अमित थे मेरे साथ .कल कनाडा के वीजा कार्यालय सुबह सवेरे पहुंचना था वीजा के लिए .फटोग्रेफ्स तो मेरे पास थे "टू बाई टू के "लेकिन उनमे चेहरे का आकार यहाँ वीजा नियमों के अनुरूप न था .लिहाजा हम लोग "सी वी एसफार्मेसी" में चले आये थे .यहाँ फार्मेसी चौबीसों घंटा खुली रहती है तथा सौंदर्यप्रशाधन से लेकर , वाइन तक यहाँ उपलब्ध है ग्रोसरी में दूध से लेकर नमक भी है .फतोग्रेफ़ के लिए भी सुविधा है .
हमने फतोग्रेफ़ खिंचवाते वक्त अटेंडेंट को बतला दिया था -चेहरा ,कुलमिलाकर हेड का अनुपात ज्यादा होना चाहिए लिहाजा उसने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की थी तथा कंप्यूटर को इस आशय का सोफ्ट वेयर भी दे दिया था लेकिन इस काम में कुल मिलाकर आधा घंटा लग जाना था जो उसने हमें बतला दिया था ।
हम वक्त काट रहेथे और इसी क्रम में "मेक्स और आर्मां"रेस्तरा के बार सेक्शन में आ बैठे थे .नगर था केंटन (मिशिगन राज्य ).
सोचा एक एक ड्रिंक्स ले ली जाए तब तक फतोग्रेफ़तैयार हो जायेंगे .
अमित भाई ने ऑर्डर दिया -"टू आडर्स ब्ल्यू मून "ड्राफ्ट बीयर का ।
शायद कैग खाली होने की कगार पर पहुँच रहा था ,बीयर टैप से बीयर कम झाग ज्यादा आ रहा था .बार बाला (बार टेंडर )को हमने थोड़ा सा परेशां देखकर अपना ऑर्डर संशोधित करके दो "लबेटब्ल्यू "कर दिया ।
ये क्या उसने बीयर के दोनों ग्लास जिनमे से एक पूरा तथा दूसरा आधा भरा था सीधे सिंक के हवाले कर दिए ।
मैंने अपने देश में कई ऐसे नजारे शादी ब्याह में भी देखें हैं बीयर या व्हिस्की की बोतल टूट गईं और जाया न जाए यही सोच कर कई लोग बाकी बची को इस बिखरने के दौरान ही औक लगाके पी जातें हैं ।
यहाँ नज़ारा भिन्न था .बार में भी सिर्फ तीन बालाएं ही थी ,नाईट बार था ।
तीनों व्यावसायिक तरीके से अपने काम में व्यस्त थीं .गोरे तसल्ली से बैठे खा रहे थे ड्रिंक्स के साथ .कहीं कोई हल चल नहीं एक शाइस्तगी चारों तरफ एक करीना दिखलाई दे रहाथा ,खाने पीने के तौर तरीकों में ,कहीं कोई शोर भी नहीं ,सुकून संसिक्त मौन सा कुछ था वहां ।
मैं यही सोच रहा था -यहाँ बफे भी लेते हैं तो हर बार नै प्लेट ,जूठी प्लेट सर्विस टेबिल तक ले जाने का रिवाज़ नहीं है .जितना मर्जी खाओ ,फैंको या केरी होम कर लो ,लेफ्ट ओवर ।
यहाँ सिर्फ भाव हैं ,किसी चीज़ का अभाव नहीं .बस आदमी कम दिखलाई देतें हैं जो हैं भी वह तेज़ रफ़्तार कारों में बैठे हैं या स्टोर्स में दिखलाई देतें हैं .जिम ,स्टोर्सआदि की चेन्स तमाम रात काम करतीं हैं ।
भारत में बार -बालाओं पर अब निषेध ज़ारी है .मुंबई में अब उन्हें कई और धंधे करने पड़ रहें हैं ड्रीम नगरी अब शिव सेना के हवाले है .बेंगलोर में पब पर भी वेलेन्ताइन्स दिवस पर कब हंगामा हो जाए इसका कोई निश्चय नहीं ।
शाखा मृग कब कहाँ से निकल आयें इसका कोई निश्चय नहीं .यह दूसरा लोक है ,है इसी धरती पर .यहाँ हर कोई अलग अंदाज़ लिए है ज़िन्दगी का -दे मीन बिजनेस .कोई कहीं बाउंसर नहीं कोई लफंदरबाजी नहीं .
(ज़ारी ...).
बुधवार, 18 मई 2011
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2 टिप्पणियां:
हर बार नई प्लेट
ACHCHHA HAI BHAI...
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