टाइप्स ऑफ़ मल्तिपिल स्केलेरोसिस (एम् एस ):
मल्तिपिल स्केलेरोसिस के रोग निदानिक लक्षणों का प्रगटीकरण भी यकसां नहीं होता है .देयर आर डिफरेंट क्लिनिकल मैनिफेस्टेशन ऑफ़ मल्तिपिल स्केलेरोसिस (एम् एस ).रोग का हमला होने पर व्यक्ति की भौतिक क्षमताओं का आकस्मिक रूप से ह्रास होने लगता है .हमले की उग्रता पर क्षमताओं की गिरावट निर्भर करती है ।
इसे एग्जार्बेशन भी कह दिया जाता अटेक अमूमन चौबीस घंटों से ज्यादा अवधि तक आमतौर पर कई सप्ताओं तक जारी रहता है (लेकिन चार सप्ताह से ज्यादा देर तक अकसर नहीं ही देखा जाता है ,बिरले ही चार सप्ताह के पार भी यह ज़ारी रहता देखा गया है ।).
रिलेप्सिंग -रेमितिंग(आर आर ) एम् एस :
६५ -८०%लोगों में इसकी शुरुआत आर आर एम् एस से ही होती है जो एम् एस की आम किस्म है ।
इसमें रोग का हमला श्रृंखला बद्ध ज़ारी रहता है फिर कुछ अवधि के लिए लक्षण दब जातें हैं या तो आंशिक तौर पर या पूर्णतया ,जब तक की दूसरा अटेक लौट न आये जब लक्षणों का फिर से प्रगटीकरण होने लगता है ।
रोग शमन (रेमिशन )की अवधि चंद सप्ताह से लेकर कई दशकों तक भी बनी रह सकती है जब लक्षण दबे ढके रहतें हैं ।
प्राईमेरी -प्रोग्रेसिव (पी पी )एम् एस :इसमें एक बार शुरुआत होजाने पर लक्षणों के प्रगटीकरण के बाद से धीरे धीरे लेकिन निरंतर भौतिक क्षमताओं का ह्रास बढ़ता ही चला जाता है .लक्षणों का शमन नहीं होता है .नो रिलेप्सिज़ एंड रेमिसंस ।
१०-२० %में रोग की शुरुआत "पी पी एम् एस "से ही होती है ।
सेकेंडरी प्रोग्रेसिव :आर आर एम् एस वाले ही एक ऐसे चरण में प्रवेश कर जातें हैं जहां रिलेप्सिज़ तो बिरले ही देखने में आतें हैं लेकिन अक्षमता शारीरिक बढ़ जाती है .यही है सेकेंडरी प्रोग्रेसिंव् एम् एस है ।
(ज़ारी ...).
शनिवार, 28 मई 2011
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