व्हाट आर दी फ्यूचर डाय -रेक्संस फॉर मेनेजिंग मल्तिपिल स्केलेरोसिस ?
इन्वेस्तिगेश्नल थिरेपीज़ के केंद्र में फिलवक्त हमारा रोग प्रति -रोधी तंत्र ही बना हुआ है .साइंसदान ऐसी तरकीबें तलाश रहें हैं जो दिमागी कोशाओं से खोये जा चुके माय्लिन अस्तर (माय्लीन शीथ)फिर से बनवा सकें ।या फिर जो नाड़ियों की मौत को थाम सकें .ध्यान रहे मल्तिपिल स्केलेरोसिस में इम्यून सिस्टम अपनी ही प्रतिरक्षी कोशाओं की प्रोटीन कवरिंग (माय्लिन शीथ )को विजातीय समझके नष्ट करने लगता है ।
आदिम प्रति रूप (यूज़ ऑफ़ प्री कर्सर ):न्यूरोनल स्टेम सेल्स याँ प्रोजिनिटर कोशाओं को भी दिमाग और रीढ़ रज्जू में रोपे जाने की जुगत में साइंसदान हैं ताकि उन इलाकों की भरपाई की जा सकें जहां से दिमागी कोशायें नष्ट हो चुकीं हैं ।
"फ्यूचर थिरेपी मे इन्वोल्व मेथड्स डिज़ा -इंड टू इम्प्रूव इम्पल्ज़िज़ ट्रेवलिंग ओवर दी डेमेज्ड नर्व्ज़"।
हमारी खुराक और हमारे पर्यावरण से क्या मदद मिल सकती है इस ऑटो -इम्यून डिजीज मल्तिपिल स्केलेरोसिस के प्रबंधन में साइंसदान इसका भी पता लगा रहें हैं .
(जारी )।
और अब एक शैर सुनियेगा :
कोई तो मजबूरियाँ रहीं होंगी ,
यूं कोई बे -वफा नहीं होता ,
गुफ़्त -गु रोज़ उससे होती है ,
मुद्दतों सामना नहीं होता .
रात का इंतज़ार कौन करे ,
दिन में क्या कुछ नहीं होता .
मंगलवार, 31 मई 2011
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