(३६)प्लाक :धमनी की अन्दर की दीवारों पर बैठा पसरा जमा हुआ कोलेस्ट्रोल और लिपिड जो स्टेनोसिस (धमनी अवरोध )तथा आथि - -रो -स्केल -रो -सिस (धमनी का अन्दर से लोच खोके कठोर और खुरदरा होकर ,भंगुर हो जाना ).की वजह बनता है .
(३७)प्लेटलेट :खून में मौजूद कोशीय संरचनाएं (डिस्क के आकार वाली )जिनका खून के थक्के बनाने में बड़ा हाथ होता है ।
(३८ )प्लास टिसिती:स्ट्रोक या किसी चोट के बाद पैदा कमी बेशी किसी देफिशित के अनुरूप होने ,ढलने की हमारे दिमाग की कूवत प्लास -टिसिती है ।
(३९)प्रिवी -लेंस :एक आबादी में किसी समय पर किसी बीमारी के कुल मामलों की संख्या, का पाया जाना, प्रिवी -लेंस है ।
(४०)री -कोम्बी -नेन्ट टिश्यु प्लाज़मी -नोजन एक्टि -वेटर (आरटी -पी ए ):यह एक जीन इंजीनियरिंग द्वारा पैदा किया गया एक ऐसा "थ्रोम्बो -लितिक "पदार्थ है जो थक्का रोधी है .और उस कुदरती पदार्थ जैसा ही है जैसा हमारा शरीरखुद से ही तैयार करलेता है .यह एक थ्रोम्बो -लितिक थिरेपी का हिस्सा बनता है ।
(४१)स्माल वेसिल डिजीज :यह एक मष्तिष्क रक्त वाहिकीय (सेरी-ब्रो -वेस्क्युअलर डिजीज )विकार है जिसमें दिमाग की छोटी धमनियां अवरुद्ध होकर स्टेनोसिस की वजह बनती हैं .
स्टेनोसिस :किसी धमनी का अन्दर की दीवारों पर कचरा (फेटि प्लाक )जमा होने से संकरा हो जाना ,कम खून उठाना है कुल सप्लाई में से .धमनी के नाज़ुक हो जाने अन्दर से खुरदरी- भुरभरी हो जाने पर ब्लड प्रेशर के ज्यादा बढ़ने से ही धमनी फट सकती है . नतीजा होता है "हेमो -रेजिक स्ट्रोक ".
(ज़ारी ...)।
हमेशा की तरह इस बार का शैर :
मत कहो आकाश पर कोहरा घना है ,
यह किसी की व्यक्ति गत आलोचना है .
मंगलवार, 17 मई 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
3 टिप्पणियां:
Nice effort....
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
शुक्रिया विवेक भाई !
सदाबहार लेख जारी है
एक टिप्पणी भेजें