इज फ्रेशर ब्लड बेटर फॉर सर्जरी ?(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई २८ ,२०१० ,पृष्ठ १९ ).
यह सवाल इन दिनों अमरीकी अस्पतालों में विमर्श का विषय बना हुआ है ?सर्जरी के लिए ताज़ा खून या ब्लड बेंक में भंडारित किया हुआ अच्छा रहता है ?
सर्जरी के वक्त किसी मरीज़ को कितना पुराना ,भंडारित खून मिलता है यह इस बात पर निर्भर करता है उस रोज़ कुल कितना खून उस वांछित वर्ग का है ,ज़ाहिर है पहले सेल्फ लाइफ के मद्दे नजर पुराना खून काम में लिया जाता है ,कहीं भंडारित खून को फैंकना ना पड़े इस बात का ध्यान रखा जाता है .अलबत्ता रेड ब्लड सेल्स की एक कारगर भंडारण अवधि रहती है इसके पहले इसे काम में ले लिया जाता है .इस अवधि के बाद फेक्टर ८ निकाल लेने के बाद इसे फैंक दिया जाता है .६ हफ्ता रहती है आम तौर पर यह अवधि इसके बाद इसे फैंकना ही पड़ता है .ऐसे में उस दिन कौन सा खून मरीज़ को चढ़ाया गया वह महज़ इत्तेफाक होता है ,वह १-३ हफ्ता या फिर ६ सप्ताह पुराना भी हो सकता है ।
अलबता ब्लड बैंकों के लिए यह एहम सवाल बन सकता है जहां खून की अकसर कमीबेशी साल भर बनी रहती है ।
अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था "ऍफ़ डी ए " ने रेड ब्लड सेल्स की भंडारण अवधि ६ हफ्ता निर्धारित की हुई है .इसलिए एक्सपायरी से पहले ही भंडारित आपूर्ति को काम में लेने की मंशा बनी रहती है चिकित्सा कर्मियों की ।
अलबत्ता इस सवाल का फैसला आगामी ग्रीष्म में हो सकता है .इसी समय अमरीकी अस्पतालों में इसी मुद्दे पर नै शोध का आगाज़ ,आजमाइशें होने जा रहीं हैं ।
अलबत्ता भंडारित खून में से कोशिकीय मलबे (सेल्युलर डेब्रीज़) को अलग कर इस नुकसानी को कम करने की दिशा में भी काम हो रहा है .मिआमी विश्व -विद्यालय ने यह कर दिखाया है .बेशक पुराने पड़ते रक्त का ब्रेकडाउन शुरू हो जाता है लेकिन यह उतना भी नहीं होताहै जिसके पार्श्व प्रभाव सामने आ सकें .अकसर इसके पहले ही इसे काम में ले लिया जाता रहा है .
बुधवार, 28 जुलाई 2010
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