आल्गो -मनो -रोहिया(ओलिगो-में-ओर्र्हेअ ):इस स्थिति में या तो मासिक चक्र की अवधि औरसंख्या घट जातें हैं या फिर इस दर्मियाँ मासिक स्राव बहुत कम होने लगता है ।
ओवरी (अंडाशय ):प्रजनन कोशायें तैयार करती हैं महिलाओं में ओवरीज़ ,इट इज दी फिमेल गो -नाड व्हिच प्रोड्युसिस गेमीट्स .
इन्हें प्रजनन गर्न्थियाँ भी कहा जाता है जो संख्या में दो होतीं हैं ,श्रोणी प्रदेश में (लोकेतिद इन दी पेल्विस )गर्भाशय के दोनों ओरएक एक प्रजनन ग्रंथि या ओवरी रहती है ।
बादाम के आकार की होती हैं दोनों ओवरीज़ ।
इनका काम एग्स (ह्यूमेन एग्स ,गेमीट्स ,प्रजनन कोशायें )तथा स्त्री हारमोनों का निर्माण करना है ।
प्रत्येक मासिक चक्र के संपन्न होने के दरमियान कभी एक ह्यूमेन एग (डिम्ब )किसी भी एक अंडाशय (ओवरी )से रिलीज़ होता है ,क्षरण होता है इस फिमेल एग का .मर्दों में यही काम टेस्तीज़(अंड -कोष ) करतीं हैं जो स्पर्म बनातीं हैं .
अंडा यहाँ से चलके अंड वाहिनियों (फेलोपियन ट्यूब्स )से होता गर्भाशय तक पहुंचता है .स्त्री हारमोनों का प्रमुख स्रोत हैं ओवरीज़ ही हैं जो औरत के शारीरिक विकास ,स्त्री सुलभ गुणों ,यथा कोमलता ,मृदु कंठ (हाई फ्रीक्वेंसी साउंड ),स्तनों का विकास और आकार ,फिगर (बॉडी शेप )तथा शरीरिक केशों (बॉडी हेयर्स )का विनियमन ओर नियंत्रण करतीं हैं .
मासिक चक्र ओर गर्भावस्था का विनियमन (रेग्युलेशन )ओवरीज़ के हाथों संपन्न होता है ।
(ज़ारी ...).
बुधवार, 25 मई 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें