मंगलवार, 30 अप्रैल 2013

Concept of soul and the Supreme soul


मैं कौन हूँ ?

दुखों का कारण है हमारा देह अभिमान .खुद को देही (देह का मालिक )न समझ सिर्फ देह भान में रहना .हम जानते ही नहीं है अपना सही परिचय .परिचय के अभाव में हम अशांत विचलित रहते हैं .हमारे कर्मों को दिशा नहीं मिलती है .

अपनी काया के श्रृंगार .बनाव और ठवन में ही लगे रहतें हैं हम .अपने स्वभाव से संस्कार से आत्म तत्व चेतना ,सचेतन ऊर्जा ,अपने अ -शरीरी -पन  से ,सूक्ष्म रूप ,प्रकाश स्वरूप ,शांत स्वरूप ,ज्ञान और अपने मूल स्वभाव में आनंद  स्वरूप अपनी आत्मा से हमारा संपर्क कट गया है .अपरिचय व्याप्त है .

इसीलिए किसी किसी को कह देते हैं इसकी तो आत्मा ही मर चुकी है .भले बुरे का इसे विवेक ही नहीं है निरा भॊगी  बनके रह गया है यह .

शरीर तो  जड़तत्व है .क्षय होते होते कोशा के स्तर पर (cellular level )एक दिन साथ छोड़ जाएगा उस मूल तत्व का जो पञ्च भूत से परे है .यानी आत्मा का .

वही  सूक्ष्म तत्व ज्योति बिंदु स्वरूप आत्मा  है जो वर्तमान का कर्म भोग भुगता कर शरीर छोड़ जाता है .  आत्मा .शिव का वंश है .शिवत्व इसका स्वभाव है .देह अभिमान ने खुद को महज़ काया मान लेने के बोध में हमें उलझाया हुआ है .मेरा तेरा की माया में डाल  दिया है हमारे मन को बुद्धि को संस्कार को .यही आत्मा के तीन अलंकरण हैं  ,अधीन हैं आत्मा के    .आत्मा के गुण हैं .उपकरण हैं मन ,बुद्धि और संस्कार आत्मा के .कर्म से पैदा संस्कार आत्मा पे रिकार्ड होता चला जाता है .

जबकी आत्मा मन से भी सूक्ष्म तत्व है .बुद्धि योग से मन को, कर्म को, वचन को सही दिशा बोध दे सकती है .कैसे यह पढ़िए 'परमात्मा का परिचय 'पोस्ट में .

फिलाल याद रखिये मैं इस देह से परे ,देह के जड़त्व से परे ,एक दिव्य ज्योति हूँ .शान्ति ,आनंद ,ज्ञान ,प्रेम मेरा गुनियादी गुण हैं .मैं आत्मा देह से अलग एक अकाल मूर्त सत्ता हूँ .मेरा क्षय नहीं हो सकता .काल मुझे खा नहीं सकता .अग्नि मुझे जला नहीं सकती .जलता तो शरीर है जो पञ्च तत्वों का संयोजन है .मैं तो एक शरीर छोड़ दूसरा ग्रहण कर लेती हूँ .

इसीलिए कबीर ने कहा -

हाड़ जरे ज्यों लाकड़ी ,केश जरे ज्यों घास ,

सब जग जलता देख के कबीरा भया उदास . 

परमात्मा का परिचय 
परमात्मा निराकार है .ज्योतिबिंदु स्वरूप है .शिव उसका गुणवाचक नाम है .परमात्मा ज्ञान का प्रेम का आनंद  का सागर है।शान्ति का सागर है .
आत्मा भी ज्योति बिंदु स्वरूप है उसका आकार परमात्मा के आकार  के समान ही है .परमात्मा शिव का वंश है (अंश नहीं है ,क्योंकि  अंश फिर पूरे अंशी को नहीं देख सकता ) ,दिव्य बुद्धि से ही ,ज्ञान से ही हम अपने निराकार आत्म स्वरूप का दर्शन कर सकते हैं .नाक के ऊपर जो नेत्र हैं उनसे नहीं .परमात्मा को भी बुद्धि चक्षु से देख सकते हैं महसूस कर सकते हैं .ज्ञान नेत्र खुलने पर उसकी भासना कर सकते हैं .

आत्मा सो परमात्मा नहीं है 

आत्मा पुत्र है शिव पिता है समस्त आत्माओं का .पिता सो पुत्र  कैसे हो सकता है  .अलबत्ता वंश वेळ(Genealogy) एक है कुनबा एक है गुण एक हैं दोनों के .आत्मा में भी शिवत्व है लेकिन सीमित मात्रा में .बुद्धि योग से निराकार शिव को जाना जा सकता है सिमरा जा सकता है इन गुणों को बढ़ाया  जा सकता है .आत्मा का क्षय नहीं होता .आत्मा कर्म भोग से बंधी है .कर्म भुगताने के लिए उसे शरीर में आना पड़ता है एक से दूसरे  जन्म में जाना पड़ता है एक शाश्वत चक्र है यह .

जबकि परमात्मा शिव अजन्मा है .सृष्टि करता है .परमात्मा को त्रिकाल मूर्त भी कहा जाता है .क्योंकि वह त्रिमूर्ति ब्रह्मा -विष्णु -महेश का भी सृष्टा है रचता है ,रचनाकार है जब की ब्रह्मा -विष्णु -महेश (शंकर ) रचना हैं शिव की .शिव रचना कार है इन तीनों का .परमात्मा एक हैं देवता अनेक हैं .३ ३ करोड़ देवताओं का गायन है .

परमात्मा का अवतरण होता है एक कल्प के अंत में  जब ये सारी  कायनात गंधाने लगती है .पञ्च भूत विकार ग्रस्त (प्रदूषित )होकर अपनी तात्विकता खो देते हैं .जल ,वायु ,अग्नि ,आकाश,धरती सब अपनी तात्विकता खो देते हैं .विकारों का रावण जब हमारे अन्दर महत्तम हो जाता है तब शिव का साधारण मनुष्य तन (ब्रह्मा के तन ) में अवतरण होता है .उसके मुख से निसृत गीता सुनके हमारा स्वभाव संस्कार बदलता है उसकी याद में रहके हम कर्म भोग को चुकता करके कर्म योगी बन आत्मा के मूल स्वरूप सुख शान्ति ,आनंद ,ज्ञान ,प्रेम को प्राप्त कर लेते हैं  .शिव प्रसूत ब्रह्मा मुख कमल से निसृत ज्ञान ही गीता है .जो इसे सुनता है धारण करता है कृष्ण बन जाता है .गीता कृष्ण की माँ है .ब्रह्मा ही सतयुगी कृष्ण है .कृष्ण के ही आठ जन्म हैं सतयुग में इसी लिए कृष्ण  जन्माष्टमी मनाते हैं .कृष्ण सूर्य वंशी हैं सोलह कला संपन्न देवता हैं .

त्रेता से राम का राज्य शुरू होता है श्री रामचन्द्र हैं चन्द्र वंशीय इसीलिए राम चन्द्र हैं .यहाँ आते आते दो कलाएं कम हो जाती हैं .१ ४ रह जाती हैं .चन्द्र वंशी राजा (देव गण )स्वेच्छया अपना प्रकाशमय शरीर छोड़ते हैं कुल बारह बार .

इसके बाद द्वापर है .यानी शरीर और आत्मा का द्वंद्व .खुद को शरीर मान लेने की भूल .फिर भी अपने देव स्वरूप की स्मृति है .उसी स्मृति से हम अपने ही देव स्वरूप को मंदिरों में  स्थापित कर देते हैं .देवता से पुजारी बन जाते हैं .

त्रेता तक एक ही आदि देवी देवता सनातन धर्म है .द्वापर में अनेक हो जातें हैं .इस्लाम ,बौद्ध ,क्रिश्चियन(ईसाई मत ) ,आदि शंकराचार्य का सन्यासी मत ,मुस्लिम धर्म वंश और आखिर में सिक्ख मत उसके बाद अनेक समाज और पंथ आते हैं .कलाएं घटके आठ रह जाती हैं .

इसके बाद तेज़ी से ह्रास होता है कलयुग में .हर लल्लू पंजू यहाँ अपने को भगवान् घोषित करता है .आत्मा जंग लगा लोहा हो जाती है .विकारों का रावण तमाम दुष्कर्म करवाता है .

ऐसे ही घोर अन्धकार में शिव का अवतरण होता है ब्रह्मा तन में .यहीं से पुरुषोत्तम संगम युग शुरू होता है .योग बुद्धि से हम कर्म भोग को काट के एक बार फिर पवित्र बनते हैं .पुरुषार्थ अनुसार .जिसका जैसा पुरुषार्थ उसकी वैसी गति .अंत मते सो गते .पुरुषोत्तम संगम युग से एक बार फिर हम अपने पुरुषार्थ अनुसार ,मेरिटवाइज़ सतयुग में आते हैं और यह अविनाशी चक्र eternal cycle चलता रहता है .सांप सीढ़ी का खेल है यह कर्म भोग .अलबत्ता सब के लिए समान अवसर हैं पुरुषार्थ करने के .श्री मत (ईश्वरीय श्रेष्ठ मत ,परमात्मा के निर्देशन में चलने के ,उसकी याद में रहते सब कर्म करने के .

  ज्योतिर्लिन्गम (शिव लिंग )शिव का प्रतीक चिन्ह है .रामेश्वरम हो जहां राम शिव की पूजा करते हैं या अमरनाथ और या फिर  पशुपति नाथ सब जगह एक ही निराकार ज्योति स्वरूप परमात्मा शिव ,निराकार शिव का गायन वन्दन है .ईश्वर एक ही है .ईसा मसीह भी यही कहते हैं -GOD IS KINDLY LIGHT.

गुरुनानक देव एकहु ओंकार निराकार (ईशवर एक है )कहतें हैं .GOD IS INCORPOREAL कहते हैं .

Buddhist in Japan call it Chinkoseki ,meaning one who gives peace.

मक्का में भी संग -ए -असवद (एक पवित्र काला पथ्थर इसी शिव लिंग का स्वरूप है ).

In the old Testament also ,it is mentioned that Moses had a vision of this form of God near the bush on the Mount.

वृन्दावन का गोपेश्वरम मंदिर हो या वाराणसी का विश्वनाथ मंदिर  सब जगह शिवलिंग का ही बखान है .नंदी बह्मा है जिसके शरीर में  शिव का अवतरण होता है .शालिग्राम हम आत्माएं हैं .

ईश्वर कण कण में व्याप्त नहीं है 

एक तरफ हम उसे नाम रूप से न्यारा कहते हैं दूसरी तरफ उसे कण कण में कह देते हैं ,यह विरोधाभास है .

आज  कितने लोग नंगे भूखे हैं .भिखारी बने भीख मांग रहें हैं .क्या ये सब परमात्मा है .ज़ाहिर है कण कण में उसकी व्याप्ति नहीं है .जो जहां होता है वहां से अपने होने की खबर देता है आभास कराता है फिर वह शान्ति का शीतलता का तेजोमय सागर अपने होने की खबर नहीं देगा ?


सोमवार, 29 अप्रैल 2013

सेहतनामा


सेहतनामा 

(१)Researchers found that  tree nuts (almonds ,cashews and walnuts )consumption was associated with a better nutrient profile ,lower body weight and lower prevalance of metabolic syndrome ,and a decrease in cardiovascular risk factors compared to those seen among non -consumers .

बादाम ,काजू अखरोट जिनकी खुराक में शामिल रहता है उनकी खुराक में सामन्यतया भी पुष्टिकर तत्व ज्यादा रहते हैं बरक्स उनके जिनकी खुराक में ये मेवे शामिल नहीं हैं .मेवे तृप्ति देते हैं .जो लोग इनका सेवन नहीं करते अमूमन अला बला जंक भी  ज्यादा खाते है .

मेवे खाने वालों का एक तरफ बॉडी मॉस इंडेक्स भी कम रहता है तौल भी ठीक रहती है मेटाबोलिक सिंड्रोम की दर भी इनमें कमतर रहती है रक्त वाहिकाओं और दिल के रोगों का जोखिम भी इनमें कम मिलता  है .

Metabolic syndrome is a combination of medical disorders that, when occurring together, increase the risk of 

developing cardiovascular disease and diabetes.

Metabolic syndrome is a combination of factors that multiply a person's risk for heart disease, diabetes and stroke. Almost 

35% of American adults are affected. 

Metabolic syndrome is a cluster of metabolic risk factors. When a patient presents with these risk factors together, the 

chances for future cardiovascular problems are greater than any one factor presenting alone. For example, high blood 

pressure alone is a serious condition, but when a patient has high blood pressure along with high fasting glucose levels and 

abdominal obesity, this patient may be diagnosed with metabolic syndrome. There is a greater chance this patient will have 

cardiovascular problems because of the combination of risk factors.


Metabolic syndrome occurs when a person has three or more of the following measurements:
  • Abdominal obesity

  • Triglyceride level of 150 milligrams per deciliter of blood (mg/dL) or greater

  • HDL cholesterol of less than 40 mg/dL in men or less than 50 mg/dL in women

  • Systolic blood pressure (top number) of 130 millimeters of mercury (mm Hg) or greater

  • Diastolic blood pressure (bottom number) of 85 mm Hg or greater

  • Fasting glucose of 100 mg/dL or greater

  • Insulin resistance or glucose intolerance (the body can't properly use insulin or blood sugar)
Although metabolic syndrome is a serious condition, you can reduce your risks significantly by reducing your weight; 

increasing your physical activity; eating a heart-healthy diet that's rich in whole grains, fruits, vegetables and fish; and 

working with your healthcare provider to monitor and manage blood glucose, blood cholesterol, and blood pressure.

(२)फूल गोभी का सेवन कैंसर से बचाता है ,छोटे बड़े जोड़ों के वेस्ट होने (rheumatic arthritis )से भी 

बचाता है .

(३)अपने पैरों को धो-पौछ्कर  रुई का फाया एल्कोहल में भिगोकर पैरों में मलें फुट ऑर्डर से निजात मिलेगी 

दुर्गन्ध पैदा करने वाला जीवाणु पैदा नहीं होगा जो होगा नष्ट हो जाएगा .

(४)'Teen moms at greater risk of obesity in life '

वो युवतियां जो किशोरावस्था में ही माँ बन जाती हैं आगे जाके इनके ओवरवेट और मोटापे से ग्रस्त होने के 

मौके बढ़ जाते हैं .महज़ मिथ है ऐसा सोचना ,किशोरावस्था में माँ बनने वाली महिलाएं मोटापे से बाहर 

निकल आती हैं असलियत ठीक इसके उलट  है .

यूनिवर्सिटी आफ मिशिगन हेल्थ सिस्टम के रिसर्चरों ने किशोरावस्था गर्भावस्था को आगे चलके होने वाले 

मोटापे का भविष्य कथन (प्रागुक्ति )कहा है .

Teen age pregnancy is a predictor of obesity .

रिसर्चरों के अन्वेषण के अनुसार जो किशोरियां १ ३ - १ ९ साल के दरमियान माँ बन जाती हैं उनके लिए 

ओबीसीटी  का जोखिम ३ २ % बढ़ जाता है .

(५ )EATING MANGOES MAY HELP LOWER BLOOD SUGAR

एक नै शोध के अनुसार आम का सेवन खासकर ओबीस व्यक्तियों में (  मोटापा रोग से ग्रस्त )महत्वपूर्ण एवं असरकारी तरीके से खून में तैरती शक्कर पर सकारात्मक असर डाल सकता है .कैंसर युक्त तथा कैंसर मुक्त दोनों ही किस्म की स्तन कोशिकाओं पर इन्फ्लेमेट्री रेस्पोंस को सीमित रख सकता है .इन्फ्लेमेशन रोग पूर्व की एक एहम स्थिति होती है .यह कमाल आम में मौजूद पोलिफिनोल्स का है .

(६ )सुबह नाश्ते में प्रोटीन बहुल खाद्य लेते रहने से बाद दोपहर अस्वास्थ्यकर नाश्ता लेने के मौके कम कम हो जाते हैं .

(७ )एक हालिया अध्ययन से संपुष्ट हुआ है जो लोग नियमित ६ .५ - ७ .५ घंटा नींद रोजाना लेते हैं वह लम्बी उम्र जीते हैं .सबसे ज्यादा दीर्घजीवी साबित होते हैं .

(८ )AIR POLLUTION MAY SPEED UP HARDENING OF ARTERIES AND CAUSE HEART DISEASE

Atherosclerosis की रफ़्तार को बढ़ा देता है  दीर्घावधि वायु प्रदूषण से असर ग्रस्त रहना दिल और दिमाग के दौरों के खतरों को भी बढ़ा सकता है .आथिअरियोस्केलेरोसीस (धमनी की दीवार का लोच खोके कठोर पड़ जाना है  ).आथीअरियोस्केलेरोसिस एक ऐसा रोग है जिसमें धमनी की दीवारों पर प्लाक (हानिकर परत  )बैठने लगता है .हमारी धमनियां ही वह मुख्य रक्त वाहिकाएं  हैं जो दिल और शेष शरीर को  ऑक्सीजन बहुल रक्त ले जाती हैं .

प्लाक वसा (चिकनाई ),कोलेस्ट्रोल ,केल्शिअम और अन्य तत्वों का मिश्र रूप होता है जो रक्त में मौजूद रहते हैं .दीर्घावधि में भी प्लाक का बने रहना धमनी को कठोर बना डालता है .नतीजा यह होता है शरीर के अन्य अंगों और दिल को पूरा रक्त नहीं मिल पाता .ऐसे में दिल और दिमाग के दौरों यहाँ तक  के मृत्यु का जोखिम भी पैदा हो जाता है .

माहिरों के अनुसार वायु राशि में सूक्ष्मतर कणीय प्रदूषण की सांद्रता का उच्चतर स्तर गर्दन की दोनों कोमन धमनियों (Common Carotid arteries ) की अंदरूनी दीवारों के काठिन्य की रफ़्तार को और भी तेज़ कर देता है . यही वह कोमन वाहिकाएं हैं जो हमारी गर्दन ,सिर और दिमाग को निर्बाध रक्तापूर्ति करतीं हैं .अलबत्ता यदि समय के साथ वायु राशि में पसरे सूक्ष्मतर कणों की मात्रा (संख्या ) कमतर हो जाती है तब धमनियों की दीवारों का अंदरूनी खुरदरापन भी कम होता जाता है .

इस ब्लड वेसिल (Carotid artery )की मोटाई एक तरह से भविष्य  कथन है अनुमान है ,जायजा भी है ,सूचना भी है कि शरीर के अन्य अंगों की धमनियों (रक्त वाहिकाओं )में आथिअरोइस्केलोरोसिस की क्या स्थिति है .यह संकेतक उन लोगों के लिए भी है जिनमें दिल की बीमारियों के प्रगटतया कोई लक्षण अभी तक नहीं हैं .

हमारे अन्वेषणों से हमें अब तक संपन्न अन्य अध्ययनों के नतीजों यथा वायु प्रदूषण यानी हमारी हवा के गंधाने से दिल और दिमाग के दौरों में वृद्धि होने को बूझने में भी मदद मिली है .

अपने अध्ययन में रिसर्चरों ने ४ ५ - ८ ४ साला लोगों के माहौल का अमरीका के छ :बड़े शहरी क्षेत्रों में संपन्न उस अध्ययन के तहत जायजा लिया जिसे Multiethnic Study of Atherosclerosis and Air Pollution (MESA Air )नाम दिया गया था .


 प्रत्येक सहभागी के घर जाके तीन साल के अंतराल पर दो मर्तबा अल्ट्रासाउंड मापन किया गया इनकी ब्लड वेसिल्स का .इसी से इनके घर में मौजूद रहे वायु प्रदूषण का जायजा लिया गया .अध्ययन में शरीक तमाम लोग किसी भी किस्म की दिल की बीमारी  से ग्रस्त नहीं थे .

धूम्रपान जैसे अन्य घटकों को भी आकलन में शामिल किया गया था .पता चला औसतन गर्दन की धमनी की मोटाई हर साल १ ४ माइक्रोमीटर की दर से बढ़ी है .जिनका सामना उच्चतर सांद्रता वाले कणीय प्रदूषकों से हुआ था उनकी धमनी इन मेट्रोज(बड़े शहराती क्षेत्रों )के अन्य वासिंदों के बरक्स ज्यादा तेज़ी से मुटियाई हुई थी .

संदर्भ -सामिग्री :-AIR POLLUTION MAY SPEED UP HARDENING OF ARTERIES AND CAUSE HEART DISEASE/YOU /MUMBI MIRROR /www.mumbaimirror.com/you/APRIL 25,2013 P21

(९)मौसम के मिजाज़ में आकस्मिक परिवर्तन भी मी -ग्रेन को भड़का सकता है .अधिक धूप  से बचने के

लिए

धूप के चश्मे (sun glasses )का इस्तेमाल करें .शरीर में पानी की कमी न होने दें .खूब पानी पिएँ .

(१ ० )देर रात को सोने वाले सोने से पहले केफीन ,निकोटीन एल्कोहल आदि से बचें  साथ ही देर से सोने वाले देर रात सोने से पहले  व्यायाम न करें .अच्छी नींद आयेगी इस एहतियात से .

(१ १ )CHECKING YOUR MOBILE PHONE IS CONTAGIOUS !

People are twice as likely to pull out their phones to check text messages or email if they are with someone who has just done the same , a University of Michigan team found .It also found how how women were more likely to use their mobile than men.

(१ २  )Clenching fists can boost memory

मुठ्ठी भींचने से आपकी याददाश्त बढ़ सकती है .किसी घटना की अमिट  छाप आप पर पड़  सकती है सीधे हाथ की मुठ्ठी भींचने से जबकी घटना के बीतने के बाद उसे स्मृति में लाने में बाएँ हाथ की मुठ्ठी भींचना मददगार साबित हो सकता है .एक अभिनव अध्ययन के यही अन्वेषण हैं .अध्ययन अमरीका की Montclair University के रिसर्चरों ने संपन्न किया है .

( १ ३ )Eating chocolate can trigger acne

Chocolate may increase inflammation that aggravates acne ,a new study found .

रोग पूर्व की स्थिति होती है इन्फ्लेमेशन .

अपने प्रयोग में रिसर्चरों ने लगातार चार दिनों तक उन प्रतिभागियों के खून के नमूने ४ ८ ग्राम चोकलेट खाने से पहले और खाने के बाद जुटाए .

अब इन नमूनों को जीवाणु propionibacterium acnes के संपर्क में लाया गया जो कील मुंहासों को हवा देता है तथा साथ ही जीवाणु Staphylococcus aureus से भी असर ग्रस्त किया गया जो एक चमड़ी का जीवाणु है .

चोकलेट खाने के बाद लिए गए नमूनों में रक्त कोशाओं ने जीवाणु propionibacterium से असर ग्रस्त होने पर ज्यादा interleukin -Ib तैयार किया .यह इंटरल्युकिन - १ बी प्रतिरक्षण तंत्र के इन्फ्लेम्शन का मार्कर होता है .

इससे सिद्ध होता है चोकलेट ऐसे इन्फ्लेमेशन को बढ़ाता  है जो कील मुंहासों की वजह बनते हैं .

(१ ४ ) A life -time of mentally stimulating games like chess can cut your risk of Alzheimer's by nearly a third .

(१ ५ )कम चिकनाई वाले दुग्ध उत्पादों के  सेवन का सम्बन्ध मधुमेह के जोखिम को कमतर करते  हुए देखा गया है .

(१ ५ )मधुमेह और भिन्डी

एक भिन्डी के चार टुकड़े करके रात को पानी में भिगों दें .सुबह उठते ही प्राथमिक पेय के रूप में इसका पानी पी जाएँ छान के .बाद आधा घंटा तक कुछ न खाएं .खून में तैरती शक्कर काबू में रखने में बढ़िया मदद मिलेगी .

(१ ६ )Toxins in daily use items affecting new born boys' genitalia :Study

जेनिटेलिया कहतें हैं किसी व्यक्ति के शरीर से बाहर के हिस्से के जननांगों को जैसे पुरुषों के अंडकोष जो एक थैली स्क्रोटम  में बंद रहते हैं .

आजकल रोज़ मर्रा के काम में ली जाने वाली चीज़ों यथा प्लास्टिक से बनी बोतलों ,विनाइल फ्लोर्स ,खाना पेक करने में इस्तेमाल होने वाली सामिग्री में ,सौंदर्य प्रशाधनों ,हेअरस्प्रे ,प्लाटिक के खिलोनों में कुछ ऐसे रसायन काम में लिए जा रहें हैं जो हमारे स्रावी तंत्र (Endocrine system )को विच्छिन कर देते हैं .इन्हें कहा जाता है -

Endocrine disruptor chemicals

इनमें शामिल हैं :

(1)Organochlorine pesticides like DDE and endosulphan

नवी मुंबई के एक चिकित्सक डॉ अर्बिंदर सिंहल ने अपने एक अधययन में बतलाया है नवजातों में बाहरी जननांगों की एबनोर्मेलिटीज़ के मामलों में होती वृद्धि संभतया इन्हीं रसायनों की करामात है .बकौल आपके नवजात लड़कों में undescended testicles के मामलों में २ ० ० % की वृद्धि दर्ज़ की गई है .याद रहे पुरुषों के अंडकोष ही एक पुरुष हारमोन टेस्टोस्टीरोन तैयार करते हैं .

गर्भावस्था की पूरी अवधि भुगताने के बाद पैदा हुए १ ,१ ४ ८ नर शिशुओं में से आपको ५ %में ये मामले मिले हैं .आखिरी बार ऐसा ही एक अध्ययन १ ९ ७ २ में संपन्न हुआ था तब कुलमिलाके १ . ६ %नर शिशुओं में ही यह जननांग सम्बन्धी विकार देखने में आया था .

सिंहल बालकों में होने वाले मूत्र सम्बन्धी रोगों के माहिर paediatric urologist हैं .आप वाशी के एमजीएम  अस्पताल से सम्बद्ध हैं .

आपने गत सप्ताह यह नतीजे European Society for Paediatric Urology के समक्ष रखें हैं .

( अगली क़िस्त में पढ़िए  इस  समस्या पर विस्तृत लेख )

(१ ७ )Culturing of yogurt increases the absorption of calcium and B-vitamins in the body.


(१ ८  )ओट्स (जै )अमिनो अम्लों  का भण्डार है .इनकी गिनती आवश्यक प्रोटीनों में की जाती है .शरीर को सुचारू रूप चलाए रखने के लिए इन्हें ज़रूरी समझा जाता है .


(१ ८  )DAILY SODIUM ALLOWANCE 

स्वस्थ बालिगों के लिए सोडियम  की दैनिक खपत की सीमा माहिरों  ने २ ३ ० ० मिलीग्राम (२ .३ ग्राम )निर्धारित की है .५ ० के पार ५ १ साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए यह सीमा १ ५ ५ ० (१ . ५ ) मिलीग्राम रखी गई है .धन समझके इसकी खपत कीजिए .








रविवार, 28 अप्रैल 2013

Size zero to plus size :Girls take a dangerous route

Ignore Health Hazards of Weight -Gain Pills

एक छोर पर नव युवतियां जहां तन्वंगी दिखने के लिए बे -तहाशा वजन घटाने की ताक में रहतीं हैं तो वहीँ कुछ कृशकाय कन्याएं स्थूल और भरा बदन दिखने की कोशिश में पीनस्तनी (सुडौल बड़े स्तन के आकार वाली खाजुराओ सदृश्य )होने के लिए तौल बढाने के लिए अपने अनजाने कुछ भी खाने करने को तत्पर रहतीं हैं एक दूसरे  की देखा देखी .

मर्द की आँखें तो सदैव से ही एक स्वप्न लोक बुनती आईं  हैं .स्तनपान उसका प्राथमिक आहार भी तो रहा है तभी से यह सम्मोहन है .आजकल चोरी छिपे वगैर नुस्खे (डॉ के प्रिस्क्रिप्शन  )के वेट गेन पिल्स बेची जा रहीं हैं .जबकी गर्भवती महिलाओं में इनके सेवन से गंभीर पेचीलापन पैदा हो सकता है ,गर्भस्थ को अकूत नुकसानी उठानी पड़ सकती है .कितना खतरनाक है बिना सोचे ये सब करते चले जाना युवतियों को इसका ज़रा भी इल्म नहीं है .

कुछ तो माताएं ही अपनी पतली दुबली स्किनी बेटियों को लिए क्लिनिक में चली आ रहीं हैं तो कुछ महिलाएं अपने आप को पति की निगाह से देखने की कोशिश में ऐसा कर रहीं हैं .उनका ख्याल है पति को भरा गुदाज़ बदन पसंद है .

ऐसी ही एक कोलकता वासी युवती सरिता कहतीं हैं -मैं पूरा एक बोतल देशी घी भी रोज़ पीलूँ तब भी यूं ही छरहरी बनी रहूँगी .मर्दों को ऐसी काया पसंद कहाँ आती है .

आपने हाल ही में अपनी एक पड़ोसन की देखा देखी एक एलर्जी रोधी गोली Practin ही रोजाना लेनी शुरू कर दी .उनकी सासू माँ ने उन्हें बताया अपनी पड़ोसन का वजन गत दो माह में ही इसके सेवन से बढ़ गया है .

लेकिन इन प्यारी प्यारी सास -बहूको ये नहीं मालूम -Practin ,Decadan ,Betnesol या फिर Deca Durabolin सेहत का सत्यानाश कर सकतीं हैं .

इस चलन से डॉ हैरान हैं .बकौल माहिरों के वेट गेन का कोई वैज्ञानिक तरीका नहीं है .यदि कोई महिला स्वस्थ है लेकिन छरहरी है हम उसे खाद्य सम्पूरण तो तजवीज़ कर सकते हैं और उसे  High Calorie Diet    भी   ,लेकिन   तौल बढाने    वाले steroids   नहीं  .



Most medications to gain weight are steroids ,which are taken as a last resort in certain medical conditions.

Practin is an anti-allergic ,which stimulates appetite.It should't not be taken just for weight gain says  Dr Ambrish Mithal,former president of the Endocrine Society of India and presently working with a Delhi  hospital .

युवतियां नहीं जान सकतीं ये तौल  बढ़ा ने   वाले  नुस्खे  Salt और Water retention और फिर bloating (  पेट  में    गैस और द्रव भरने के कारण अफारे )  की भी  वजह  बन रहीं हैं .

बेशक इनसे तौल में तेज़ी से इजाफा हो सकता है लेकिन ब्लड प्रेशर ,सफ़ेद मोतिया (Cataract ),जिगर कैंसर (liver cancer ),दिल की परेशानियों के अलावा ,अस्थि भंगुरता (अस्थि क्षय ,osteoporosis )भी साथ साथ सौगात के रूप में मिल सकती हैं .

किसी वजह से तजवीज़ कर भी दी गईं हैं तो हफ्तावार खून की जांच होनी चाहिए ,गर्भावस्था के दौरान इनके सेवन से गर्भस्थ में जन्म पूर्व की विकृतियाँ पैदा हो सकती हैं .

माहिरों के अनुसार भारतीयों में पेशीय द्रव्यमान (MUSCLE  MASS) वैसे ही कम होता है यह गोलियां उसे और भी  कम कर देती हैं .

भारत का दवा नियंत्रण ऐसी किसी भी गोली के लिए जाने की सिफारिश नहीं करता है .सस्ती होने की वजह से इनका सेवन चलन में आ रहा है .

सन्दर्भ -सामिग्री :-Size zero to plus :Girls take a dangerous route

Ignore Health Hazards Of Weight -Gain Pills/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,APRIL 27 ,20 13 P 10 

शनिवार, 27 अप्रैल 2013

Fire in your tummy ?

Milkshakes and even a poor posture can cause acidity .Read on to find out What's burning your stomach 

एसिडिटी (अपच के कारण आने वाली डकारें ,खट्टापन ,अम्लता ,तिक्तता ,अम्ल रोग )को हलके में न ले .जिस बीमारी को  चिकित्सा शब्दावली में dyspepsia बदहजमी ,अजीर्ण ,मंदाग्नि ,अपच आदि नामों से पुकारा जाता है लापरवाही बरतने इलाज़ न करवाने पर जी का जंजाल बन जाती है .जोड़ों के दर्द से लेकर Arthritis ,osteoporosis बोले तो अस्थिभंगुरता ,अश्थियों की दुर्बलता ,अस्थि सुशिरता की भी यह वजह बन सकती है .गुर्दों में पथरी की  भी .

सही समय पर सही सेहत के अनुरूप और संतुलित भोजन और हल्का व्यायाम इसे मुल्तवी रख सकता है अलबत्ता यहाँ भी भोजन क्या किसके साथ खाना है नहीं खाना है ,फ़ूड कोम्बिनेशन का  भी ध्यान रखा जाना चाहिए .

KNOW YOUR PH BALANCE

A pH number -potential Hydrogen -is reflective of the acidic or alkaline nature of a liquid and our bodies are by nature alkaline .

हमारा शरीर स्वभावतया क्षारीय प्रकृति का है किसी तरल की अम्लीय या फिर क्षारीय प्रकृति का सूचक होता है pH मान (अंक ).

अलबत्ता हमारा आमाशय (उदर ,पेट )अम्ल का स्राव करता है ताकि हमारे द्वारा ग्रहण किया गया भोजन ठीक से पच सके .

डॉ पुरुषोत्तम वशिष्ठ कहतें हैं -जब भी हम कुछ खाते हैं पेट के अस्तर की कोशाएं अम्ल सींचती  हैं ताकि खाना तरल में लिपट सके .यह खाए हुए भोजन के प्रति हमारे अमाशय की एक सहज प्रतिक्रिया होती है .आप मुलुंड फोर्टिस अस्पताल मुंबई में उदरआंत्र विज्ञान के सलाहकार चिकित्सक हैं ,gastroenterologist हैं .

ALKALINE AND ACIDIC FOOD 

बकौल पोषणविज्ञानी अंजू वेंकट सभी खाद्य अपने स्वभाव में क्षारीय ही होतें हैं .लेकिन जब उनकी प्राकृत अवस्था के साथ छेड़छाड़ की जाती है उन्हें तरह तरह से पकाया और संशाधित किया जाता है ,परिरक्षित किया जाता है ,या फिर गलत पाचन के हिसाब से गलत कॉम्बिनेशन में तैयार किया जाता है तब इनकी प्रकृति अम्लीय हो जाती है .आप हेल्थ अवेअरनेस सेंटर वरली में कार्यरत हैं .

बेशक ज्यादातर अवसरों पर हमारा उदर अम्ल को बेअसर (उदासीन )बना देता है लेकिन कई मर्तबा पेट का काम बहुत ज्यादा बढ़ जाता है .

SIT UPRIGHT  
गलत मुद्रा गलत हिसाब से बैठने की हमारी आदत भी कई मर्तबा अम्लता की वजह बन जाती है .शरीर में अम्लता का स्तर बढ़ा देता है गलत ढंग से बैठना .

अपने डेस्क के गिर्द  बाहें लटकाके झुक के बैठना ऊंची एड़ी के फेशनेबुल सैंडिल पहनना पहने रहना भी अम्लता की वजह बन जाती है .ज्यादा तेज़ाब बनाता है इन स्थितियों में हमारा शरीर .

दर्दनाशी ,एंटीबायटिक्स खून को पतला रखने वाली दवाएं भी अति -अम्लता (Hyperacidity )की वजह बन सकतीं हैं .

फेफड़ों की बीमारी से ग्रस्त रहने वाले लोग गुर्दों के ठीक से काम  न कर पाने से पैदा रोग से ग्रस्त लोग अम्लता के असर में आ सकते हैं .

पित्ताशय की पथरी (Gall stones)भी पेट में ज़रुरत के हिसाब से ज्यादा तेज़ाब बना सकती है .

नीदं शरीर को शीतल रखने का ज़रिया बनती है .यह अम्ल और क्षार में संतुलन स्थापित करती है .

कम सो पाना देर से सोना शरीर में तेज़ाब के  स्तर को बढ़ा सकता है .

ज़रुरत  से ज्यादा पानी पीना भी  पोषण संतुलन को ढीला, शलथ कर देता है ऐसे में तेज़ाब को बे असर करने के लिए शरीर में पर्याप्त ऊर्जा नहीं बचती है .

Drinking too much water dilutes the nutritional balance within the body leading to lack of energy available for neutralising the acid .

कई मर्तबा अम्लता पेट और आंत में ट्यूमर(रसौली ,ऊतकों की असामान्य वृद्धि ) पनपने का लक्षण भी हो सकती है .अम्लता लगातार बने रहने पर इसकी अनदेखी न करें .गैस्ट्रोएन्टेरोलाजिस्ट के पास जाएं इलाज़ के लिए .

बेहिसाब से काम करते करते थक के चूर हो जाने पर भी अम्लता पैदा हो सकती है .

Over exertion can also get those cells in your stomach to start churning out of turn.

FRUITS SALADS ARE A BIG NO 

Mangoes are served as desserts ,but insist on eating them half an hour before meals or two hours later .Experts say fruits must always be eaten on an empty stomach .Milk shakes ,fruits as desserts ,fruit juices with meals -all lead to fermentation .

आम खाना खाने से आधा घंटा पहले या फिर दो घंटा बाद खाइये ,स्वीट डिश ,मिष्ठान्न  के बतौर खाने के बाद नहीं .बेहतर हो नाश्ते में लें फल .खाने के साथ जूस आदि लेना किण्वन पैदा कर सकता है .

DON'T GO NUTS OVER DRY FRUITS 

Dry fruits are fruits with water removed from them like dates ,figs ,raisins ,cranberries ,prunes and have high glucose content.Nuts -seeds of plants like almonds ,cashews walnuts -are oily in nature .The two don't mix and when eaten together ferment ,thus producing acid.

MULTIGRAIN NOT A GOOD IDEA 

You thought a little bit of nachni and jowar in your atta was healthy .Experts differ .They say the new fad of eating multiple grains together (multigrain breads and multigrain attas )extends the process of digestion ,generating more acid in stomach .

EAT YOUR GREENS 

Salads help the stomach produce digestive enzymes (which are alkaline ),that neutralise the acid created when stomach is digesting cooked food.



गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

Implanting stem cells into brain can restore memory

साइंसदानों ने पहली मर्तबा भ्रूण कलम कोशिकाओं (स्टेम सेल्स ,embryonic stem cells)को तंत्रिका  या

स्नायु


कोशिकाओं


(nerve cells ,स्नायु कोशिका जो मष्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों के बीच सूचना का वहन करतीं हैं .)में

तबदील करके दिखाया है .बतला दें आपको स्टेम सेल्स को मास्टर सेल्स भी कहा  जाता है क्योंकि एक

ख़ास सॉफ्ट वेयर देकर इनसे शरीर का कोई भी अंग तैयार किया जा सकता है जिसे वक्त ज़रुरत पड़ने पर

व्यक्ति autologous  implant के बतौर काम में ले सकता है .क्योंकि यह उसकी अपनी ही कलम कोशिकाओं

से रचा गया है और इम्यून सिस्टम इसे स्वीकार कर लेता है बिना हिचक के .

ओवम और स्पर्म के कामयाब मिलन और फलस्वरूप निषेचन (successful fertilization )के पहले दस

पन्द्रह दिन तक का भ्रूण एम्ब्रियोनिक कहलाता है एम्ब्रियो कह देते हैं इसको .इसी की कोशिकाओं को

कलम कोशिका कहा जाता है यह सभी अविभेदित रहतीं हैं .अन -डिफ़रैनशियेटिड रहतीं हैं ,यकसां होतीं हैं

.विभेदन के बाद आगे जाके सब अपना निर्धारित काम करती हैं शरीर के भिन्न भिन्न अंग बनाने  का .

साइंसदानों के इस कदम ने चूहों को अपनी खोई हुई याददाश्त और नया 

सीखने की क्षमता प्रदान की है 

इसका मतलब यह हुआ ,मानवीय कलम कोशाओं का भी मष्तिष्क में 

कामयाब प्रत्यारोपण करके neurological deficits से पार पाई जा सकती है 

.स्नायुविक अपविकास  से पैदा विकारों को दुरुस्त किया जा सकता है ?

अमरीका के  विश्कोंसिन विश्वविद्यालय के शोध दल ने यह कर दिखाया 

है . 

चूहों के दिमाग में रोपे  जाने के बाद कलम कोशाओं ने दो आम, कोमन लेकिन प्रमुखतम किस्म के न्युरोन

तैयार कर लिए .(दिमाग की एकल कोशिका को ही न्युरोन कहा जाता है ).पैदा हुए न्युरोन का प्रमुख प्रकार्य

रसायन GABA या ACETYLECHOLINE से संपर्क साधना था   .

ये दोनों किस्म के न्यूरोन हमारे अनेक मानवीय व्यवहारों के लिए 

जिम्मेवार समझे जाते हैं .इनमें हमारे संवेग (रागात्मक व्यवहार ),सीखने 

की प्रक्रिया ,हमारी याददाश्त ,किसी चीज़ की लत पड़ जाना ,आदी हो जाना 

किसी चीज़ का तथा अनेक मनोरोग सम्बन्धी मुद्दे  शामिल हैं .

अध्ययन में प्रयुक्त मानवीय भ्रूण कलम कोशाओं को प्रयोगशाला में ही 

संवर्धित (कल्चर )किया गया था .इस एवज ऐसे रसायन काम में लिए गए 

जिनके बारे में ज्ञात था की वह स्नायु कोशिका गढ़ने विकसित करने में 

मददगार सिद्ध होते हैं .

चूहों को इनके प्रत्यारोप लगाये गए .परीक्षणों से  पता चला इनके सीखने 

सीखे गए पाठ को याद रखने की क्षमता बढ़ गई है .

अध्ययन के प्रारम्भ में अदबदाकर चूहों के दिमाग के एक हिस्से को क्षति 

ग्रस्त किया गया .यह दिमाग का वही हिस्सा था जो सीखने याद रखने से 

ताल्लुक रखता है .

विकासशील  दिमागी  कोशाएं(न्यूरोन ) अपने संकेत उन ऊतकों से ही 

जुटातीं हैं जहां (जिनके अन्दर )यह पनप रही होतीं हैं .

साइंसदानों ने अपने प्रयोग के लिए दिमाग के जिस हिस्से को चुना था 

उसने इन कोशाओं को रसायन GABA और CHOLINERGIC 

NEURONS बनाने के निर्देश ही दिए थे .

प्रयोग के शुरू में चूहों के दिमाग के जिस हिस्से को क्षति पहुंचाई गई थी 

उसे कहा जाता है -MEDIAL SEPTUM .दिमाग का  यह हिस्सा रसायन 

GABA और CHOLINERGIC NEURONS के जरिए HIPPOCAMPUS 

से सम्पर्कित होता है .

साइंसदानों के मुताबिक़ दिमाग का यह परिपथ बुनियादी सर्किट है जिसका 

सम्बन्ध हमारे सीखने याद रखने से रहता है .

यद्यपि प्रत्यारोपित स्नायुविक  कोशाएं याददाश्त के प्रमुख केंद्र 

हिप्पोकम्पस में ही प्रत्यारोपित की गई थीं .

AFTER THE TRANSFERRED CELLS WERE IMPLANTED ,IN RESPONSE TO CHEMICAL DIRECTIONS FROM THE BRAIN ,THEY STARTED TO SPECIALIZE AND CONNECT TO THE APPROPRIATE CELLS IN THE HIPPOCAMPUS.

यानी प्रत्यारोपित किये जाने के बाद दिमाग से रासायनिक निर्देश लेने के फलस्वरूप ये कोशाएं प्रतिक्रया करने लगीं .विशेषीकृत होकर  ये दिमाग के हिप्पोकेम्प्स के वांछित हिस्से से सम्पर्कित हो गईं . 

सन्दर्भ -सामिग्री :-Implanting stem cells into brain can restore memory/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,APRIL 2 3 ,201 3 P 17 

खोई हुई याददाश्त वापस ला सकता  है कलम कोशिका प्रत्यारोप  



बुधवार, 24 अप्रैल 2013

आरोग्य प्रहरी


आरोग्य प्रहरी 

(१ )एक अभिनव शोध में रिसर्चरों ने पता लगाया है ,आम में मौजूद रहतें हैं ऐसे एंटीओक्सिडेंट यौगिक (Antioxidant compound)जो बड़ी आंत के अग्र भाग (Colon ),स्तन ,रक्त एवं पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि के कैंसर से बचाने में समर्थ हैं .

(२)करी पत्ता विटामिन -A ,केल्शियम और फोलिक एसिड का बढ़िया स्रोत है ,सफ़ेद मोतिया को जल्दी जड़ न बनाने देने में यह कारगर रहता है .सफ़ेद मोतिया बोले तो उम्र के साथ आँख के लैंस  का धुंधला जाना है .

(३ )EATING BERRIES PROTECTS AGAINST MENTAL DECLINE 

A study has found that berries seem to promote autophagy ,the brain's natural housekeeping mechanism ,reducing the toxic accumulation .Diets supplemented with strawberries have also shown to improve behaviour and cognitive functions in stressed rats.

Autophagy is a self-degradative process that is important for balancing sources of energy 

at critical times in development and in response to nutrient stress. Autophagy also plays a 

housekeeping role in removing misfolded or aggregated proteins, clearing damaged 

organelles, such as mitochondria, endoplasmic reticulum and peroxisomes, as well as 

eliminating intracellular pathogens.



(४)रवा (सूजी ,semolina )में अल्पांश में मौजूद रहते हैं ज़रूरी खनिज लवण फोस्फोरस ,जिंक ,मैग्नेशियम 

जो 

हमारी अस्थियों की बढ़वार के लिए आवश्यक मिनरल्स की श्रेणी में आते हैं ,स्नायुविक तंत्र की सेहत को भी 

दुरुस्त रखते हैं .

(५ )टमाटर न केवल हमारे यकृत को Liver cirrhosis से बचाए रहते हैं पित्ताशय की पथरी को भी घुलाने 

में मदद गार सिद्ध होतें हैं .

(६ )बादाम में मौजूद रहता है पोटेशियम जो रक्त चाप को नियंत्रित रखता है .

(७ )अखरोट में मौजूद ओमेगा ३ वसीय अम्ल (Omega 3 fatty acids )दिमाग की सेहत को दुरुस्त रखते हैं 

,पुष्ट करते हैं दिमाग को .

(८ )SOCIAL GAMES PROMOTE HEALTHY BEHAVIOUR 

Video games have some sort of social aspect leads people to exercise more frequently 

and helped them decrease their body -mass -index ,according to new research 

.Interestingly ,body mass index did not change after the program ended.

(९ )पाचन को दुरुस्त रखने के लिए रात  का खाना  सोने से दो घंटे पहले ज़रूर खा लेना चाहिए .

(१ ० )Overzealous scrubbing of the face can make you look younger .Be gentle.


गूदड़ों में लाल :  

शख्शियत :शकुन्तला देवी 

असाधारण गणितीय प्रतिभा की धनी शकुन्तला देवी  का बेंगलुरु में २ १ अप्रैल २० १ ३ को ७ ३ वर्ष की आयु

में निधन हो गया .उन्हें सांस की तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था जिसके बाद उन्हें दिल

की तकलीफ होने के बाद शनिवार शाम दिल का का दौरा पडा था इससे वह उबर न पाईं .बेंग्लरू अस्पताल

में उन्होंने अगले दिन इतवार को शरीर छोड़ दिया .हालाकि उन्हें सांस लेने की मशीन पे रखा गया था

लेकिन इसके बाद उन्हें दूसरा दौरा पड़ा था .

पेचीला अंकगणीतिय सवालों के हल वह पलक झपकते ही प्रस्तुत कर देतीं थीं .१ ९ ७ ० और १ ९ ८ ० के

दशकों में आपने पूरे विश्व को अपने इस अ -साधारण कौशल से विस्मित किया था  .

उनकी असाधारण प्रतिभा के आगे अति -विकसित द्वि अंकीय डिजिटल प्रणालियाँ भी बौनी साबित हो गईं

थीं .

पुरोहिताई करने वाले एक पुरातनपंथी परिवार में आप चार नवम्बर १ ९ ३ ९ को बेंगलुरु में जन्मी थीं .शायद

उनमें असाधारण जीवन इकाइयां (जींस ,जीवन खंड )अपने पिता से चली आईं  थीं जिन्होनें पंडिताई का

परम्परा गत पेशा न अपना कर अपना रास्ता खुद बनाया और सर्कस कलाकार बन गए .आपको सर्कस के

झूलों पर कलाबाजी करने ,कसी हुई रस्सी पर करतब दिखाने तथा बड़ी तोप के प्रदर्शन में महारत हासिल थी

.शकुन्तला देवी उस वक्त सिर्फ तीन साल की थीं और जमा जोड़ की बला की क्षमता लिए थीं .

पांच साल की उम्र में उनकी ये पेचीला जमा जोड़  की समस्याओं के जुबानी हल निकालने की कुशलता चरम

पर थी .

उनकी मशहूरी तब परवान चढ़ी जब आपने एक मुकाबले में पेचीला अंकगणीतिय गणना करने में उस वक्त

के तेज़ तर्रार कंप्यूटर जी को दस सेकिंड की शिकस्त दे दी .

दो तेरह अंकीय संख्याओं को मात्र २ ८ सेकिंड में गुणा करके सही गुणनफल निकालके आपने गिनेज़ बुक

आफ रिकार्ड में अपना अप्रतिम स्थान बनाया .

कहते हैं न गूदड़ों (गुदड़ों )में लाल कहाँ छिपते हैं 

आर्थिक तंगी  के चलते उन्हें दस साला होने पर ही संत थेरेसा कोंवेंट चमाराजपेट (Chamarajpet)कक्षा १ में

भर्ती किया जा सका .माँ बाप के पास स्कूल की फीस (शुल्क मात्र दो रुपया प्रति माह )देने के लिए भी पैसे

नहीं थे लिहाजा तीन माह के बाद ही उन्हें स्कूल से चलता कर दिया गया .

तकरीबन तकरीबन गुट्टाहल्ली का झोंपड पट्टी नुमा इलाका ही था गाविपुरम जहां आपका लालन पालन

हुआ .

एक गणित विश्वविद्यालय और शोध एवं विकास केंद्र खोलना आपका स्वप्न था जहां अभिनव तकनीकों

के  ज़रिये जनमानस को पेचीला गणीतिय सवालों के हल करने के शोर्टकट्स और प्रभावशाली स्मार्ट तरीकों

में प्रवीण बनाया जा सके .

टाइम्स आफ इंडिया के साथ एक बात चीत में आपने कहा था -मैं अपनी  क्षमता तो लोगों को अंतरित नहीं

कर

सकती लेकिन एक संख्यात्मक रुझान तेज़ी से विकसित कर लेने में मैं जनसामान्य की मदद ज़रूर कर

सकती हूँ .बड़ी संख्या है ऐसे लोगों की जिनकी तर्क शक्ति का दोहन नहीं किया जा सका है .

आप इस मिथक को तोड़के महाप्रयाण यात्रा पर निकल गईं हैं कि लड़कियों का हाथ गणित में तंग होता है .

सन्दर्भ -सामिग्री :-Shakuntala Devi ,maths prodigy dies at 73 /THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,APRIL 2 2 ,20 13 P 1 1.



Memorizing Cards at Age 3


Shakuntala Devi


For all of you who are wondering how did Shakuntla Devi's magical mathematical abilities get discovered, the answer lies in a simple game of cards. Her father was a circus artist and one day, while he was indulging his 3 year old daughter with a game of cards, he discovered her calculation abilities. It turns out that the 3 year old Shakuntala Devi beat her father , not by sleight of hand, but by memorizing the cards.


Shakuntala Devi's talent couldn't be kept under wraps for long and her reputation of being a young mathematical genius spread far and wide. At the age of 6, she demonstrated her calculation skills in her first major public performance at the University of Mysore and two years later, she again proved herself successful as a child prodigy at Annamalai University.


She had the ability to tell the day of the week of any given date in the last century in a jiffy.

In 1977, she calculated the 23rd root of a 201-digit number in just 50 seconds. For this mind-boggling feat, she received a standing ovation from an audience of learned mathematicians.

On June 18, 1980 she demonstrated the multiplication of two 13-digit numbers 7,686,369,774,870 x 2,465,099,745,779 picked at random by the Computer Department of Imperial College, London. She answered the question in 28 seconds. Her correct answer to this multiplication sum was 18,947,668,177,995,426,462,773,730 setting up a Guinness World Record.

मंगलवार, 23 अप्रैल 2013

गूदड़ों (गुदड़ों )में लाल कहाँ छिपते हैं

गूदड़ों में लाल :  

शख्शियत :शकुन्तला देवी 

असाधारण गणितीय प्रतिभा की धनी शकुन्तला देवी  का बेंगलुरु में २ १ अप्रैल २० १ ३ को ७ ३ वर्ष की आयु

में निधन हो गया .उन्हें सांस की तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था जिसके बाद उन्हें दिल

की तकलीफ होने के बाद शनिवार शाम दिल का का दौरा पडा था इससे वह उबर न पाईं .बेंग्लरू अस्पताल

में उन्होंने अगले दिन इतवार को शरीर छोड़ दिया .हालाकि उन्हें सांस लेने की मशीन पे रखा गया था

लेकिन इसके बाद उन्हें दूसरा दौरा पड़ा था .

पेचीला अंकगणीतिय सवालों के हल वह पलक झपकते ही प्रस्तुत कर देतीं थीं .१ ९ ७ ० और १ ९ ८ ० के

दशकों में आपने पूरे विश्व को अपने इस अ -साधारण कौशल से विस्मित किया था  .

उनकी असाधारण प्रतिभा के आगे अति -विकसित द्वि अंकीय डिजिटल प्रणालियाँ भी बौनी साबित हो गईं

थीं .

पुरोहिताई करने वाले एक पुरातनपंथी परिवार में आप चार नवम्बर १ ९ ३ ९ को बेंगलुरु में जन्मी थीं .शायद

उनमें असाधारण जीवन इकाइयां (जींस ,जीवन खंड )अपने पिता से चली आईं  थीं जिन्होनें पंडिताई का

परम्परा गत पेशा न अपना कर अपना रास्ता खुद बनाया और सर्कस कलाकार बन गए .आपको सर्कस के

झूलों पर कलाबाजी करने ,कसी हुई रस्सी पर करतब दिखाने तथा बड़ी तोप के प्रदर्शन में महारत हासिल थी

.शकुन्तला देवी उस वक्त सिर्फ तीन साल की थीं और जमा जोड़ की बला की क्षमता लिए थीं .

पांच साल की उम्र में उनकी ये पेचीला जमा जोड़  की समस्याओं के जुबानी हल निकालने की कुशलता चरम

पर थी .

उनकी मशहूरी तब परवान चढ़ी जब आपने एक मुकाबले में पेचीला अंकगणीतिय गणना करने में उस वक्त

के तेज़ तर्रार कंप्यूटर जी को दस सेकिंड की शिकस्त दे दी .

दो तेरह अंकीय संख्याओं को मात्र २ ८ सेकिंड में गुणा करके सही गुणनफल निकालके आपने गिनेज़ बुक

आफ रिकार्ड में अपना अप्रतिम स्थान बनाया .

कहते हैं न गूदड़ों (गुदड़ों )में लाल कहाँ छिपते हैं 

आर्थिक तंगी  के चलते उन्हें दस साला होने पर ही संत थेरेसा कोंवेंट चमाराजपेट (Chamarajpet)कक्षा १ में

भर्ती किया जा सका .माँ बाप के पास स्कूल की फीस (शुल्क मात्र दो रुपया प्रति माह )देने के लिए भी पैसे

नहीं थे लिहाजा तीन माह के बाद ही उन्हें स्कूल से चलता कर दिया गया .

तकरीबन तकरीबन गुट्टाहल्ली का झोंपड पट्टी नुमा इलाका ही था गाविपुरम जहां आपका लालन पालन

हुआ .

एक गणित विश्वविद्यालय और शोध एवं विकास केंद्र खोलना आपका स्वप्न था जहां अभिनव तकनीकों

के  ज़रिये जनमानस को पेचीला गणीतिय सवालों के हल करने के शोर्टकट्स और प्रभावशाली स्मार्ट तरीकों

में प्रवीण बनाया जा सके .

टाइम्स आफ इंडिया के साथ एक बात चीत में आपने कहा था -मैं अपनी  क्षमता तो लोगों को अंतरित नहीं

कर

सकती लेकिन एक संख्यात्मक रुझान तेज़ी से विकसित कर लेने में मैं जनसामान्य की मदद ज़रूर कर

सकती हूँ .बड़ी संख्या है ऐसे लोगों की जिनकी तर्क शक्ति का दोहन नहीं किया जा सका है .

आप इस मिथक को तोड़के महाप्रयाण यात्रा पर निकल गईं हैं कि लड़कियों का हाथ गणित में तंग होता है .

सन्दर्भ -सामिग्री :-Shakuntala Devi ,maths prodigy dies at 73 /THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,APRIL 2 2 ,20 13 P 1 1.

साथ में आरोग्य प्रहरी भी 


आरोग्य प्रहरी 

(१ )एक अभिनव शोध में रिसर्चरों ने पता लगाया है ,आम में मौजूद रहतें हैं ऐसे एंटीओक्सिडेंट यौगिक (Antioxidant compound)जो बड़ी आंत के अग्र भाग (Colon ),स्तन ,रक्त एवं पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि के कैंसर से बचाने में समर्थ हैं .

(२)करी पत्ता विटामिन -A ,केल्शियम और फोलिक एसिड का बढ़िया स्रोत है ,सफ़ेद मोतिया को जल्दी जड़ न बनाने देने में यह कारगर रहता है .सफ़ेद मोतिया बोले तो उम्र के साथ आँख के लैंस  का धुंधला जाना है .

(३ )EATING BERRIES PROTECTS AGAINST MENTAL DECLINE 

A study has found that berries seem to promote autophagy ,the brain's natural housekeeping mechanism ,reducing the toxic accumulation .Diets supplemented with strawberries have also shown to improve behaviour and cognitive functions in stressed rats.

Autophagy is a self-degradative process that is important for balancing sources of energy 

at critical times in development and in response to nutrient stress. Autophagy also plays a 

housekeeping role in removing misfolded or aggregated proteins, clearing damaged 

organelles, such as mitochondria, endoplasmic reticulum and peroxisomes, as well as 

eliminating intracellular pathogens.



(४)रवा (सूजी ,semolina )में अल्पांश में मौजूद रहते हैं ज़रूरी खनिज लवण फोस्फोरस ,जिंक ,मैग्नेशियम 

जो 

हमारी अस्थियों की बढ़वार के लिए आवश्यक मिनरल्स की श्रेणी में आते हैं ,स्नायुविक तंत्र की सेहत को भी 

दुरुस्त रखते हैं .

(५ )टमाटर न केवल हमारे यकृत को Liver cirrhosis से बचाए रहते हैं पित्ताशय की पथरी को भी घुलाने 

में मदद गार सिद्ध होतें हैं .

(६ )बादाम में मौजूद रहता है पोटेशियम जो रक्त चाप को नियंत्रित रखता है .

(७ )अखरोट में मौजूद ओमेगा ३ वसीय अम्ल (Omega 3 fatty acids )दिमाग की सेहत को दुरुस्त रखते हैं 

,पुष्ट करते हैं दिमाग को .

(८ )SOCIAL GAMES PROMOTE HEALTHY BEHAVIOUR 

Video games have some sort of social aspect leads people to exercise more frequently 

and helped them decrease their body -mass -index ,according to new research 

.Interestingly ,body mass index did not change after the program ended.

(९ )पाचन को दुरुस्त रखने के लिए रात  का खाना  सोने से दो घंटे पहले ज़रूर खा लेना चाहिए .

(१ ० )Overzealous scrubbing of the face can make you look younger .Be gentle.



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