स्टडी :सोय सौस रिद्युसिज़ मिनोपोज़ सिम्टम्स(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई १२ ,२०१० )।
जापान के साइंसदानों ने अपने एक नवीन अध्धय्यन में पता लगाया है ,सोय सौस (सोया बीन्स से तैयार की गई चटनी ,सौस )मिनोपोज़ के कुछ लक्षणों की उग्रता (तेज़ी )को कम करती है .हॉट फ्लाशिज़ ,स्लीप -लेस -नैस ,बोन लोस जैसे लक्षण शमित हो जातें हैं ।
हॉट फ्लेशिज़ (हॉट फ्ल्शिज़ ) कुछ रजोनिवृत्त महिलाओं में एक आम लक्षण के रूप में मुखरित होता है .एक दम से गर्मी महसूस होने के साथ (चेहरे का गरम ,लाल होना ),पसीना छूटना इसमें एक आम बात है .वास्तव में यह एक एन्डोक्राइन इम्बेलेंस का नतीज़ा होता है .स्रावितंत्र हारमोन सम्बन्धी फेर बदल करता है ,रजोनिवृत्त होते होते ।
इस्ट्रोजन बनता है रजोनिवृत्ति से चस्पां परेशानियों की वजह .सोय सौस में कुदरती तौर पर एक यौगिक पाया जाता है जो इस्ट्रोजन के उत्पादन को कम करने में मददगार बनके आता है .इसी कुदरती कम्पाउंड (नेच्युरल यौगिक )का साइंसदानों ने पता बताया है ।
गौर तलब है जापानी खुराख में सोया चटनी का दखल रहता है .खाने के साथ इसे लेने का रिवाज़ है .पता चला इसी वजह से अमरीकी और योरोपीय महिलाओं के बरक्स एशियाई महिलाओं में रजोनिवृत्ति के उग्रतर लक्षण दिखलाई नहीं देतें हैं ।
यूँ सोय में एंटी -कार्सीनोजेनिक (कैंसर -रोधी )गुण हैं । खून में घुली चर्बी को भी कम करने में यह मददगार पाई गई है .
सोमवार, 12 जुलाई 2010
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