यूटेराइन फिब -रोइड्स :गर्भाशयीय गठानें गर्भाशय की नॉन केन्सरस ग्रोथ है .निरापद (बिनाइन )होतीं हैं ये गठाने जो गर्भ काल में पनप आतीं हैं . इन्हें फिब -रो -म्योमाज़ ,लीयो -म्योमाज़ या सिर्फ म्यो -माज भी कहा जाता है .इनके होने से कैंसर होने का न तो ख़तरा ही बढ़ता है और न ये गठानें मलिग्नेंट(कैंसर कारी हो पाती हैं पनपने पर )।
चार में से तीन महिलाओं को जीवन में कभी न कभी इन गठानों के साथ देखा जा सकता है .ज्यादातर को इनका इल्म ही नहीं होता क्योंकि इनके लक्षणों का प्रगटीकरण ही नहीं हो पाता है इनमें .
अचानक एक दिन रूटीन पेल्विक एग्जामिनेशन के दरमियान या फिर प्रसव पूर्व अल्ट्रा साउंड के दरमियान आपके चिकित्सा माहिर को इनकी मौजूदगी का पता चलता है ।
आमतौर पर इनसे न तो कोई समस्या ही खड़ी होती है न इलाज़ की ही ज़रुरत पडती है .जब कभी इनके इलाज़ की ज़रुरत पेश आती है ,मेडिकल थिरेपी (दवा दारु )इन्हें श्रिंक कर देती है सिकोड़ समेट देती है शल्य से इन्हें हटा दिया जाता है परेशानी होने पर .
बेशक हालाकि ऐसा कभी कभार ही होता है -इनके लिए आपातकालीन चिकित्सा की ज़रुरत पडती है यदि आकस्मिक तौर पर महिला को तेज़ तर्रार पेल्विक पैन (बर्दाश्त के बाहर श्रोणी प्रदेश में पीड़ा का अनुभव होता है )या फिर माहवारी के समय बहुत ज्यादा रक्त स्राव हो जाता है ,हेवी ब्लीडिंग हो जाती है ।
(ज़ारी ...)।
इस मर्तबा का शैर सुनिए :
ज़िन्दगी एक आंसुओं का जाम था ,
पी गए हम पर यही इलज़ाम था .
शुक्रवार, 20 मई 2011
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