कैंसर :कैसर, कोशाओं की एक असामान्य वृद्धि है जो अनियंत्रित तरीके से बढती ही चली जातीं हैं .कुछ मामलों में मेटा -स्टे -साइज़ भी करतीं हैं ,स्प्रेड भी करतीं हैं ।मेटा-स्त-साइज़ का मतलब ही होता है ,टू स्प्रेड इन दी बॉडी फ्रॉम दी साईट ऑफ़ ओरिजिनल ट्यूमर बाई मीन्स ऑफ़ टाइनी सेल्स ट्रांस -पोर्टिद बाई दी ब्लड और लिम्फ .
कैंसर कोई एक बीमारी न होकर एक समूह है तकरीबन १०० अलग अलग और साफ़ पहचान वाली बीमारियों का ।
कैंसर शरीर के किसी भी ऊतक में हो सकता है तथा हरेक हिस्से में शरीर के एक अलग किस्म लिए हुए रहता है ..
कैंसर शरीर के किसी भी ऊतक को अपनी चपेटमें ले सकता है तथा कितने ही रूप हो सकतें हैं इसके हरेक हिस्से में .जिस भी किस्म की शरीर की कोशा से शरीर के हिस्से से, अंग से ,इसकी शुरुआत होती है उसीअंग के कैंसर के रूप में ,उसी के साथ इसका नाम लिया जाता है .यदि कैंसर स्प्रेड करता है (मेटा -स्टा -साइज़ )करता है ,नए ट्यूमर का नाम भी प्राई -मारी ट्यूमर वाला ही रहता है ।
इट स्प्रेड्स इन दी बॉडी फ्रॉम दी साईट ऑफ़ दी ओरिजिनल ट्यूमर बाई मीन्स ऑफ़ टाइनी सेल्स ट्रांस -पोर्टिद बाई दी ब्लड और लिम्फ ।
किसी ख़ास कैंसर की फ्रिक्युवेंसी (आवृत्ति या बारंबारता ) जेंडर आधारित भी हो सकती है ,मसलन जहां "स्किन कैंसर "दोनों जेन्दर्स में होने वाली आम संक्राम्यता है वहीँ पुरुषों में पाए जाने वाला दूसरा आम कैंसर "प्रोस्टेट कैंसर "तथा महिलाओं में "ब्रेस्ट कैंसर है "।
कैंसर की बारंबारता (कैंसर फ्रिक्युवेंसी )और तद्जन्य मौत में कोई सीधा सामिकरण नहीं है ।
स्किन कैंसर (चमड़ी के कैंसर )अकसर ठीक हो जातें हैं ।
फेफड़ा कैंसर दोनों ही लिंगों में अमरीका मेंआज भी मौत की एक बड़ी वजह बना हुआ है .
बिनाइन (निरापद ,वक्त के साथ भी हानि नहीं पहुंचाने वाले ) ट्यूमर कैंसर नहीं होतें हैं .केवल मलिग्नेंत ट्यूमर्स ही कैंसर की श्रेणी में आतें हैं कैंसर कहातें हैं ।
कैंसर एक छूतहा(कंतेजस) रोग भी नहीं है ।
लेटिन भाषा का शब्द है क्रेब , कैंसर के समतुल्य है .कह सकतें हैं इसका मूल लेटिन भाषा है .प्राचीन हकीम इसका प्रयोग मलिग्नेंसी के रूप में ही करते थे -बिकोज़ ऑफ़ दी क्रेब लाइक तेनासिति ए मलिग्नेंत ट्यूमर सम -टाइम्स सीम्स टू शो इन ग्रेस्पिंग दी तिश्युज़ इट इन्वेड्स ।
कैंसर को मलिग्नेंसी भी कह दिया जाता है .मलिग्नेंत ट्यूमर भी ,नियो -प्लाज़म (ए न्यू ग्रोथ )भी .
(ज़ारी ...).
गुरुवार, 26 मई 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें