शुक्रवार, 9 जुलाई 2010

एचाईवी स्त्रैंस की काट के लिए "एंटी -बॉडीज ....

एंटी बॉडीज देत न्युत्रेलाइज़ ९०% ऑफ़ एचाईवी स्त्रैंस (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई ९ ,२०१० )
अमरीकी रिसर्चरों ने प्रयोगशाला में दो ऐसी "एंटी -बॉडीज 'का अन्वेषण कर लिया है जो अब तक ज्ञात एचाईवी की ९० फीसद किस्मों को बे -असर (न्युत्रेलाइज़ )कर देतीं हैं ।
वीआर्सीओ-१ ,वीआर्सीओ-२ नाम के यह दोनों प्रति -पिंड कुदरती तौर पर ही पैदा हुएँ हैं जिन्हें एचाईवी पोजिटिव लोगों के खून में ही पाया गया है .यह ह्यूमेन सेल्स के संक्रमण को प्रभावी तरीके से रोकने में सक्षम हैं ।
इस खोज से ना सिर्फ एचाईवी -एड्स के खिलाफ एक असरदार टीका बनाने का काम आगे बढेगा ,अन्य रोगों के इलाज़ के लिए भी एंटी -बॉडी थिरेपी विकसित की जा सकेगी ।
नेशनल इन्स्तित्युत ऑफ़ हेल्थ के नाम -चीन विषाणु -विदों (वाय्रालोजिस्ट्स )ने इस खोज को आगे बढाया है ।
एन्टी -बॉडीज को एचाईवी पोजिटिव रक्त साम्पिल से अलग करने के लिए आपने एक अभिनव आणविक प्राविधि विकसित की है ।
कुछ ख़ास कोशाओं को निशाने पर लिया गया .,जो एचाईवी के खिलाफ जेहाद में एंटी -बॉडीज रचतीं हैं ॥
इस प्राविधि के तहत साइंसदानों ने एक एचाईवी प्रोटीन को ही संषोधित किया .ताकि वह मौके पर मौजूद एन्टी -बॉडीज एट साईट के साथ ही bas

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