शुक्रवार, 20 मई 2011

आर अदर ट्रीट- मेंट्स बींग -डेव- लप्द फॉर यूटेराइन फिब -रोइड्स .

रिसर्चर्स कुछ और तरीके फिब -रोइड्स के इलाज़ के तलाश रहें हैं ,अन्वेषित कर रहें हैं ।
कुछ अन्य तरीके इलाज़ के जो अभी मानकीकृत नहीं हैं इस प्रकार हैं :इन्स्युरेंस कवर के तहत भी नहीं आयेंगें ये तरीके ।
एम् आर आई गाइदिद अल्ट्रा -साउंड सर्जरी : यह प्रोसीज़र उच्च तीव्रताअति -स्वर तरंगों (हाई -इंटेंसिटी-अल्ट्रा -साउंड वेव्ज़) की मदद से फिब -रोइड्स को श्रिंक (सिकोड़ समेट )करवा देती है ।
एम् आर आई स्केनर फिब -रोइड्स की सही लोकेशन का रेखांकन कर देता है ,तथा अल्ट्रा -साउंड अति -उत्तप्त तरंगें डालकर इनका खात्मा कर देता है ।
एक मेडिकल डिवाइस है -दी एक्स -एब्लेट २००० सिस्टम :वह इसी प्राविधि से फिब -रोइड्स को नष्ट कर देती है .
(२)कुछ चिकित्सा माहिर लेज़र की मदद से भी या तो फिब -रोइड्स साफ़ कर देतें हैं या फिर इनको होने वाली रक्त सप्लाई को ही काट देतें हैं ,फलस्वरूप ये गर्भाश्यीय गठानें सिकुड़ जातीं हैं ।
(३)एंटी -हार्मोनल ड्रग्स :मिफे -प्रिस- टोन तथा कुछ और हारमोन रोधी दवाएं तैयार की जा रहीं हैं ,जो फिब -रोइड्स के लक्षणों से निजात दिलवा सकतीं हैं तथा इनके बोन -थिनिंग पार्श्व प्रभाव भी सामने नहीं आयेंगें .बेशक अभी इन्हें अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था की मंज़ूरी मिलना बकाया है ।
(४)अन्य संभावित इलाजों का अध्ययन चल रहा है जिनसे गर्भाश्यीय गठानों का इलाज़ किया जा सकेगा .

2 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Achchi jankari deti post...Dhanywad

virendra sharma ने कहा…

शुक्रिया ,डॉ .मोनिका शर्माजी !