'जोगिंग मे नोट आलवेज़ हेल्प स्टे फिट ':(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जुलाई २७ ,२०१० ,पृष्ठ १५)।
ज़रूरी नहीं है जोगिंग आपको सदैव भला चंगा ,सेहतमंद ही रखे .एक ब्रितानी माहिर की माने तो ,जोगिंग "सल्युलाईट" ,"हार्ट अटेक्स",और "जोइंट- स्ट्रेन" की वजह भी बन सकती है ।
सेल्युलाईट क्या है ?
इस कंडीशन में चमड़ी के नीचे फैट ज़मा होने लगता है ,खासकर नितम्बों ,टांगों और जंघाओं की चमड़ी के नीचे .दी स्किन मे देन लुक लम्पी एंड ग्रैनी ।
बेशक वजन कम करने रखने की ताक़ में (चाहत में ) कितने ही लोग दौड़ना शुरू करतें हैं लेकिन वजन कम हो ही यह ज़रूरी नहीं है ।
दरअसल छोटी पेशियाँ कम ऊर्जा की खपत करतीं हैं ,अधिक सक्षम भी होती हैं स्माल मसल्स .हृद पेशी से भी यदिज़बरिया ज्यादा काम लिया जाएगा ,ज्यादा देर तक काम लिया जाएगा ,यह कम ऊर्जा खर्च करने के लिए कोंत्रेक्ट करेगी ,ज्यादा सक्षम हो जाएगा हार्ट मसल .
"इफ यु वांट टू इनक्रीज दी साइज़ ऑफ़ यूओर हार्ट देन यु मस्ट स्ट्रेंग्थ -ट्रेन यूओर हार्ट ,नोट इन्द्यु -अरेंस ट्रेन इट".यही कथन है -ग्रेग ब्रूकेस का .आप लन्दन के एक मशहूर ट्रेनर हैं .
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