व्हाट कंडीसन ऑर कोम्प्ली -केसंस कुड बी एसोशियेतिद विद" पी सी ओ एस " ?
गर्भाशय कैंसर के अलावा इस सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाओं के लिए हाई -ब्लड प्रेशर ,डायबिटीज़ ,दिल की बीमारियों के अलावा एंडो -मिट्रीयल कैंसर (कैंसर ऑफ़ दी यूट्रस ,गर्भाशयीय कैंसर )का भी ख़तरा बढा हुआ रहता है ।
मासिक (मेन्स्त्र्युअल् साइकिल )तथा हारमोन अनियमितताएं प्रजनन क्षमता पर भारी पड़तीं हैं ,इन -फर्टिलिटीयानी बांझपन ,प्रजनन क्षमता का ह्रास इस सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाओं में मिल जाती है ।
क्योंकि अंडाशय से अंड(ह्यूमेन या फिमेल एग ,दिम्बाणु,डिम्ब )का क्षरण ही नहीं होता है इसलिए प्रोजेस्तेरोंन स्राव भी छीज जाता है कम होता है .ऐसे में यूटेराइन लाइनिंग (गर्भाशय अस्तर )का निर -विरोध स्तिम्युलेसन (उत्प्रेरण ,उद्दीपन ,उत्तेजन )ज़ारी रहता है ।
असामान्य पीरियड्स (मासिक या माहवारी )की वजह ,ब्रेक थ्रू ब्लीडिंग की वजह के अलावा कुछ महिलाओं में गर्भाशयीय रक्त स्राव की भी यही एक बड़ी वजह बन जाती है .ऐसे में यूटेराइन लाइनिंग (गर्भाशय अस्तर )का कैंसर तथा एंडो -मिट्रीयल हाई -पर- प्लेसिया का ख़तरा भी मुह बाए खडा रहता है .
बेशक दवाएं दी जा सकतीं हैं नियमित मासिक चक्र को लाने वाली तथा एंडो -मिट्रीयम के इस्ट्रोजन से पैदा होने वाले अतिरिक्त उत्तेजन को थामने वाली .
इस संलक्षण के साथ मोटापे का ख़तरा भी चस्पा हो जाता है .अमरीका में इस संलक्षण से ग्रस्त ६० %महिलायें ओबैसे हैं मोटापे की गिरिफ्त में हैं .ऐसे में इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या और भी उग्र रूप ले लेती है ,सेकेंडरी डायबिटीज़ में जतिलाताएं बढ़ जातीं हैं हृद -वाहिकीय रोगों(कार्डियो -वेस्क्युअलर ) का ख़तरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है .
मेटाबोलिक सिंड्रोम का ख़तरा और भी बढ़ जाता है ,यह मेटाबोलिक सिंड्रोम खुद लक्षणों का एक समूह होता है ,जिसमें उच्च रक्त चाप भी शामिल है ,इसी के साथ कार्डियो -वेस्क्युअलर डिजीज का ख़तरा और भी बहुगुणित हो जाता है ।
इन महिलाओं में सी -रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर भी बढ़ जाता है ,यह बायो -केमिकल मार्कर है (जैव -रासायनिक संकेतक है )जो एक तरह से भविष्य कथन होता है ,भविष्य वाणी होती है ,कार्डियो -वेस्क्युअलर डिजीज के आ धमकने की .अलबत्ता इस सिंड्रोम से पैदा मोटापे से जुड़े इन तमाम तत्वों से बचा जा सकता है दवा के ज़रिये ।
उन महिलाओं के लिए जिन के परिवारों में डायबिटीज़ रोग चला आया है इस सिंड्रोम के साथरहते प्री -डायबिटीज़ तथा सेकेंडरी डायबिटीज़ का भी ख़तरा और ज्यादा बढ़ जाता है .
ओबेसिटी तथा इंसुलिन रेजिस्टेंस जो इस सिंड्रोम से जुड़े हैं सेकेंडरी डायबिटीज़ के लिए बड़ा जोखिम पैदा करतें हैं .कई अध्ययनों में इन महिलाओं में जो "पी सी ओ एस "संक्षेप में इस संलक्षण से ग्रस्त हैं ,एल डी एल कोलेस्ट्रोल(बेड कोलेस्ट्रोल ) का स्तर ज्यादा तथा हार्ट फ्रेंडली एच डी एल कोलेस्ट्रोल का कम पाया गया है .अलावा इसके खून में ट्राई -ग्लीस राइड्स का स्तर भी बढा हुआ मिला है ।
चमड़ी का बदरंग होना इस संलक्षण में एक आम बात रहा है ।
अकान्थोसिस निग्रिकान्स रेफर्स टू दी प्रिज़ेंस ऑफ़ वेल्वेती ,ब्राउन टू ब्लेक पिगमेंटेशन ओफ्तिन सीन ऑन दी नेक ,अंडर दी आर्म्स ऑर इन दी ग्रोइन .डिस कंडीशन इज एसो -शियेतिद विद ओबेसिटी एंड इंसुलिन रेजिस्टेंस एंड अकर्स इन सम वोमेन विद पी सी ओ एस (पोली -सिस्टिक -ओवेरियन -सिंड्रोम )।
(ज़ारी ...).
मंगलवार, 24 मई 2011
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2 टिप्पणियां:
होमियोपैथ में गहरी रूचि के कारण आपका प्रत्येक पोस्ट मेरे लिए महत्वपूर्ण है .आभार
हम भी अपना शब्द भण्डार बढा रहें हैं आपके यहाँ आ -आके .शुक्रिया !आपकी रचनओं का इंतज़ार रहता है .
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