्बे का दूध पीने वाले जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करें .आदर दे जन मन को ,जन -आक्रोश को इसी में भली है .
DO YOU KNOW :Infants need daily exercise
एक ब्रितानी अध्ययन ने इंगित किया है नौनिहालों के लिए भी कसरत करना ज़रूरी है भले वह अभी "मैयां मैयां ठुमक ठुमक चलना न सीख पायें हों .कोईछूट नहीं दी जा सकती इन नौनिहालों को ,शिशुओं को कसरत से .
माँ बाप को यह सुनिश्चित करना चाहिए उनका १-५ साला नन्द लाल और राधायें कम से कम दिन भर में तीन घंटा ज़रूर सक्रिय रहें .
दो साल से नीचे की उम्र के शिशुओं को कदापि टेलिविज़न (बुद्धू बक्से )या फिर कंप्यूटर के सामने न बिठाएं .

संसद भरो अभियान

टाइमस ऑफ़ इंडिया पर प्रकाशित एक टिपण्णी ने मुझे इतना प्रभावित किया की मैने सोचा की क्यों न में इसे अपने ब्लॉग पर डाल कर इसका प्रसार करूँ? किरण बेदी और ओम पुरीजी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। हमें दिखाना है की राष्ट्र जग गया है, ईसके लिये हम सब आइये नेताओ को अन्पड, ग्वार, नालायक , दोमुहे, चोर देशद्रोही, गद्दार कहती हुई एक चिठ्ठी लोकसभा स्पीकर को भेजे(इक पोस्टकार्ड ). देखते हैं देश के करोडो लाखो लोगो को सांसद कैसे बुलाते है अपना पक्ष रखने के लिये। यादी इससे और कुछ नहीं हुआ तो भी बिना विसिटर पास के लोक तंत्र के मंदिर संसद को देखने और किरण बेदी के साथ खड़े होने का मौका मिलेगा। और संसद ने सजा भी दे दी तो भी एक उत्तम उद्देश्य के लिये ये जेल भरो होंगा।
में एक बार फिर ये स्पष्ट कर दू की यह विचार मैने एक टिप्पणी से उठाये हैं पर में इससे १००% सहमत हूँ। कृपया इस विचार को अपने अपने ब्लॉग पर ड़ाल कर प्रसारित करे। आइये राष्ट्र निर्माण में हम अपनी भूमिका निभाये।
जय हिंद

मंगलवार, 30 अगस्त 2011

क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ?

जहां अध्यक्ष लाचार है ,बारहा कह रहा है हाथ जोड़ कर "बैठ जाइए ,बैठ जाइए "और वक्ता मानसिक रूप से बीमार है .शेष सांसद मानो बंधक बने बैठे हों ,और वक्ता हर वाक्य के अंत में "हप्प हप्प "करता हो ,चेहरे को गोल गोल बनाके इधर उधर घुमाता हो .उपहासात्मक मुख मुद्रा बनाए हुए .दो तरह का भाव होता है वक्ता का एक संवेगात्मक और एक एहंकार का .यहाँ कायिक मुद्रा में भी दंभ है प्रपंच है .क्या यही है -"संसद की सर्वोच्चता "?जो लोग संसद में ,मर्यादा बनाके नहीं रख सकते,ठीक से खड़े नहीं हो सकते , वही लोग संसद के बाहर "विशेषाधिकार हनन की बात करतें हैं .
जय अन्ना !जय भारत !जय किरण बेदी जी ....जय! जय !जय
इसी चीनी एजेंट ने रामदेव जी के साथ बदसुलूकी करवाई थी .
भाई साहब इस आदमी का असली नाम श्याम राव है ,यह आंध्र प्रदेश से १९६७-६८ के आस पास हरियाणा के हिसार स्थित छाज्जू राम जाट महाविद्यालय में पधारे थे ,इन्होनें तत्कालीन प्राचार्य के सम्मान में अपना भाषण पढ़ा था .रात इन्होनें हमारे परम मित्र डॉ .नन्द लाल मेहता "वागीश "जी के संग बिताई थी जो उस वक्त इसी महाविद्यालय में हिंदी विभाग में व्याख्याता थे ।हम उन दिनों नेशनल कोलिज सिरसा में थे .हरयाना का तब आखिरी जिला था मंडी डबवाली से सटा हुआ .
कुछ अरसे बाद मेहता जी की इनसे भेंट हरयाना के झज्जर नगर (अब जिला ) में स्वामी अग्नी वेश के रूप में हुई .वाणी के प्रखर इस कुतर्क पंडित में सबको अपने माया जाल में फंसाने की क्षमता है .तब कोर्पोरेट समितियों के सेवा निवृत्तडिपुटी रजिस्ट्रार श्री कर्ण सिंह (झज्जर निवासी )जो गुडगाँव से सेवा निवृत्त हुए थे ने मित्र वर -मेहता जी को बतलाया था ,ये भगवा धारी कई मर्तबा "चीनी दूतावास "से निकलता बड़ता देखा गया है .इसे चीन ने हिन्दुस्तान से आर्य समाज को समूल नष्ट करने के लिए इम्प्लांट किया है .अपने उस मिशन में यह कमोबेश ही कामयाब रहा है .तब मेहता जी इसके भगवा वस्त्रों का लिहाज़ कर गए थे ।लेकिन यह नक्सली है .
हमारे पास पक्की खबर है "स्वामी राम देव "को रामलीला मैदान से गए रात अपमानित करवाने वाला यही खर दिमाग "स्वामी छद्म वेश "था .मेहता जी अर्बन इस्टेट सेक्टर चार,गुडगाँव में रहतें हैं .तब वह इनका लिहाज़ कर गए थे ,उम्र ही क्या थी तब हम लोगों की .आज वह सब कुछ बताने को तत्पर हैं .

रविवार, २८ अगस्त २०११

कपिल मुनि के तोते .

कपिल मुनि के तोते .

हमसे हमारे भतीजे साहब शाम को पूछ रहे थे -फूफा जी ये "स्वामी अग्नी बीज "अचानक मंच से रंग मंच में कैसे पहुँच गए .हमने कहा भैया ये "कपिल मुनि उर्फ़ अपने काले कोट वाले भैये के तोते निकले ",ये फोनवा पे बतिया रहे थे -कपिल मुनि आपने जल्दी गिव अप कर दिया ,वरना इस अन्ने की क्या औकात "पिद्दी पिद्दी का शोरबा ",अपने वीरू अन्ने भाई ने सुन लिया पेलवान .अब ये भगवा कपट पंडित ,कुतर्क मुनि छिपता दोल रिया है .अपने अन्ने वीरू भाई की टीम इस घुन्ने चकर घन्ने प्रोफ़ेसर अभूत- पूर्व से बारहा पूछ रही है -भैये ये कपिल मुनि कौन हैं जो अब तक जनतंत्र की अर्थी निकाल रहे थे ,अपने अन्ने की तेरहवीं करने की फिराक में थे .भैये ये तभी से लापता हैं ,साथ में मंद मति बालक को लिए हैं जो कल तक किसी राजा -छिद्दी के साथ था .
.

सोमवार, 29 अगस्त 2011

इसी चीनी एजेंट ने रामदेव जी के साथ बदसुलूकी करवाई थी .

भाई साहब इस आदमी का असली नाम श्याम राव है ,यह आंध्र प्रदेश से १९६७-६८ के आस पास हरियाणा के हिसार स्थित छाज्जू राम जाट महाविद्यालय में पधारे थे ,इन्होनें तत्कालीन प्राचार्य के सम्मान में अपना भाषण पढ़ा था .रात इन्होनें हमारे परम मित्र डॉ .नन्द लाल मेहता "वागीश "जी के संग बिताई थी जो उस वक्त इसी महाविद्यालय में हिंदी विभाग में व्याख्याता थे ।हम उन दिनों नेशनल कोलिज सिरसा में थे .हरयाना का तब आखिरी जिला था मंडी डबवाली से सटा हुआ .
कुछ अरसे बाद मेहता जी की इनसे भेंट हरयाना के झज्जर नगर (अब जिला ) में स्वामी अग्नी वेश के रूप में हुई .वाणी के प्रखर इस कुतर्क पंडित में सबको अपने माया जाल में फंसाने की क्षमता है .तब कोर्पोरेट समितियों के सेवा निवृत्तडिपुटी रजिस्ट्रार श्री कर्ण सिंह (झज्जर निवासी )जो गुडगाँव से सेवा निवृत्त हुए थे ने मित्र वर -मेहता जी को बतलाया था ,ये भगवा धारी कई मर्तबा "चीनी दूतावास "से निकलता बड़ता देखा गया है .इसे चीन ने हिन्दुस्तान से आर्य समाज को समूल नष्ट करने के लिए इम्प्लांट किया है .अपने उस मिशन में यह कमोबेश ही कामयाब रहा है .तब मेहता जी इसके भगवा वस्त्रों का लिहाज़ कर गए थे ।लेकिन यह नक्सली है .
हमारे पास पक्की खबर है "स्वामी राम देव "को रामलीला मैदान से गए रात अपमानित करवाने वाला यही खर दिमाग "स्वामी छद्म वेश "था .मेहता जी अर्बन इस्टेट सेक्टर चार,गुडगाँव में रहतें हैं .तब वह इनका लिहाज़ कर गए थे ,उम्र ही क्या थी तब हम लोगों की .आज वह सब कुछ बताने को तत्पर हैं .

रविवार, २८ अगस्त २०११

कपिल मुनि के तोते .

कपिल मुनि के तोते .

हमसे हमारे भतीजे साहब शाम को पूछ रहे थे -फूफा जी ये "स्वामी अग्नी बीज "अचानक मंच से रंग मंच में कैसे पहुँच गए .हमने कहा भैया ये "कपिल मुनि उर्फ़ अपने काले कोट वाले भैये के तोते निकले ",ये फोनवा पे बतिया रहे थे -कपिल मुनि आपने जल्दी गिव अप कर दिया ,वरना इस अन्ने की क्या औकात "पिद्दी पिद्दी का शोरबा ",अपने वीरू अन्ने भाई ने सुन लिया पेलवान .अब ये भगवा कपट पंडित ,कुतर्क मुनि छिपता दोल रिया है .अपने अन्ने वीरू भाई की टीम इस घुन्ने चकर घन्ने प्रोफ़ेसर अभूत- पूर्व से बारहा पूछ रही है -भैये ये कपिल मुनि कौन हैं जो अब तक जनतंत्र की अर्थी निकाल रहे थे ,अपने अन्ने की तेरहवीं करने की फिराक में थे .भैये ये तभी से लापता हैं ,साथ में मंद मति बालक को लिए हैं जो कल तक किसी राजा -छिद्दी के साथ था .
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रविवार, 28 अगस्त 2011

कपिल मुनि के तोते .

कपिल मुनि के तोते .

हमसे हमारे भतीजे साहब शाम को पूछ रहे थे -फूफा जी ये "स्वामी अग्नी बीज "अचानक मंच से रंग मंच में कैसे पहुँच गए .हमने कहा भैया ये "कपिल मुनि उर्फ़ अपने काले कोट वाले भैये के तोते निकले ",ये फोनवा पे बतिया रहे थे -कपिल मुनि आपने जल्दी गिव अप कर दिया ,वरना इस अन्ने की क्या औकात "पिद्दी पिद्दी का शोरबा ",अपने वीरू अन्ने भाई ने सुन लिया पेलवान .अब ये भगवा कपट पंडित ,कुतर्क मुनि छिपता दोल रिया है .अपने अन्ने वीरू भाई की टीम इस घुन्ने चकर घन्ने प्रोफ़ेसर अभूत- पूर्व से बारहा पूछ रही है -भैये ये कपिल मुनि कौन हैं जो अब तक जनतंत्र की अर्थी निकाल रहे थे ,अपने अन्ने की तेरहवीं करने की फिराक में थे .भैये ये तभी से लापता हैं ,साथ में मंद मति बालक को लिए हैं जो कल तक किसी राजा -छिद्दी के साथ था .

संसद को इस पर भी विचार करना चाहिए .

सांसद एक छोटे से भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है ,भले वह बाजू बल ,झूठ बल ,जाति- बल, छल कपट फरेब से जीत कर संसद में चले आने में कामयाब रहता है .आने को फूलन देवी जी भी संसद में आ गईं थीं .आज भी अनेक चोर उच्चके संसद में आ गएँ हैं .सविधान निर्माताओं ने सोचा नहीं होगा एक दिन पशुओं का चारा भी हजम करने वाले संसद में आ जायेंगें .और यहाँ आकर मजमा लगायेंगें ,चुटकले सुनायेंगे ,देश की नैतिक शक्ति और बल का उपहास उड़ाएंगें ।
सवाल आज यह मुखरित है :आम आदमी का पैसा ऐसे लोगों पर क्यों अपव्य किया जाए .जो संसद में आके चुटकले सुनातें हैं .जोकर की भूमिका निभातें हैं .पान का बीड़ा मुंह में लगाके गोल गोल घुमातें हैं .भाषा को भ्रष्ट करके बोलतें हैं ।
और अगर संसद में ऐसे जोकरों की ज़रुरत कभी कभार पड़ती है तो वह बाहर से भी बुलाये जा सकतें हैं .किराए पर पैसे देकर .उन्हें पहले तनखा और बाद में ताउम्र पेंशन देने की कहाँ ज़रुरत है .
और अगर लचर कानूनी प्रावधानों की आड़ में आ ही गए हैं ,नैतिकता को ताक पे रखके तो संसद के स्पीकर को लालू जैसे प्राणियों को राष्ट्रीय मुद्दों पर बोलने का हक़ नहीं देना चाहिए ।
निर्बुद्ध लालू जी को यह समझ ही नहीं आता क़ि नैतिक बल अश्व बल से,संख्या बल से ,वोटों के सिरों सेबहुत बड़ा होता है .लालू जी का दुर्भाग्य जिस जनता की अदालत में जाने की बात ,बात- बात में वह करतें हैं उसी जन अदालत का कल संसद में अपमान कर गए जिसके प्रतिनिधि आज देश की नैतिक ताकत के प्रतीक अन्ना जी हैं .
माननीय अन्ना जी ने संसद में "जन लोक पाल "मुद्दे पर लालू के अनर्गल प्रलाप का जो करारा ज़वाब दिया है हम तो वहां तक सोच भी नहीं सकते-"लालू जी आपका काम बच्चे पैदा करना है ,आप क्या जाने ब्रह्मचर्य व्रत क्या होता है ।उसकी आंच क्या होती है .
संसद के लिए यह विचारणीय होना चाहिए आइन्दा के लिए संसद के फ्लोर पर ऐसे जोकरों को उतारकर संसद की ठेस न लगने दी जाए .................कपिल मुनि के तोते भी पढ़िए जो जल्दी ही बड़ी खबर बनने जा रही है ,बोनस के रूप में शुक्रिया देश के अन्नाओं .
हमसे हमारे भतीजे साहब शाम को पूछ रहे थे -फूफा जी ये "स्वामी अग्नी बीज "अचानक मंच से रंग मंच में कैसे पहुँच गए .हमने कहा भैया ये "कपिल मुनि उर्फ़ अपने काले कोट वाले भैये के तोते निकले ",ये फोनवा पे बतिया रहे थे -कपिल मुनि आपने जल्दी गिव अप कर दिया ,वरना इस अन्ने की क्या औकात "पिद्दी पिद्दी का शोरबा ",अपने वीरू अन्ने भाई ने सुन लिया पेलवान .अब ये भगवा कपट पंडित ,कुतर्क मुनि छिपता दोल रिया है .अपने अन्ने वीरू भाई की टीम इस घुन्ने चकर घन्ने प्रोफ़ेसर अभूत- पूर्व से बारहा पूछ रही है -भैये ये कपिल मुनि कौन हैं जो अब तक जनतंत्र की अर्थी निकाल रहे थे ,अपने अन्ने की तेरहवीं करने की फिराक में थे .भैये ये तभी से लापता हैं ,साथ में मंद मति बालक को लिए हैं जो कल तक किसी राजा -छिद्दी के साथ था .


शनिवार, 27 अगस्त 2011

वोट का सिर होतें हैं सांसद .....

वोट का सिर होतें हैं सांसद जिन्होनें संसद को चार दीवारी बनाके छोड़ दिया है .जैसे चरवाहा भेड़ों की गिनती ,नर मादा का हिसाब उनके सिर गिनके ही कर लेता है ,वैसी ही वोटों के सिरों की गिनती से संसद बनी है .समय की चेतना से शून्य इस दौर के सांसद अगले चुनाव में संसद में नजर नहीं आयेगें ,खासकर इनमें से वो सांसद जो समय को घडी की टिक टिक से आगे कुछ नहीं समझते .समय को शीर्षआसान कराते ये लोग असमय ही मारे जायेंगे .इनका राजनीतिक करिअर रेडिओएक्टिव सिद्ध होने जा रहा है .समाज की समरसता को नष्ट करने वाले ये लोग समय जाया कर रहें हैं .आज से छ :माह पूर्व इनमें से कई चरवाहेलालू की शैली में पूछते थे मुंह में बीड़ा दबाये ये "अन्ना कौन है "आज इनमें से ही कई कह रहें हैं अब लोग पूछ रहें हैं कौन नहीं है अन्ना ?सारा देश है अन्ना . लेकिन आज भी कई बे -सिर पैर के लोग अनर्गल प्रलाप कर रहें हैं .भाषा को बिगाड़ के कह रहें हैं "अन्ना टीम में कोई केजरी वेजरी वाल हैं जो लगातार अन्ना के कान में खुसर पुसर कर रहें हैं .देखिएगा समय इनके साथ कैसा सुलूक करता है .?"सरकार ने अन्ना को गलत ढंग से अरेस्ट किया ,अन्ना ने इसका फायदा उठाया .बड़े से बड़े आन्दोलन वापस लिए गये हैं ,रामदेव जी ने लिया ,गांधी ने लिया .घबराए हुए बौखलाए हैं ये लोग .इन्हें इन्हीं के हाल पे छोडिये .वक्त को इनकी सवारी करने दीजिये .आदाब !

Time is running out for Anna Hazare :Docs

Time is running out for Anna Hazare ,Dr Naresh trehan ,who is leading the team of docs treating him said on Friday .Hazare 74 ,has ,shed more than 7 Kg in the past 12 days and his heart rate has shot up due to dehydration .

"Time is running out .The vital parameters are stable at present but every hour is important .

He should end the fast as soon as possible ,"said trehan .(source TOI,Au 27 ,2011 ). Friday, August 26, 2011

Saturday, August 27, 2011

प्रच्छन्न लेखक .

http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/

ram ram bhai

शुक्रवार, २६ अगस्त २०११

राहुल ने फिर एक सच बोला .

http://veerubhai1947.blogspot.com/

शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

राहुल ने फिर एक सच बोला .

राहुल ने फिर एक सच बोला .बिजूके वाली कोंग्रेसी लाइन पकड ली -भ्रष्टाचार मिटाने के लिए कोई जादुई छड़ी नहीं है किसी के भी पास .भ्रष्टाचार के खिलाफ और अन्ना जी के साथ मैं भी हूँ .
भ्रष्टाचार एक दिन में समाप्त नहीं होगा .पहले कहा था ,आतंकवाद एक दिन में नहीं जाएगा .अब कह रहें हैं -लोकपाल एक संविधानिक पद होना चाहिए .सच बोल रहे हो मंद मति भैया ,जब आग लगी हो सच बोलना चाहिए "मैं भी भ्रष्टाचार के खिलाफ हूँ .अन्ना जी के आन्दोलन के साथ हूँ "लेकिन आग में घी डालूँगा .काग भगोड़े की लाइन पर चलूँगा .-संसद में चर्चा होनी चाहिए .भ्रष्टाचार एक दिन में नहीं जाएगा .लोकपाल को एक संविधानिक संस्था होना चाहिए .भैया मंद मति पहले अपने घर के बाहर चल रहे प्रदर्शन को रोकिये .वर्तमान की बात करो फिर भविष्य में जाना .एक भी नौजवान आपके साथ नहीं है .फिर भविष्य की टालू बात करना संजय निरुपम कह रहें हैं -जो कुछ राहुल जी ने कहा है वही तो अन्ना जी भी कह रहें हैं .अब बताओ इत्ता बड़ा आदमी भी क्या झूठ बोलेगा .आप के सच का समर्थन मुक्त कंठ से कर रहा हैयह अनुपम .इस देश में कोंग्रेस का अपना सच है आपकी दादी कहतीं थीं -भ्रष्टाचार एक आलमी ,ग्लोबल फिनोमिना है ,कोंग्रेस यही समझा- ती आई है आपके पापाजी अपवाद थे ,अपने को मिस्टर क्लीन कहलवाते थे .आपकी मम्मीजी भी इसी खतरनाक लाइन पर चल रही है .बारहा उन्होंने कहा है -भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा .सबके लिए यकसां नियम होंगे ऊपर से लेकर नीचे तक .आज वह देश की इस आपद घडी में लापता हैं .क्या कहिएगा उनके बारे में बालक मंद -मति.?

बहुत देर कर दी हुज़ूर आते आते ......

बहुत देर कर दी हुज़ूर आते आते -प्रधान मंत्री जी को सुना है "अन्ना जी के स्वास्थ्य की चिंता है ,लेकिन इस चिंता को ज़ाहिर करने में उन्हें पूरे दस दिन लग गए "अन्ना जी गत छ :माह से "जन लोक पाल बिल "की चर्चा कर रहें हैं ,इन दस नंबरियों के कान में तेल पड़ा हुआ है .
Braveheart Hazare baffles doctors.
Doctors have been left baffling at the tenacity of Anna Hazare to endure long periods of fast despite failing health .Although his vital parameters continue to be a cause for concern ,the 74- year old Gandhian's actually improved slightly over the previous day ,doctors said .
According to the latest medical reports ,his blood pressure was 160/90 and heart rate 82 ,nearly 10 beats above normal .The ketone levels continue to be high,as was the toxicity in his blood .Dr Naresh Trehan ,who is heading the team monitoring Anna's condition ,said ,"He is holding on ".
Anna's internal adaptation to fasting and stress is high ,which is why he is still able to sustain this .That's a miracle because other patients in similar condition are normally brought on a stretcher and aren't in control of their senses ,"said a doctor from GB Pant Hospital .
However ,the doctor said Anna's blood pressure was fluctuating and he could collapse any moment
"He may gradually lose consciousness due to high blood toxicity and lack of sugar and even go into coma
if he is not put on a drip soon ,said a doctor from GB Pant hospital ..
The doctors tried to put Anna on a drip on Tuesday night but sources said he threw them away .


.Anna addressed the gathering thrice on wednesday, saying ,"nothing will happen to me .I am fine .."
Due to dehydration ,Anna 's eyes have also dried up ."He is taking 3.4 to 4 litres of water in a day but due to the fast ,there is less water in his body ."Anna aide Kejriwal said if anything happens to Anna ,the PM will be held responsible ."We have asked the government if there is going to be police action tonight but they didn't promise anything .We won't allow them to take Anna forcibly .Doctors should decide ,not the police or the government ,'he said .
आत्म बल और जनबल ,जन ऊर्जा तमाम मेडिकल पैरामीटर्स को धता बताकर अन्ना जी की हालात को "स्टेबिल "रखे हुए है .हालाकि चिकित्सा शब्दावली में यह बहुत अच्छा फ्रेज़ /फेज़ नहीं है ,यहाँ किसी पल के आग़ोश में क्या है इसका कोई निश्चय नहीं .
मैं भी अन्ना ,तू भी अन्ना ,
देश बना इतिहास का पन्ना ,
बहुत चली आलस की पारी ,
अब तो है हर शख्स चौकन्ना ,
बहुत सुन लिए भाषण बरसों ,
अब क्या कहना और क्या सुनना ,
जिसकी लाठी उसकी भैंस ,
छल बल अब बिलकुल न चलना ,
ऐसे शासन का क्या कीजे ,
जिसमे लोकपाल भी घुन्ना .
प्रस्तुति :गुंजन शर्मा ,४३३०९ .सिल्वर वुड ड्राइव ,केंटन (मिशगन )
(बिटिया वीरुभाई )


गुरुवार, 25 अगस्त 2011

Braveheart Hazare baffles doctors.

Braveheart Hazare baffles doctors.
Doctors have been left baffling at the tenacity of Anna Hazare to endure long periods of fast despite failing health .Although his vital parameters continue to be a cause for concern ,the 74- year old Gandhian's actually improved slightly over the previous day ,doctors said .
According to the latest medical reports ,his blood pressure was 160/90 and heart rate 82 ,nearly 10 beats above normal .The ketone levels continue to be high,as was the toxicity in his blood .Dr Naresh Trehan ,who is heading the team monitoring Anna's condition ,said ,"He is holding on ".
Anna's internal adaptation to fasting and stress is high ,which is why he is still able to sustain this .That's a miracle because other patients in similar condition are normally brought on a stretcher and aren't in control of their senses ,"said a doctor from GB Pant Hospital .
However ,the doctor said Anna's blood pressure was fluctuating and he could collapse any moment ।
"He may gradually lose consciousness due to high blood toxicity and lack of sugar and even go into coma
if he is not put on a drip soon ,said a doctor from GB Pant hospital ..
The doctors tried to put Anna on a drip on Tuesday night but sources said he threw them away .


.Anna addressed the gathering thrice on wednesday, saying ,"nothing will happen to me .I am fine .."
Due to dehydration ,Anna 's eyes have also dried up ."He is taking 3.4 to 4 litres of water in a day but due to the fast ,there is less water in his body ."Anna aide Kejriwal said if anything happens to Anna ,the PM will be held responsible ."We have asked the government if there is going to be police action tonight but they didn't promise anything .We won't allow them to take Anna forcibly .Doctors should decide ,not the police or the government ,'he said .
आत्म बल और जनबल ,जन ऊर्जा तमाम मेडिकल पैरामीटर्स को धता बताकर अन्ना जी की हालात को "स्टेबिल "रखे हुए है .हालाकि चिकित्सा शब्दावली में यह बहुत अच्छा फ्रेज़ /फेज़ नहीं है ,यहाँ किसी पल के आग़ोश में क्या है इसका कोई निश्चय नहीं .

संसद की प्रासंगिकता क्या है ?

अन्ना जी का जीवन देश की नैतिक शक्ति का जीवन है जिसे हर हाल बचाना ज़रूरी है .सरकार का क्या है एक जायेगी दूसरी आ जायेगी लेकिन दूसरे "अन्ना जी कहाँ से लाइयेगा "?
और फिर ऐसी संसद की प्रासंगिकता ही क्या है जिसने गत ६४ सालों में एक "प्रति -समाज" की स्थापना की है समाज को खंड खंड विखंडित करके ,टुकडा टुकडा तोड़कर ।जिसमें औरत की अस्मत के लूटेरे हैं ,समाज को बाँट कर लड़ाने वाले धूर्त हैं .
मनमोहन जी गोल मोल भाषा न बोलें?कौन सी "स्टेंडिंग कमेटी "की बात कर रहें हैं ,जहां महोदय कथित सशक्त जन लोक पाल बिल के साथ ,एक प्रति -जन -पाल बिल भी भिजवाना चाहतें है ?संसद क्या" सिटिंग कमेटी" है जिसके ऊपर एक स्टेंडिंग कमेटी बैठी है .अ-संवैधानिक "नेशनल एडवाइज़री कमेटी"विराजमान है जहां जाकर जी हुजूरी करतें हैं .नहीं चाहिए हमें ऐसी संसद जहां पहले भी डाकू चुनके आते थे ,आज भी पैसा बंटवा कर सांसद खरीदार आतें हैं .डाकू विराजमान हैं .चारा -किंग हैं .अखाड़े बाज़ और अपहरण माफिया किंग्स हैं ।
आप लोग चुनकर आयें हैं ?वोटोक्रेसी को आप लोग प्रजा तंत्र कहतें हैं ?
क्या करेंगें हम ऐसे "मौसेरे भाइयों की नैतिक शक्ति विहीन संसद का"?

समय सीमा तय करें मनमोहन ,सीधी बात करें ,गोल -गोल वृत्त में देश की मेधा और आम जन को न घुमाएं नचायें ।
"अब मैं नाच्यो बहुत गोपाल ".बारी अब तेरी है .

बुधवार, 24 अगस्त 2011

मुस्लिम समाज में भी है पाप और पुण्य की अवधारणा .

"सेंटर फॉर साईट ",सफदरगंज एन्क्लेव में बैठा हुआ था मैं अपनी सलेज के साथ प्रतीक्षा करता हुआ उनकी पारी की .डायबेटिक रेटिनोपैथी से निजात के लिए यह" पी आर पी लेज़र" का तीसरा और आखिरी सेशन था .तभी उस नन्नी कलि पर नजर पड़ी .फौकिया नाम था उसका .वालिद साहब का नाम मुनीर एहमद और अम्मीजान का आबिदा एहमद .इस वक्त उसकी उम्र महज़ आठ माह थी .चस्मा लगा था .बहुत ज्यादा कोंवेग्ज़िती थी लेंस की बीच में बेहद मोटा ,गोल किनारों से पतला ..बेहद खूबसूरत बच्ची थी .तरह तरह की मुख मुद्राएँ बना रही थी .होंठों को गोल- गोल करके .और वो नन्ना सा फ्रेम चश्मे का ,कहाँ आदत होती है किसी को इतने छोटे बच्चे को चश्मे में देखने की ।
पूछने पर पता चला ये लोग जम्मू कश्मीर से पधारे थे .चस्मा उसका इस समय एक आँख का +१७ और दूसरी का +१८ नंबर का था .यही नंबर तीन माह पूर्व +२० था प्रत्येक आँख का .आबिदा जी ने बतलाया अभी इसे डेढ़ साल की होने तक चस्मा लगाना पड़ेगा .अलबत्ता नंबर कम होता जाएगा और एक दिन चश्मे से भी निजात मिल जायेगी ।
हमने अपना कौतुक जतलाते हुए कहा इस छोटी बच्ची ने बरबस ही ध्यान आकर्षित किया और हम अपनी सीट छोड़कर आपसे मुखातिब हैं .क्या रोग निदान है?ज़वाब मिला -"कुछ नहीं, हमारे पापों का फलहै यह सब जो इसे भुगतना पड़ रहा है ।".
हमने कहा आबिदा .जी बच्चे का गर्भ में आना एक आध्यात्मिक iघटना है ,किसी एलिमेंट की कमी से बीनाई (विज़न )कमज़ोर रह गई है.रही आई है गर्भ से आप सचेत हैं इसीलिए इतनी जल्दी शिनाख्त हो गई और बीनाई को और छीजने से बचाने के उपाय समय रहते कर लिए गये ।
आप धन्य हैं ,इसकी कितनी संभाल की हुई है .जम्मू -कश्मीर से यह उनका तीसरा फेरा था इस आँखों के बेहतरीन अस्पताल का ।
यहाँ तो लोग लड़कियों के मामले में लडकी को दिखाते समय चस्मा उतरवा देते हैं .अगर "आई ओ एल "इंट्रा -ओक्युलर लेंस" लगा है तो उसका ज़िक्र ही नहीं करते .जबकी चस्मा तो भाई साहब दवा है .समय पर लग जाये तो नंबर आगे न बढे .और फिलवक्त तो चस्मा छुड़ाई के लिए बाकायदा कामयाब ट्रीट -मेंट्स हैं बशर्ते इलाज़ बचपन में ही करवा लिया जाए .फिर भी लोग इस बेहद मामूली बात को आज भी छिपा जातें हैं .छिपाने से छिपाए रहने से एक तरफ मर्ज़ बढ़ता है दूसरी तरफ सिर दर्द रहने लगता है .हम तो भुक्त भोगीं हैं .अपने ही परिवार में यह घटना अपने बहुत नज़दीक घटते हुए देखी है .जबतक पता चला बहुत देर हो चुकी थी .

मंगलवार, 23 अगस्त 2011

इफ्तियार पार्टी का पुण्य लूटना चाहती है रक्त रंगी सरकार .

जिस व्यक्ति ने आजीवन उतना ही अन्न -वस्त्र ग्रहण किया है जितना की शरीर को चलाये रखने के लिए ज़रूरी है उसकी चर्बी पिघलाने के हालात पैदा कर दिए हैं इस "कथित नरेगा चलाने वाली खून चुस्सू सरकार" ने जो गरीब किसानों की उपजाऊ ज़मीन छीनकर "सेज "बिछ्वाती है अमीरों की ,और ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था जिसने खड़ी कर ली है जो गरीबों का शोषण करके चर्बी चढ़ाए हुए है .वही चर्बी -नुमा सरकार अब हमारे ही मुसलमान भाइयों को इफ्तियार पार्टी देकर ,इफ्तियार का पुण्य भी लूटना चाहती है ।
अब यह सोचना हमारे मुस्लिम भाइयों को है वह इस पार्टी को क़ुबूल करें या रद्द करें .उन्हें इस विषय पर विचार ज़रूर करना चाहिए .भारत देश का वह एक महत्वपूर्ण अंग हैं ,वाइटल ओर्गेंन हैं .

अन्ना जी की सेहत खतरनाक रुख ले रही है .

आने वाले २४ -४८ घंटों में अन्नाजी को अस्पताल में रखने की नौबत आ सकती है .खतरनाक रुख ले चुकी है उनकी सेहत सरकार अभी बगलें ही झाँक रही है हालाकि "हाथ "के तोते उड़े हुएँ हैं .वक्त जाया कर रही है सरकार .वही सरकार है यह जो एक मिनिट में सांसदों की तनखा और भत्ते बढ़ाकर मनमाने ढंग से पारित करवा लेती है दोनों सदनों से .आपात काल की घोषणा पहले करती है संसद से अनुमोदन और राष्ट्रपति से दस्तखत बाद में करवाती है .सारा मामला सरकार की मंशा और नीयत से जुडा है .
इधर अनाजी की सेहत माहिरों के मन में शंका पैदा कर रही है .सात दिनों में अन्नाजी का वजन पांच किलो गिर गया है .उनका रक्त चाप १३०/८० और नव्ज़ की फडकन ९० प्रति मिनिट बनी हुई है .यही प्ल्ज़ रेट हार्ट रेट भी होती है ।
अन्ना जी के खून और पेशाब में कुछ तेजाबों और एसिटोंन का स्तर अमान्य स्तर पर पहुँच गया है ।
इसका मतलब चिकित्सा शब्दावली में यह है शरीर "ज़मा चर्बी ,भंडारित वसाओं "को विखंडित करने लगा है जो शरीर तंत्र को समेकित बनाए रखने के लिए एक कवच का काम करता है जबकि टूटना ,सरल रूपों में ग्लूकोज़ को था .
अगर हठी सरकार ,दुर -बुद्ध,निरबुद्ध प्रधानमन्त्री यूं ही अपनी जिद पर अड़े रहे और अनशन के अब और आगे चलते कीटोंन स्तर यूं ही बढ़ता रहा तब अन्ना जी के दिल और गुर्दों को खतरे का वजन बढ़ जाएगा .रक्त चाप भी असरग्रस्त होगा ।
फोर्टिस अस्पताल के डॉ अनूप मिश्र तथा अन्नाजी का रोज़ डॉक्टरी मुआयना करने वाले डॉ ,नरेश त्रेहन साहब ने आने वाले २४ -४८ घंटे अपशकुनात्मक बतलाए हैं ,यदि अनशन आगे ज़ारी रहा तो सरकारी चिरकुट इसके लिए उत्तरदाई होंगें .संवेदन शून्य मम्मीजी से आदेश लेने वाले प्रधान मंत्री भी कहाँ मुंह छिपा पायेंगें ।
सरकार बाहरी ताकतों से तो देश की हिफाज़त नहीं कर पा रही है देश की मेधा और नैतिक शक्ति के लिए भी ऐसे हालात पैदा कर रही है जो फिलवक्त देश में तूफ़ान ला सकतें हैं .इस मर्तबा सरकार को मुआफी नहीं मिलेगी .जय -प्रकाश नारायण के गुर्दे लील ने वाली सरकार आपातकाल की आड़ में बच गई थी .तब से लेकर अब तक सरयू में काफी पानी बह चुका है .पहले विस्फोट लोगों के दिलों में होगा और फिर बाहर.इस बाहरी विस्फोट का सरकारी चिरकुटों को अंदाजा नहीं है ।
शत्रु पक्ष हमारी कितनी भी ज़मीन दबा ले ,आतंकी सरे आम समुन्दर उलाक कर आयें ,बम बसायें और सुरक्षित चले जाएँ ,सरकार मानवाधिकार वादियों के भुलावे छलावे में आकर जांच का फंदा हमारी प्रति -रक्षा सेवाओं की ओर ही फैंकती है .विदेश मंत्री विदेश में जाकर दूसरी ज़बान में बोलने लगता है .हलके में लेता है सब कुछ ,अपने को ही हर बार कुसूरवार मान लेता है .सरकार का नैतिक दायित्व है श्रेष्ठ वरिष्ठ नागरिकों के जीवन की रक्षा .इसके विपरीत यह उनके जीवन को ही अपने अड़ियल रुख से खतरे में डाल रही है .खुदा खैर करे ।
ईश्वर अल्लाह तेरों नाम सबको सम्मति दे भगवान् .......

सोमवार, २3 अगस्त २०११

Anna in danger Zone ,say docs.

'May Need to be hospitalized in 24-48 Hours.'
NewDelhi:Anna hazare's health became a serious cause of worry on Monday as his fast entered the seventh day .It added to the concerns of the government ,which was still groping for a resolution to the stand off .
Doctors said the Gandhian leader was in the "danger zone "and may require urgent hospitalization in the next 24 to 48 hours .Hazare didn't address the crowed at Ramlila Maidan even once on Monday while he has been speaking twice a day till now .He spent most of the time lying down while thousands stepped out to reach the maidan in support of his agitation .
Hazare's weight is down to 67 kg from 72 kg in seven days ,his blood pressure is 130/80 and pulse rate 90,according to the health bulletin.The longest he has fasted previously is 12 days .
when contacted cardiologist Dr Naresh Trehan ,who is leading a team monitoring Hazare's health , said ,"His condition is not life -threatening is what I can say ."But there is a rise in ketone levels "-presence of certain acids and acetone in blood and urine -which means the body is breaking down stored fat instead of the glucose .
Dr Anoop Mishra of Fortis hospital told TIO,"The pateient has already entered the danger zone .He will need medical attention within the next 24 -48 hours .The fast may affect the heart ,kidney and blood pressure depending upon how fast Anna's ketone level rises.
Refrence Material :The Times of India .New Delhi ,capital ed .

Anna in danger Zone ,say docs.

'May Need to be hospitalized in 24-48 Hours.'
NewDelhi:Anna hazare's health became a serious cause of worry on Monday as his fast entered the seventh day .It added to the concerns of the government ,which was still groping for a resolution to the stand off .
Doctors said the Gandhian leader was in the "danger zone "and may require urgent hospitalization in the next 24 to 48 hours .Hazare didn't address the crowed at Ramlila Maidan even once on Monday while he has been speaking twice a day till now .He spent most of the time lying down while thousands stepped out to reach the maidan in support of his agitation .
Hazare's weight is down to 67 kg from 72 kg in seven days ,his blood pressure is 130/80 and pulse rate 90,according to the health bulletin.The longest he has fasted previously is 12 days .
when contacted cardiologist Dr Naresh Trehan ,who is leading a team monitoring Hazare's health , said ,"His condition is not life -threatening is what I can say ."But there is a rise in ketone levels "-presence of certain acids and acetone in blood and urine -which means the body is breaking down stored fat instead of the glucose .
Dr Anoop Mishra of Fortis hospital told TIO,"The pateient has already entered the danger zone .He will need medical attention within the next 24 -48 hours .The fast may affect the heart ,kidney and blood pressure depending upon how fast Anna's ketone level rises.
Refrence Material :The Times of India .New Delhi ,capital ed .

सोमवार, 22 अगस्त 2011

गाली गुफ्तार में सिद्धस्त तोते .......

सरकार ने अलग अलग दिशाओं में कुछ तोते पाले हुएँ हैं जो गाली देने में बड़े सिद्धस्त हैं .ये किसी भली शिष्ट सरकार के तोते नहीं लगते किसी पहुंची हुई वैश्या के तोते प्रतीत होतें हैं जो गाली -गुफ्तार में माहिर हैं .इनमें कुछ मुखरित होने के बाद भूमि गत हो चुकें हैं कुछ आज भी मुखर हैं.किसी वेदांती पंडित के तोते होते तो मन्त्र जाप करते ,पूजा पाठ करते ,वनिक के होते तो हिसाब किताब रखते लेकिन ये तो ..चलिए जाने दीजिये नाम में रख्खा क्या है नाम तो किसी का भी हो सकता है :मनीष तिवारी ,राशिद अल्वी ,दिग्विजय सिंह ,शकील एहमद वगैरा वगैरा ,सवाल उस सरकार का है जो खुद मतलब निकल जाने के बाद "तोता चश्म" हो गई है अपने ही तोतों के प्रति ,अब इनमे से कुछ से आँखें भी नहीं मिलाती .कहती है ये हमारे तोते नहीं हैं .आँख मूंदे है इनसे .

रविवार, २१ अगस्त २०११

सरकारी "हाथ "डिसपोज़ेबिल दस्ताना ".

सरकार इस दौर में "अपने चुनाव चिन्ह हाथ का स्तेमालडिसपोज़ेबिल "दस्ताने के रूप में कर रही है .हर हथ- कंडा अपना रही है .चित्त होने के बाद भी ऊपर टांग उठाकर हारने वाले पहलवान की तरह हराने वाले के कंधे टांग उठाके रख देती है .इसने कुछ प्राधिकृत पार्टी प्रवक्ता सिर्फ विपक्ष और विरोधियों के लिए इस दौर में सिर्फ गाली देने के लिए नियुक्त किये हुएँ हैं अब उनके अधिकृत बयानों को उनकी व्यक्तिगत राय बतला कर डिसपोज़ेबिल दस्ताने की तरह उनका परित्याग कर चुकी है .उनका कहीं अता पता नहीं है .कहाँ हैं वो किस हाल में हैं वो ।खुदा जाने .
सरकार अब भी राष्ट्रीय सौमनस्य ,सद्भाव ,शान्ति बनाए रखने का कुशल अभिनय कर रही है .तटस्थ होने दिखने का भाव पल्लवित कर रही है जन मानस में .अन्दर की कुटिलता इसके चिरकुट आदतन छिपा नहीं पा रहें हैं ।
सरकार किसी मुगालते में न रहे -यह एक बहु -आयामीय आन्दोलन है .इस का एक पक्ष स्व -स्फूर्त ,स्वयं चालित है ,इस देश की आम जनता ,बे -रोज़गार जनता ,नौकर शाहों इस देश के मैकाले पुत्रों से पस्त होकर सड़कों पर निकल आई है जो बिना भेंट पूजा परसाद पाए अपनी दफ्तरी मुद्रा बदलने से इनकार कर देतें हैं .भ्रष्टाचार से आजिज़ हर आदमी इस दौर में पस्त है ,हताश है .दूसरा एंगिल इस आन्दोलन का पूर्व नियोजित बहु -पार्टीय थिंक टेंक से ऊर्जा प्राप्त कर रहा है .यह सारा देश रातों रात व्यवस्थित या ऑर्डरली नहीं हो गया है इसके लिए लोग दिन- रात काम कर रहें हैं ,जरा सी हिंसा पूरे आन्दोलन को रेडिओ -एक्टिव ,विखंडन शील बना सकती है .इसलिए कहीं कोई हिंसा न हो इसकी पूरी एहतियात बरती जा रही है .दुर्भाग्य है इस देश का जो लोग विपक्ष में होतें हैं वे संत होने दिखने का अभिनय करने लगतें हैं या फिर सरकारी लालू और अमरसिंह बन जातें हैं .जनता वहीँ की वहीँ रह जाती है .ठगी जाती है .पांच पांडव एक तरफ है ,कौरव सेना एक तरफ ."किसन"रास रचाए है .

रविवार, 21 अगस्त 2011

सरकारी "हाथ "डिसपोज़ेबिल दस्ताना ".

सरकार इस दौर में "अपने चुनाव चिन्ह हाथ का स्तेमालडिसपोज़ेबिल "दस्ताने के रूप में कर रही है .हर हथ- कंडा अपना रही है .चित्त होने के बाद भी ऊपर टांग उठाकर हारने वाले पहलवान की तरह हराने वाले के कंधे टांग उठाके रख देती है .इसने कुछ प्राधिकृत पार्टी प्रवक्ता सिर्फ विपक्ष और विरोधियों के लिए इस दौर में सिर्फ गाली देने के लिए नियुक्त किये हुएँ हैं अब उनके अधिकृत बयानों को उनकी व्यक्तिगत राय बतला कर डिसपोज़ेबिल दस्ताने की तरह उनका परित्याग कर चुकी है .उनका कहीं अता पता नहीं है .कहाँ हैं वो किस हाल में हैं वो ।खुदा जाने .
सरकार अब भी राष्ट्रीय सौमनस्य ,सद्भाव ,शान्ति बनाए रखने का कुशल अभिनय कर रही है .तटस्थ होने दिखने का भाव पल्लवित कर रही है जन मानस में .अन्दर की कुटिलता इसके चिरकुट आदतन छिपा नहीं पा रहें हैं ।
सरकार किसी मुगालते में न रहे -यह एक बहु -आयामीय आन्दोलन है .इस का एक पक्ष स्व -स्फूर्त ,स्वयं चालित है ,इस देश की आम जनता ,बे -रोज़गार जनता ,नौकर शाहों इस देश के मैकाले पुत्रों से पस्त होकर सड़कों पर निकल आई है जो बिना भेंट पूजा परसाद पाए अपनी दफ्तरी मुद्रा बदलने से इनकार कर देतें हैं .भ्रष्टाचार से आजिज़ हर आदमी इस दौर में पस्त है ,हताश है .दूसरा एंगिल इस आन्दोलन का पूर्व नियोजित बहु -पार्टीय थिंक टेंक से ऊर्जा प्राप्त कर रहा है .यह सारा देश रातों रात व्यवस्थित या ऑर्डरली नहीं हो गया है इसके लिए लोग दिन- रात काम कर रहें हैं ,जरा सी हिंसा पूरे आन्दोलन को रेडिओ -एक्टिव ,विखंडन शील बना सकती है .इसलिए कहीं कोई हिंसा न हो इसकी पूरी एहतियात बरती जा रही है .दुर्भाग्य है इस देश का जो लोग विपक्ष में होतें हैं वे संत होने दिखने का अभिनय करने लगतें हैं या फिर सरकारी लालू और अमरसिंह बन जातें हैं .जनता वहीँ की वहीँ रह जाती है .ठगी जाती है .पांच पांडव एक तरफ है ,कौरव सेना एक तरफ ."किसन"रास रचाए है .

प्रधान मंत्री जी कह रहें हैं .....

Sunday, August 21, 2011

प्रधान मंत्री जी कह रहें हैं .....

pradhaan mantri ji keh rahen hain _ हम सशक्त लोक पाल बिल लायेंगे .प्रधान जी नाम तो बताइये उस बिल का .कौन सा बिल सबसे सशक्त है .राजीव शुक्ला जी कह रहें हैं -भगवान् ही मालिक है इस जन लोकपाल बिल का ।
भाई साहब राजीव शुक्ला जी कहीं आपका मतलब यह तो नहीं है कि भगवान् ही चला रहें हैं इस आन्दोलन को .अन्नाजी के अनशन को .आप सही कह रहें हैं -भगवान् ही चला रहें हैं ।इस अनशन आन्दोलन को .
जो लोग यह कह रहें हैं कि यह संसद का अपमान है वह कहीं सांसदों को ही तो उनके व्यवहार ही को तो संसद नहीं समझ रहे ?
इधर मम्मीजी की एक अनुचर ,मम्मीजी जी जिस समिति की मुखिया है उस राष्ट्रीय सलाहकार समिति की एक सदस्या कोई अरुणा रॉय कह रहीं हैं -
"सरकारी और जन लोकपालदोनों बिल, दोनों ही घटिया हैं "-ये संसद के बाहर की औरत मम्मीजी की अनुगामी साफ़ साफ़ संसद और सरकार का अपमान कर रही है यह कह कर ।
जन लोकपाल बिल को यह महिला "सुपर पावर की तरह सुपर लोकपाल "बतला रही है ,वह तो बहुत छोटी सी बात है इनके लिए .
संसद और हमारे सांसद खुद को राष्ट्र से ऊपर समझ राष्ट्र का अपमान कर रहें हैं ।
अरुणा रॉय संसद का अपमान कर रहीं हैं ।
कौन किसका मखौल उड़ा रहा है यह इस दौर में पता ही नहीं चल रहा है .

शनिवार, 20 अगस्त 2011

कुर्सी के लिए किसी की भी बली ले सकती है सरकार ....

स्टेंडिंग कमेटी में चारा खोर लालू और संसद में पैसा बंटवाने के आरोपी गुब्बारे नुमा चेहरे वाले अमर सिंह को लाकर सरकार ने अपनी मनसा साफ़ कर दी है ,सरकार जन लोकपाल बिल नहीं लायेगी .छल बल से बन्दूक इन दो मूढ़ -धन्य लोगों के कंधे पर रखकर गोली चलायेगी .सेंकडों हज़ारों लोगों की बलि ले सकती है यह सरकार मन मोहनिया ,सोनियावी ,अपनी कुर्सी बचाने की खातिर ,अन्ना मारे जायेंगे सब ।
क्योंकि इन दिनों -
"राष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,महाराष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,
मनमोहन दिल हाथ पे रख्खो ,आपकी साँसे अन्नाजी .

सरकारी लोकपाल बनाम जन लोकपाल ,जनमत करालो ...

सरकारी लोकपाल बनाम जन लोकपाल बिल पर सरकार को हमारी पेश कश है चुनाव करवाले .एक तरफ सरकारी लोकपाल के उम्मीदवार खड़े हो जायेंगें दूसरी तरफ जन लोक पाली ।
वो जो कहते हैं कोंग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता इत्ती जल्दी (३० अगस्त तक )लोक पाल बिल नहीं लाया जासकता .जल्दबाजी में लाया गया बिल आधा अधूरा होगा वह ठीक कहतें हैं .जब पिछले ४२ सालों में यह बिल नहीं लाया गया तो एक पखवाड़े में कैसे लाया जा सकता है ।
आज किन्हीं नवीन जिंदल जी का अग्र लेख लोकपाल बनाम भ्रष्टा चार उन्मूलन मुद्दे परदैनिक हिन्दुस्तान में छपा है .जिंदल कहतें हैं भ्रष्टाचार किसी भी मुल्क में एक साल से पहले कम नहीं हुआ है .ठीक कहतें हैं सिंधवी और जिंदल दोनों -कोई "आपात काल "तो है नहीं यह बिल जो १५ मिनिट में रात के अँधेरे में लागू कर दिया जाए ।सुबह उठकर राष्ट्र -पति से अगूंठा लगवा लिया जाए .
एक बार इसी उद्योग पति के बेटे ने स्वामी राम देव से कहा था ,अगर आपकी इतनी फोलोइंग है ,अनुगामी हैं तो चुनाव क्यों नहीं लड़ लेते .बाबा क्या ज़वाब देते ,उन्हें चुनाव लड़ना ही नहीं है जब .हम ज़वाब देतें है जिंदल जी को वह लंगोट पहन कर दिखाए ,भगवा कपडे पहन कर दिखाएँ ?भाई जिंदल जिसका जो काम है वही उसे शोभता है आपको इत्ती सी बात नहीं मालूम .बन गए सांसद .अब आप लोगों के साथ जन मत नहीं है अन्ना जी के साथ है .बड़ा एहंकार था आपको हम चुनकर आयें हैं .अब खाली करो सिंह आसन क्या करते हो संसद में ?

शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

उनके एहंकार के गुब्बारे जनता के आकाश में ऊंचाई पकड़ते ही फट गए ...

अजीब सरकार है पहले डराती है और अगर कोई गृहस्थ से होकर नहीं ,ब्रह्मचर्य से होकर आया हुआ कोई सामाजिक संत मिल जाए तो डर कर पीछे हट जाती है .कहती है मेरे गीले कपडे बदल दो ।
सरकार अपने एहंकार में आकर कहती है ,लोकपाल बिल लाकर रहेंगे लेकिन सरकार के एहंकार के गुब्बारे जनता के आकाश में जैसे ही थोड़ी ऊंचाई पकड़तें हैं ,फट जातें हैं ।
मनमोहन सिंह नाम है एक तकनीकी चेहरे का जो पहले संसद को ठेंगा दिखाके मनमानी करता है चाहें मसला अमरीकी एटम का हो या कोई और हो ,.पहले एक सामाजिक संत को साम दाम दंड भेद से अपनी पुलिस ,खुफिया तंत्र को पीछे छोड़कर डराता है और जब यह तकनीकी चेहरा इस संत से पस्त हो जाता है तो यह उसी संसद की आड़ लेकर उसके पीछे जा छिपता है ।कहता है संसद का अपमान हो रहा है .अपने ही आधिकारिक प्रवक्ताओं के वक्तव्यों को नकारता है अब यह तकनीकी चेहरा .इतनी दिग -भ्रमित सरकार आपने इससे पहले देखी है क्या ?
सरकार को एक भ्रम यह भी है कि सारी बुद्धि ,सारा ज्ञान संसद के पास है सांसदों के पास है जब कि मेधा और नैतिक बल ,सारा अध्यात्म संसद के बाहर है .संसद में हद दर्जे का अपराध तत्व आज मौजूद है ,और इस एहंकार में यह तकनीकी चेहरा भूलता है ,कि सांसद जन सेवक हैं जिन्हें जनता ने संसद में भेजा है .जनता के ,जन आक्रोश को कल तक जो सरकार ठेंगा दिखा रही थी जिसकी पुलिस कह रही थी अपना शौचालय आपको खुद बनाना होगा आज हाथ जोड़े खड़ी है ,शौचालय का प्रबन्ध कर रही है नहाने धोने का पानी भी मुहैया करवा रही है .(ज़ारी ...).
Some Hardly known facts about the MAN behind the Revolution!!!
‎10 things to know about Anna Hazare 'n Jan Lok Pal Bill.. !

1. Who is Anna Hazare?

An ex-army man. Fought 1965 Indo-Pak War



2. What's so special about him?

He built a village Ralegaon Siddhi in Ahamad Nagar district, Maharashtra



3. So what?

This village is a self-sustained model village. Energy is produced in the village itself from solar power, biofuel and wind mills.

In 1975, it used to be a poverty clad village. Now it is one of the richest village in India. It has become a model for self-sustained, eco-friendly & harmonic village.



4. Ok,...?

This guy, Anna Hazare was awarded Padma Bhushan and is a known figure for his social activities.



5. Really, what is he fighting for?

He is supporting a cause, the amendment of a law to curb corruption in India.



6. How that can be possible?

He is advocating for a Bil, The Jan Lokpal Bill (The Citizen Ombudsman Bill), that will form an autonomous authority who will make politicians (ministers), beurocrats (IAS/IPS) accountable for their deeds.



8. It's an entirely new thing right..?

In 1972, the bill was proposed by then Law minister Mr. Shanti Bhushan. Since then it has been neglected by the politicians and some are trying to change the bill to suit thier theft (corruption).



7. Oh.. He is going on a hunger strike for that whole thing of passing a Bill ! How can that be possible in such a short span of time?

The first thing he is asking for is: the government should come forward and announce that the bill is going to be passed.

Next, they make a joint committee to DRAFT the JAN LOKPAL BILL. 50% goverment participation and 50% public participation. Because you cant trust the government entirely for making such a bill which does not suit them.



8. Fine, What will happen when this bill is passed?

A LokPal will be appointed at the centre. He will have an autonomous charge, say like the Election Commission of India. In each and every state, Lokayukta will be appointed. The job is to bring all alleged party to trial in case of corruptions within 1 year. Within 2 years, the guilty will be punished. Not like, Bofors scam or Bhopal Gas Tragedy case, that has been going for last 25 years without any result.



9. Is he alone? Whoelse is there in the fight with Anna Hazare?

Baba Ramdev, Ex. IPS Kiran Bedi, Social Activist Swami Agnivesh, RTI activist Arvind Kejriwal and many more.

Prominent personalities like Aamir Khan is supporting his cause.



10. Ok, got it. What can I do?

At least we can spread the message. How?

Putting status message, links, video, changing profile pics.



At least we can support Anna Hazare and the cause for uprooting corruption from India.

At least we can hope that his Hunger Strike does not go in vain.

At least we can pray for his good health.



Thanks for reading.

बुधवार, 17 अगस्त 2011

पन्द्रह मिनिट कसरत करने से भी सेहत की बंद खिड़की खुल जाती है .

पन्द्रह मिनिट का नियमित व्यायाम बहुविध सेहत की खिड़की खोल सकता है ,यही सन्देश और निष्कर्ष है एक ताइवान में संपन्न हालिया प्रेक्षण आधारित अध्ययन का .ताइवान नेशनल हेल्थ रिसर्च इंस्टिट्यूट के रिसर्चरों ने पता लगाया है कि जो नर -नारी हफ्तें में सिर्फ ९२ मिनिट के लिए भी व्यायाम कर्लेतें हैं उनकी मृत्युदर व्यायाम बिलकुल भी न करने वालों के बरक्स १४ %कम होजाती है .कुल मिलाकर ये अपनी जीवन (अवधि)प्रत्याशा तीन बरस तो बढा ही लेतें हैं .विज्ञान पत्रिका "लांसेट "में प्रकाशित हुआ है यह अध्ययन .
अध्ययन में शामिल ऐसे कुल ४,१ ६,१७५ लोगों का सर्वेक्षण किया गया था जिन्होनें दिन भर में वह कितने मिनिट व्यायाम को देतें हैं इस बात का खुद ही जायजा लिया था .सर्वे में शामिल लोगों से यह याद करने के लिए कहा गया कि उन्होंने पिछले महीने कौन सी कसरत की थी .किस किस्म का व्यायाम किया था ?
साधारण सैर ,तेज़ कदमी ,जोगिंग ,रनिंग ?जिन्हें क्रमश :-"मामूली या अक्रिय /इनएकटिव",लो ,मीडियम और "हाई"वर्ग में रखा ,देखा गया .
इनमें ५४ %इनएक्टिव मिले ,२२%लो ,१४ %मीडियमवर्ग और केवल ५%हाईवर्ग या इससे भी अधिक सक्रीय देखे गए। .
आइन्दा आठ सालों तक इन पर नजर रखी गई ,प्रत्येक वर्ग के लिए इनकी जीवन प्रत्याशा और मृत्यु दर का आकलन किया गया .
पता चला जिन लोगों ने सिर्फ १५ मिनिट के लिए भी रोजाना मोडरेट इंटेंसिटी का भी व्यायाम किया था उन्हें इसका अच्छा स्वास्थ्य लाभ मिला था बरक्स उनके जो इनएकटिव रहे थे .
न सिर्फ सक्रीय वर्ग की मृत्यु दर कम पाई गई इनमें कैंसर से होने वाली मृत्यु दर की भी संभावना कमतर रही ,यदि निष्क्रिय रहने वाले लोग रोज़ "लो वोल्यूम "व्यायाम को ही अपना लें ,तो तमाम वजहों से होने वाली ६ में से एक मौत को परे धकेला जा सकता है ,मुल्तवी रखा जा सकता है .माहिरों का यही सन्देश और अन्वेषण निकला .
People who exercised had less deaths and less cancer-related deaths than inactive individuals. “In Taiwan, if inactive individuals engage in low-volume daily exercise, one in six all-cause deaths could be postponed,” wrote lead author, Dr. Chi Pang Wen.
बेशक विश्व -स्वास्थ्य व्यायाम निर्देशों के मुताबिक़ हरेक व्यक्ति को सप्ताह में पांच दिन आधा घंटा रोज़ कसरत करनी चाहिए लेकिन हर -किसी की अति -व्यस्त दिनचर्या ऐसा करने कहाँ देती है .
कुछ न करने से कुछ करना ही भला .न सही ३० मिनिट १५ मिनिट ही सही हालाकि जितना ज्यादा सक्रीय जीवन आइन्दा के लिए उतना ही आराम ,जीवन की गुणवत्ता ,दमखम बरकारार रहने के मौके उतने ही ज्यादा ।
लेकिन कम भी उतना कम नहीं हैं फायदे इसके भी हैं -
"मधुमेह ,दिल की बीमारियों और कैंसर से होने वाली मृत्युदर इससे भी कमतर होती है .".


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Even a little exercise could improve health

Even a little exercise could improve health

Even a little exercise – about 15 minutes a day - can translate to health benefits, according to an observational study from Taiwan.

Researchers from Taiwan’s National Health Research Institutes found that individuals who exercised an average of 92 minutes a week had 14 percent reduced mortality compared with inactive people. This extended to three more years of life expectancy, according to the study published in the Lancet.

The authors surveyed 416,175 people who self-assessed how much they exercised. Participants were asked to recall the examples of exercises they did the previous month such as walking, brisk walking, jogging or running, which were categorized into inactive, low, medium, high or very high activity.

Most of the participants, 54% were inactive. In the findings, 22% identified as low, 14% as medium, and 5% each for high and very high activity levels.

They followed up with participants after an average of eight years to calculate mortality risk and life expectancy for each category. Researchers found that even 15 minutes of moderate intensity exercise “had significant health benefits when compared with individuals who were inactive,” according to the study.

People who exercised had less deaths and less cancer-related deaths than inactive individuals. “In Taiwan, if inactive individuals engage in low-volume daily exercise, one in six all-cause deaths could be postponed,” wrote lead author, Dr. Chi Pang Wen.

The World Health Organization's exercise guidelines recommend exercising at least 30 minutes, five days a week. But busy schedules, lifestyle and other reasons prevent people from getting that amount of activity.

“Individuals are more likely to do 15 minutes of daily exercise than they are 30 minutes of daily exercise,” the authors wrote.

Basically, a little exercise is better than nothing. And more is better.

But the study was an observational study, so it’s impossible to determine that the health outcomes were entirely due to exercise. Plus, the exercise behaviors were self-reported, which may not always be accurate.

“Because of its observational nature, Wen and colleagues’ study cannot establish causality, but their results are entirely consistent” with previous findings regarding exercise," wrote Anil Nigam of the Montreal Heart Institute and Martin Juneau of Université de Montréal in an accompanying commentary in the Lancet. Common causes of death such as cancer and heart disease are related to poor nutrition, inflammation and physical inactivity.

“If the minimum amount of exercise we suggest is adhered to, mortality from heart disease, diabetes, and cancer could be reduced,” wrote the study authors.




मंगलवार, 16 अगस्त 2011

त्रि -मूर्ती से तीन सवाल .

अन्ना जी को नॉन सिविल तरीके से गिरिफ्तार करके संविधान पढ़ लेने वालों ने इस देश की जनता पर बड़ा उपकार किया है .अब सरकार के तीन मंत्री छोटे परदे पर बैठे अपनी सफाई देकर मूर्खता पूर्ण बातें एक से एक आला दर्जे की कर रहें हैं .शुक्रिया त्रि -मूर्ती .
क्या अब इनकी याद को ताज़ा बनाए रखने के लिए एक और तीन मूर्ती भवन बनाया जाए ?
पहला सवाल देश जिसे गृह मंत्री समझता है उन ज़नाब चिदम्बरम से -काग भगोड़े ने एक बार और सिर्फ एक बार पुलिस का हवाला हवा दिया था अन्ना जी के अनशन के सन्दर्भ में लगता है गृह मंत्री ने वही लाइन पकड़ ली है .हर सवाल का एक ही ज़वाब देतें हैं दिल्ली पुलिस से पूछिए ये सवाल वह बतलायेगी .भाई साहब संस्कृत में "गृह "का एक अर्थ "घर "भी होता है ,कहीं गृह मंत्री अपने घर के और घर में ही तो मंत्री नहीं है ?क्या पुलिस महकमा तमाम एस पी साहेबान गृह मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आता .आप श्रीमान भारत सरकार के गृह मंत्री हैं ?आपकी ही पुलिस ने अन्ना को लिफ्ट में जाकर गिरिफ्तार किया था .अन्ना जी ने जब पूछा मेरा कुसूर क्या है ,आपकी पुलिस ने बतलाया "ऊपर का आदेश है "ये घरू मंत्री "ऊपर का आदेश "क्या चीज़ है ?ऊपर कौन है ?
अम्बिका सोनी जी आप सूचना प्रकाशन मंत्रालय संभाल रहीं हैं क्या आप बतला सकतीं हैं आप कौन से गांधी की बात करती हैं ?सोनिया गाँधी ?
यदि आप महात्मा गांधी की बात करतीं हैं तो कृपया यह बात जनता को बतलाएं इस महात्मा ने दिल्ली में कहाँ कहाँ ब्रितानी शासन के खिलाफ अनशन किया था .यदि अन्ना अन्न ग्रहण नहीं करतें हैं "अनशन "करतें हैं ,तो यकीन मानिए आप तीन मूर्तियों का वजन कम नहीं होगा .आपकी सरकार का भी वजन कम नहीं होगा ..बड़ी ख़ुशी हुई यह जानकार यह त्रि -मूर्ती भ्रष्टाचार के खिलाफ है ।
और कपिल साहब "जे पी पार्क ,मथुरा रोड "का ज़िक्र किसने शुरु किया था ,आपकी सरकार ने ही किया था ना ?तब इल्म नहीं था इस छोटी सी जगह के अनशन स्थल में बदलने पर जनता की आवाजाही बाधित होगी ?क्यों आप सुदर्शन कुमारजी एकके बाद दूसरी मूर्खता कर रहें हैं .सीधे सीधे क्यों नहीं कह देते हम से गलती हो गई अब सफाई क्यों दे रहें हैं ?.

सोमवार, १५ अगस्त २०११

संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है (दूसरी किश्त ).

संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है (दूसरी किश्त ).
अब जिन्होनें पढ़ लिया है ,उन्होंने ही "थामस साहब "को चीफ विजिलेंस कमिश्नर बना दिया था .किरण बेदी को कमिश्नर पुलिस बनने से रोक दिया था .कपिल सिब्बल जी इस देश की जनता को पूरी मासूमियत से बरगलाते ,बहकाते हैं ,"अनशन स्थल कमिश्नर ,दिल्ली पुलिस "तय करतें हैं .क्या पुलिस को वाकई इस देश में इतनी स्वायत्तता प्राप्त है ?सारा अमला तो "वी वी आई पी "सुरक्षा में लगा है ."एन एस जी "है शेष भारत ,आवाम के लिए क्या है ?
इन्हीं थामस साहब के कंधे और पीठ पर हाथ रखे रहे प्रधान मंत्री जी कहते हुए हमने जो कुछ किया देश हित में किया ,ठीक किया ,वे ऐसा ही बारहा कहते रहे जब तक के सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा नहीं ,लताड़ा नहीं इस बिजूके को ,काग भगोड़े को .
संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है उन्हीं लोगों ने राम लीला मैदान में बच्चों औरतों पर पुलिस से लाठी चार्ज करवाया ,अश्रु गैस के गोले दागे ,संतों को सलवार पहन कर भागने पर विवश किया .
पुणे में शान्ति पूर्ण प्रदर्शन करते किसानों पर गोली चलवाई .जमीन हड़प कर उनकी मुआवज़े के रूप में गोली खिलाई .
जिन्होनें संविधान पढ़ लिया है उस बे -जुबान बिजूके ने,काग भगोड़े ने अपने मुंह में कपिल सिब्बल की जुबान फिट करवाली है . .
ये लोग जो अपने को संविधान का माहिर बतलातें हैं ,अन्ना जी के लिए कहतें हैं उन्होंने संविधान नहीं पढ़ा है खुद संसद का सम्मान नहीं करते इसीलिए इनके चार सांसद जेल में है जिन्हें इन्होनें नहीं सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ भेजा है .और १५० अपराधी हैं संसद में हैं .अन्नाजी संसद का सम्मान करतें हैं इसीलिए उन्होंने साफ़ कहा है संसद के समक्ष विमर्श के लिए दोनों लोक पाल प्रारूप रखे जाएँ उनके गुणधर्मों पर बहस हो ,जिसे सांसद मंजूरी दें वह भारत के आवाम के सर माथे के ,मेरे तुम्हारे .

संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है (दूसरी किश्त ).

संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है (दूसरी किश्त ).
अब जिन्होनें पढ़ लिया है ,उन्होंने ही "थामस साहब "को चीफ विजिलेंस कमिश्नर बना दिया था .किरण बेदी को कमिश्नर पुलिस बनने से रोक दिया था .कपिल सिब्बल जी इस देश की जनता को पूरी मासूमियत से बरगलाते ,बहकाते हैं ,"अनशन स्थल कमिश्नर ,दिल्ली पुलिस "तय करतें हैं .क्या पुलिस को वाकई इस देश में इतनी स्वायत्तता प्राप्त है ?सारा अमला तो "वी वी आई पी "सुरक्षा में लगा है ."एन एस जी "है शेष भारत ,आवाम के लिए क्या है ?
इन्हीं थामस साहब के कंधे और पीठ पर हाथ रखे रहे प्रधान मंत्री जी कहते हुए हमने जो कुछ किया देश हित में किया ,ठीक किया ,वे ऐसा ही बारहा कहते रहे जब तक के सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा नहीं ,लताड़ा नहीं इस बिजूके को ,काग भगोड़े को .
संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है उन्हीं लोगों ने राम लीला मैदान में बच्चों औरतों पर पुलिस से लाठी चार्ज करवाया ,अश्रु गैस के गोले दागे ,संतों को सलवार पहन कर भागने पर विवश किया .
पुणे में शान्ति पूर्ण प्रदर्शन करते किसानों पर गोली चलवाई .जमीन हड़प कर उनकी मुआवज़े के रूप में गोली खिलाई .
जिन्होनें संविधान पढ़ लिया है उस बे -जुबान बिजूके ने,काग भगोड़े ने अपने मुंह में कपिल सिब्बल की जुबान फिट करवाली है . .
ये लोग जो अपने को संविधान का माहिर बतलातें हैं ,अन्ना जी के लिए कहतें हैं उन्होंने संविधान नहीं पढ़ा है खुद संसद का सम्मान नहीं करते इसीलिए इनके चार सांसद जेल में है जिन्हें इन्होनें नहीं सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ भेजा है .और १५० अपराधी हैं संसद में हैं .अन्नाजी संसद का सम्मान करतें हैं इसीलिए उन्होंने साफ़ कहा है संसद के समक्ष विमर्श के लिए दोनों लोक पाल प्रारूप रखे जाएँ उनके गुणधर्मों पर बहस हो ,जिसे सांसद मंजूरी दें वह भारत के आवाम के सर माथे के ,मेरे तुम्हारे .


रविवार, 14 अगस्त 2011

संविधान जिन्होनें पढ़ा है .....

अन्नाजी को कटहरे में खड़े करने वालों से सीधी बात -
अन्नाजी ने संविधान नहीं पढ़ा है ,वह जो चाहे बोल देतें हैं ?
मेरे विद्वान दोश्त कपिल सिब्बल जी ,संविधान इस देश में जिन्होनें पढ़ा था उन्होंने इमरजेंसी लगा दी थी .और संविधान में यह कहाँ लिखा है ,कि किसी व्यक्ति की उम्र नहीं पूछी जा सकती ,उससे ये नहीं कहा जा सकता ईश्वर ने आपको सब कुछ दिया है ,अब आप उम्र दराज़ हो गए राष्ट्र की सेवा करो ।आपके पास नैतिक ताकत है ,आप ईमानदार हैं .
संविधान में यह भी मनाही नहीं है कि एक साथ चार -मूर्खों को मंत्री बना दिया जाए ,और एक षड्यंत्र रच के १४ अगस्त की शाम एक साथ सारे एक ही स्वर में ,एक ही आरोह अवरोह में झूठ बोलना शुरु करें ।
और ये कौन से सावंत की बात हो रही है अदालत तो राखी सावंत भी लगातीं थीं ?
क्या किसी नैतिक शक्ति से संचालित होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने की संविधान में मनाही है या फिर प्रजातंत्र में यह नैतिक शक्ति ही उसे प्रासंगिक बनाए रहती है ?
किसी नवीन चावला को भी संविधान के ऊपर थोपने की मनाही नहीं है ।
विदूषी अंबिका सोनी जी कहीं संजय गांधी जी की तो बात नहीं कर रहीं ।?गांधी तो वह भी थे .
महात्मा गांधीजी को तो यह हक़ हासिल था कि वह पंडित नेहरु या सुभाष चन्द्र बोस की उम्र पूछ सकें ।
ये काले कोट वाले सुदर्शन कुमारजी जांच तो भगत सिंह की भी करवा सकतें हैं -संसद में बम गिराने का असलाह और पैसे कहाँ से जुटाए थे ज़नाबभगत सिंह ने ?
सारे महानुभाव मय मनीष तिवारीजी ,सुदर्शन हैं ,सुमुखी हैं ,वाणी से इनकी अमृत झर रहा है ,संविधान में इसकी भी मनाही नहीं है इन्हें कुछ भी बोलने की छूट न दी जाए ।
"अनशन स्थल और अवधि वही जो सरकार बतलाये ,आन्दोलन वही जो सरकार चलवाए ।".
अन्ना का खौफ क्यों भाई ,कल को कोई अन्नभी मांगेगा ,अन्न कहेगा तो सरकार "अन्ना "समझेगी ?इस नासमझी की भी संविधान में मनाही नहीं है ?

शनिवार, 13 अगस्त 2011

HypnoBirthing: Relax while giving birth?

HypnoBirthing: Relax while giving birth?

By Madison Park, CNN
August 12, 2011 7:17 a.m. EDT
Amber Diez gave birth to twins using HypnoBirthing and called it her easiest delivery.
Amber Diez gave birth to twins using HypnoBirthing and called it her easiest delivery.
The mothers stay awake during the process, but train themselves to calm down so they may appear as if they're sleeping। Some use instrumental music, rhythms and affirmations. They are encouraged to visualize a relaxed place or a goal like cuddling with their newborn.
गर्भवती महिलाओं के लिए स्व :सम्मोहन करना उनके तन और मन ,चित्त और शरीर को शांत करने का एक अभिनव तरीकाहै .इस तरीके में प्रवीण होने के बाद वह प्रसव की पीड़ा के एहसास को न्यूनतर करके ,प्रसव को एक कुदरत का चमत्कार ,एक आध्यात्मिक घटना मानते हुए प्रसव कर लेती हैं ।
"लेबर" शब्द का स्थान बर्थिंग (जन्म देने का सौभाग्य ले लेता है )और कोंट्रेकशंस का "स्पंदन ". प्रसव से जुड़े निर्मूल भय को समाप्त करने की कूवत रखती है "हिप्नोबर्थिंग "जिसे श्रुति (माउथ-टू -माउथ कम्युनिकेशन )और कुछ नामचीन होलीवुड अदाकारों ने लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचा दिया है .इसी जन -प्रियता के चलते "इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिप्नोथिरेपी "के माहिरों के अनुसार फिलवक्त अमरीका भर में १४०० सम्मोहन विद्या के माहिर इसका प्रशिक्षण दे रहें हैं.बेशक कितनी गर्भवती महिलायें इस विधि को अपना रहीं हैं इसका अभी ठीक ठीक अंदाजा नहीं लगाया जा सकता क्योंकि कई "पैन मेडिकेशन "का और कई अन्य एपिड्यूराल्स या फिर सीजेरियन सेक्शन की ओट ले लेतीं हैं ।
स्व :सम्मोहन सीख चुकी प्रसूताओं का प्रसव अस्पतालों में ही करवाया जाता है भले कुछ इसके लिए अपने घर का स्वेच्छा से चयन करलें .
लमाज़े क्लासिज़ ,ब्राड्ली मेथड और योग की तरह महिलाओं के लिए प्रसव का यह एक और नायाब विकल्प बनके उभर रहा है .
इस विधि को अपनाने वाली महिलायें सचेतन रहतीं हैं ,निद्रा में नहीं ,उनके कल्पना लोक में बच्चे को गले लगाकर थपथापाना सहज ही चला आता है ,प्रसव के दौरान आत्म सुझाव के ज़रिए वे भीतर बाहर शांत रहने की कामयाब चेष्टा करतीं हैं .बेशक इसके लिए कुछ वाद्य संगीत की पसंदीदा बंदिशों का भी सहारा लेतीं हैं तो कुछ और रिदम्स और एफर्मेशन का सहारा लेतीं हैं .सहज शीथलीकरण, रिलेकसेशन की अवस्था ,लिम्प स्टेट में चली आतीं हैं महिलायें .एक ट्रांस में प्रवेश करतीं हैं जहां हरेक महिला का कल्पना लोक न्यारा और प्यारा होता है कुछ 'सी" बीच,पोमिनेद, समुद्र तट पर नमक की सौंधी खुश्बू नथुनों में भर रहीं होतीं हैं तो कुछ लहरों की अठखेलियाँ देख रहीं होतीं हैं तो कुछ नियाग्रा फाल्स पर सी गल्स का कलरव .ब्रीथिंग टेकनीक भी ये महिलायें सीखे रहतीं हैं .
माहिरों के अनुसार शरीर जन्म देने की कुदरती प्रक्रिया से उसी तरह वाकिफ है जैसे वह इस बात से वाकिफ है कि एक आध्यात्मिक चमत्कार की तरह गर्भ चले आये जीव का गर्भकाल में पल्लवन और पोषण कैसे किया जाता है .



गुरुवार, 11 अगस्त 2011

Early morning smokers have higher cancer रिस्क.

Early morning smokers have higher cancer risk
Subjects who smoked their first cigarette between 31 and 60 minutes after waking up were more than 30% more likely to develop lung cancer; the odds increased to nearly 80% for those who smoked in their first half-hour awake. For head and neck cancers, subjects were more than 40% more likely if they indulged in the 31-60 minute window, and nearly 60% more likely for those who smoked in their first half-आतें ।
अमरीकी कैंसर संघ के विज्ञान प्रपत्र "कैंसर "में एक दम से ताज़ा प्रकाशित दो अध्ययनों के मुताबिक़ जो स्मोकर्स बिस्तर से सुबह सवेरे उठाते ही सिगरेट सुलगा लेतें हैं वह अपने अनजाने ही फेफड़ों ,"हेड और नैक" कैंसर के वजन को बढा लेतें हैं .अध्ययन को परवाज़ दी है पेन स्टेट कोलिज ऑफ़ मेडिसन के रिसर्चरों ने जिसका विशेष महत्व इसलिए भी है कि ऐसे स्मोकर्स में उल्लेखित कैंसर की शिनाख्त जड़ ज़माने से पहले ही शुरूआती चरण में की जा सकती है .और फिर फ़ौरन बाद इन धूम्रपानियों की सिगरेट छुड़ाई के लिए विशेष कार्यकरण शुरु किए जा सकतें हैं .
धूम्रपान और फेफड़ों के बीच एक अंतर -सम्बन्ध की पुष्टि सबसे पहले १९५० के दशक के बरसों में की गई ।
१९८० में पहली मर्तबा "निकोटिन गुलामी ",निकोटिन डिपेंडेंस का पता चला .तब अमरीकी चिकित्सा संघने धूम्रपान को एक मनो-वैज्ञानिक और शरीर -प्रक्रिया -वैज्ञानिक (फिजियोलोजिकल प्रोब्लम )समस्या के रूप में रेखांकित किया ।
"निकोटिन -डिपेंडेंस ",निकोटिन हुकिंग की शिनाख्त संदर्भित अध्ययनों में उस समय -अंतराल से आंकी गई जो प्रात :बिस्तर से उठने और पहली सिगरेट के बीच रहता है .पता चला जिनका हाथ उठते ही बिना समय गँवाए सिगरेट की डिब्बी पर आपसे आप चला आता है ,और कश -दर -कश धूम्रपान शुरु हो जाता है उनकी हुकिंग भी बहुत ज्यादा होती है और शरीर में सिगरेट से पैदा रासायनिक विष (टोक्सिंस) का डेरा भी .इनके खून में निकोटिन का स्तर भी ज्यादा रहता है बरक्स उनके जो आधा घंटा या एक स्मोकिंग से बाज़ आतें हैं सुबह उठने पर .
“One of the things we use to measure dependence is called the Heavyness of Smoking Index, which includes two questions,” says Dr। Richard D. Hurt, the director of the Mayo Clinic’s Nicotine Dependence Center, who is not affiliated with the new studies. “How much do you smoke, and how long after you arise do you have your first cigarette?”
कितनी सिगरेट्स धुएं में उड़ा देतें हैं उठने के बाद कितनी देर बाद धूम्रपान करतें हैं अपने पहली सिगरेट सुल्गातें हैं यह बहुत एहम सवाल है जो निकोटिन और अन्य रासायनिक विषों से होने वाली नुकसानी से ताल्लुक रखता है .
एक बात और माहिरों ने पता लगाईं है सुबह उठने के बाद जितनी अधिक देर तक आप धूम्रपान मुल्तवी रखेंगे ,सारे दिन में उसी के अनुरूप कुल मिलाके कम सिगरेट ही फूंकेंगे .जिनकी हुकिंग ज्यादा है निकोटिन से वह ज्यादा "सिगरेट लती
"भी हैं .ज्यादा बड़े गुलाम है इस "निकोटिन स्टिक "के .
ये इनकी वाकिंग स्टिक बन जाती है ।
एक बात और -जो सिगरेट के छल्ले बनाके उड़ाने की ताक में ज्यादा लंबा कश खींचते है ,धुआं भी उगलने की जिन्हें कोई जल्दी नहीं होती सिगरेट को आखिर तक सुड़क जातें हैं वह ज्यादा रासायनिक विष पीतें हैं बरक्स उनके जो इस शौक को नाटकीयता न देकर हलके कश खींचते हैं एक तिहाई शेष रहने पर फैंक देतें हैं .कैंसर की प्रबल संभावना भी पहली किस्म के लोगों के ज्यादा नज़दीक खड़ी रहती है ।
"थेंक्स टू -मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया ,हर फ़िक्र को धुयें में उडाता चला गया ".शौक से पीजिए थोड़ा सा जी लीजिए ,आपके फेफड़े हैं आपका शरीर है आप जो इसका करें .ग्लेम्राइज़ कीजिए विषपान को .विष -पुरुष बनिए .विष कन्या बनी .आजकल लड़कियों में ये उन्माद ज़ोरों पर है .
The half-life of nicotine is relatively short – only two hours – so after six or eight hours of sleep, your body has gotten rid of nearly all of the nicotine you’ve inhaled the day before। There’s very little left in the body in the morning and the receptors in the brain are crying out for more nicotine. Those who are the most dependent need that cigarette earlier, and often smoke more cigarettes throughout the day, more intensely.
The takeaway here is about what you’d expect। “Stop smoking as soon as you can,” says Hurt. “We have more things to offer now than ever before. [You] can go to a physician or call a telephone quit line. We combine behavioral counseling with medications, which can double, triple, or even quadruple your chances of successfully quitting.”



बुधवार, 10 अगस्त 2011

सरकारी चिंता .

इन दिनों चीन की सेना (ना )पाकी सेना के साथ मिलकर राजस्थान राज्य के जैसलमेर जिले से सिर्फ २५-३० मील की दूरी पर सैन्य अभ्यास कर रही है .क्योंकि हमें मार खाने की बाहरी ताकतों से आदत पड़ चुकी है और चीन तो हमारी काफी ज़मीन भी दबाये हुए है इसीलिए सरकार इस सब से जरा भी चिंतित नहीं है .सोफ्ट स्टेट होने को हम बारहा सिद्ध करते रहतें हैं .कोई भी आतंकी यहाँ पटाखे फोड़ के चला जाता है (सरकारी भाषा में बम विस्फोट को पटाखा ही कहतें हैं ) इसीलिए हमें इस सबकी भी आदत हो गई है .सरकार की चिंता "अन्ना है ",बकौल अन्ना के वह एक मंदिर के दस बाई दस फुटे कमरे में रहतें हैं .सरकार ने पैमाइश करवाई है .पता चला है लम्बाई भी सवा दस फुट है चौड़ाई भी .सरकार कहती है अन्ना झूठ बोल रहें हैं .और कोई आपके जैसा पैर छूकर एक कुर्ता दे जाता है तो सरकार तुनक कर कहती है पांच फुट दो इंच का आदमी इतना लंबा कुर्ता पहनता है .यह राष्ट्रीय संपत्ति का अपमान है .इसकी जांच होनी चाहिए .देशी आदमी होकर सरकार को धमकी देता है .विदेशी होता तो और बात थी .हम इसके घाव भी खाएं .अपनी औकात भूल गया ये आदमी .सेना का ट्रक चलाता था .गोली लगी तो जीवन से मोह भंग हुआ .कुंवारा रह गया इसमें सरकार की क्या गलती है .साला आगे नाथ न पीछे पगा .पेंशन पर ज़िंदा आदमी सरकार से पंगा लेने चला .

सोमवार, 8 अगस्त 2011

What the Yuck: Can PMS change your boob size?

क्या पूर्व -माहवारी -संलक्षण ,मासिक चक्र से पहले होने वाली तकलीफों के दरमियान महिलाओं के वक्ष स्थल ,वक्ष प्रदेश ,स्तनों का आकार इतना तबदील हो जाता है कि कुछ को चोलियों का एक जोड़ा ही सुविधा के लिए रखना मजबूरी हो जाता है अलग अलग साइज़ की . है .और क्या ऐसा होना सामान्य है या अपवाद ?
माहिरों के अनुसार - प्री -मेन्स्त्र्युअल् सिंड्रोम ,डिफिकल्ट मेन्स्त्र्युअल् साइकिल के दरमियान वक्षस्थल का फूल कर इन्फ्लेमेट और नाज़ुक होकार फ़ैल जाना एक दम से सामान्य होता है .होता यह है इस दरमियान प्रोजेस्टेरोन और प्रोलेकतिन हारमोन का स्तर बहुत बढ़ जाता है .इसी बढ़ोतरी के साथ वक्ष स्थल के ऊतक फूल कर कुप्पा हो जातें हैं ,दूध बनाने वाली ग्रन्थियों का भी आकार बढ़ जाता है .
अलावा इसके इस दरमियान औरत का शरीर जल निरोधन करने लगता है .आकार में यह वृद्धि सभी के लिए यकसां नहीं होती है .एक ही औरत के मामले में भी एक महीने और दूसरे महीनों में यानी सभी महीनों में एक जैसी (यकसां )नहीं होती । Plus, our bodies retain water during that premenstrual period. The change in boob size varies from woman to woman and sometimes from month to month. Some women won't notice much difference in their ta-tas, while others get a monthly (temporary) boob job.
बेशक स्रावी तंत्र यानी हारमोन वृद्धि को आप (महिलायें )नहीं थाम सकतीं है लेकिन नमक की मात्रा को चौतरफा कम किया जा सकता है .तले-भुने ,नमकीन ,पानी पूरी (गोलगप्पे ) के ज़रिए चुपचाप चले आने वाले सोडियम पर नजर रख के .आजकल हर पैकिट बंद नमकीन ,ब्रेड -बटर ,अचार आदि पर सब कुछ लिखा रहता है ।इस उपाय को अपना कर जल निरोधन से बचा जा सकता है .
Though you can't stop this hormonal process, there are things you can do to make your PMS breast makeover less pronounced। To keep water retention in check, cut back on your salt intake. Keep an eye out for hidden sodium in soup, vegetable juice, and fast food. If that doesn't help, water pills can help with the water retention.
लेकिन अगर वक्ष स्थल की वृद्धि बहुत ज्यादा हो जाती है तब माहिर की सलाह पर आपको गर्भ -निरोधी टिकिया भी खानी पड़ सकती है .पोलिओवेरियन सिस्ट्स से लेकर तमाम तरह की गर्भाशय से जुडीऔर कई परेशानियों में भी ओरल कोंट्रासेप्तिव पिल्स समाधान करती देखी गईं हैं .
सारा खेला औरत के साथ ताउम्र हारमोन ही खेलतें हैं .
If the change is dramatic and it really stresses you out, talk to your doctor about going on oral contraceptives. By regulating the hormonal fluctuation, the Pill can help keep you in one cup-size all month long.