नाईट -मेयर्स ?रिलेक्स ,यु कैन कंट्रोल ड्रीम्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जुल्य२६ ,२०१०)।
कई मर्तबा हम सोते सोते कोई खौफनाक खाब देख बेहद डर जातें हैं .बिस्तर पर लौटते ही वह खाब अपनी भयानकता में फिर आ घेरता है .इस खाब की दिशा मोड़ कर इसमें से खौफ की दिशा मोड़कर बेअसर करने का नुस्खा सुझाया है साइंसदानों ने ।
इसे मोडरन वर्शन कहा जा रहा है "सेल्फ हिप्नोसिस" का .रोसलिन कार्ट राईट अपनी किताब "ट्वेंटी फॉर हावर(आवर ) माइंड"में कहतीं हैं बेहद खौफनाक ख़्वाब से डर को निकाल कर उसे भी दिलचस्प मोड़ दिया जा सकता है . फिल्म "इंसेप्शन" में लेओनार्दो डिकैप्रियो नाम का पात्र स्लीपिंग माइंड से(स्वप्न में डूबेदिमाग से ) कोर्पोरेट सीक्रेट्स चुरा लेने का करिश्मा कर दिखाता है .बेशक हर कोई ऐसा नहीं कर सकता लेकिन ड्रीमर्स खुद को सोते सोते भी बहुत कुछ सिखा समझा सकतें हैं .स्लीप रिसर्च कीइस माहिर का ऐसा मानना है ।
जैसे जैसे हम नीद में गहरे उतरते जाते हैं ,इन दी डाउन टाइम ऑफ़ स्लीप ,दिमागी कोशायें(ब्रेन सेल्स या न्युरोंस ) बेतरतीब तरीके से दिन भर की छवियाँ और इमेजिज़ और संवेगों को ऋ -फायर करते चलतें हैं .सब कुछ गड्डम गड्ड,कर देतें हैं .न्युरोंस मैश डेम अप .नतीजा होता है खाब .कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानमती ने कुनबा जोड़ा ।ऐसे में -
दिमाग स्वप्न -दर्शी को ड्रीमर को बचाने के लिए ही कुछ जैव -रसायनों का स्राव करने लगता है .नतीज़न खौफनाक अनुभवों की अवधि घट जाती है .
ड्रीम क्लिनिकें आप को सिखाती है :"लुसिड ड्रीमिंग "साफ़ सुथरे खाब देखना .जिनका आप लुत्फ़ उठा सकें .बस आपको यह समझभर लेना है आप खाब देख रहें हैं .कुछ ईंटें इधर से उठाकर उधर रखनी हैं .भानमती का कुनबा बिखर जाएगा ।
आप स्वप्न लेखन कीजिये .विवरण लिख लीजिये अपने खाबों का ।
शेल्बी हेरिस एक बिहेवियर- अल स्लीप प्रोग्रेम क्लिनिक चलातें हैं .आप नाईट मेयर्स से आजिज़ आ चुके लोगों को ड्रीम स्क्रिप्ट्स लिखना सिखलातें हैं ।
एक रिकरिंग ड्रीम की आप दिशा मोड़ सकतें हैं ।
मसलन यदि आप खाब में खतरनाक शार्क्स से घिर गएँ हैं आप इन्हें डोल्फिंस में बदल सकतें हैं .एक आदमी का पीछा अकसर एक ख़ास आदमी खाब में करता था ,एक दिन वह उसे चोकलेट में बदलने में कामयाब हुआ और एक दिन इस चोकलेट को मज़े से खा भी गया .बस नाईट मेयर को फन में बदलना है .दु :स्वपन से छुटकारा मिल जाएगा .यही हेरिस सिखलातें हैं .यही है सेल्फ हिप्नोसिस .
सोमवार, 26 जुलाई 2010
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