व्हाट कंडीशंस प्रोमोट दी सिकलिंग(डिस -टोर्शन )ऑफ़ रेड ब्लड सेल्स इन सिकिल सेल्स एनीमिया ?
सिकिल सेल एनीमिया के मरीजों में लाल रुधिर कणिकाओं का विकृत होना (सिकलिंग ऑफ़ रेड ब्लड सेल्स )इनकी आकृति के साथ साथ फ्लेग्ज़िबिलिती (लोच )में भी परिवर्तन ला देता है .नतीज़न ये कोशायें फ्रेजाइल (नाज़ुक )होकर रप्चर होने लगती हैं .इनकी कमी ही एनीमिया की वजह बनती है ।
कंडीशंस फॉर सिकलिंग आर प्रोमोटिद बाई ....
ऐसी जगहों पर जाना जहां ऑक्सीजन का स्तर कम हो (ऊंचाई परउत्तुंग शिखरों की ,आजकल हवाई जहाज में प्रेशे -राइज्द केबिन रहती है ),बढ़ी हुई एसिडिटी (अम्ल शूल ),लो वोल्यूम ऑफ़ दी ब्लड (निर्जलीकरण या डि -हाई -डरेशन)का होना .
शरीर के ऊतकों के किसी चोट से क्षति ग्रस्त हो जाने ,निर्जलीकरण तथा निश्चेतक पदार्थ (एन्स्थिजीया )देने से भी ऐसीही उल्लेखित स्थितियों का रचाव हो जाता है .
ऐसी ही स्थितियां तब भी पैदा हो सकतीं हैं जब खून का प्रवाह प्लीहा (स्प्लीन ),यकृत (लीवर )और हमारे गुर्दों में पूरे आवेग से न होकर धीरे धीरे होने लगता है तब इन अंगों को भी ऑक्सीजन की कमी और एसिडिटी की वजह से ख़तरा पैदा हो जाता है .
ऐसी ही स्थितियां हाइमेताबोइज़्म रेट के चलते दिमाग ,पेशियों और गर्भवती ऐसी महिला के प्लेसेंटा के लिएभी पैदा हो जातीं हैं जो सिकिल सेल एनीमिया से ग्रस्त होती है .ऐसे में खून से ज्यादा ऑक्सीजन निकल जाने की वजह से सिकलिंग की संभावना बढ़ जाती है .ज़ाहिर है ऐसे में सिकिल सेल एनीमिया से इन अंगों को क्षति पहुँचने की संभावना बलवती हो जाती है ।
(ज़ारी ...).
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