नाटलिज़ुमाब (त्य्साब्री ):रिलेप्सिंग मल्तिपिल स्केलेरोसिस (आर एम् एस )के इलाज़ के लिए इस दवा को भी ऍफ़ डी ए की मंजूरी प्राप्त है .यह दवा एक एंटी -बॉडी है "वी एल ए -४" मोलिक्युल के खिलाफ. इस अणु के इम्यून सेल्स (प्रति -रक्षी कोशाओं )को अन्य कोशाओं से चिपके रहने उनके साथ बने रहने के लिए ज़रुरत पड़ती है .ताकि दिमाग तक घुंस पैठ की जा सके .इसे महीने में एक बार अंत :शिरा इन्फ्युज़ंस के ज़रिये दिया जाता है ।
लेकिन इसके साथ एक गंभीर चेतावनी और एहतियात चस्पा हैं :
"इट केरीज़ ए वार्निंग फॉर ए पोटेंशियाली फेटल डिजीज "प्रोग्रेसिव मल्टी -फोकल ल्यूको -एनसी -फेलो -पैथी "यानी (पी एम् एल ) .यह एक दिमागी संक्रमण है .जो अकसर बेहद की भौतिक अक्षमता या फिर मौत की ही वजह बन जाता है ।
इसलिए यह ट्रीट मेंट उन्हीं के लिए है जो एक नियंत्रित कंट्रोल्ड ड्रग दिस्त्रिब्युशन प्रोग्रेम के तहत राजी हो जातें हैं इस इलाज़ के लिए अपने रिश्क पर ।
यह दवा रिलेप्सिंग एम् एस के मामलों में एक तरफ समय के साथ बढती भौतिक अक्षमता को रोकती है दूसरी तरफ क्लिनिकल रिलेप्स के पुनर -आवृत्ति को भी कम करती है .लेकिन दो साल तक स्तेमाल के बाद इसकी कारगरता ,दक्षता और निरापदता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता ।
जिन्हें और कोई वैकल्पिक चिकित्सा असर नहीं करती उनके लिए ही इसे आजमाया जाता है क्योंकि यह पी एम् एल के खतरे को भी बढा देती है.
मितोक्सान्त्रोने(नोवंत्रोने ) :इस दवा का स्तेमाल न्युरोलोजिक डिसेबिलिटी (स्नायुविक अक्षमता )तथा क्लिनिकल रिलेप्सिज़ क़ी पुनरावृत्ति को कम करने के लिए किया जाता है ।
इसे ऍफ़ डी ए की मंजूरी "एस पी -एम् एस "यानी सेकेंडरी प्रोग्रेसिव मल्तिपिल स्केलेरोसिस ,पी आर -एम् एस या फिर बदतर होते आर आर -एम् एस के मामलों के प्रबंधन के लिए दी गई है ।
अलबत्ता यह एक केमो -थिरेपी ड्रग है जिसके पार्श्व प्रभावों में सीरियस कार्डिएक साइड इफेक्ट्स तथा कैंसर (ल्यूकेमिया )शामिल हैं ।
इसलिए इसे उन लोगों पर ही आजमाया जाता है जो रोग के बहुत आगे के या आखिरी चरण में ही पहुच रहे होतें हैं .इसकी डोज़ का क्वांटम भी मुक़र्रर किया गया डोज़ देने से पहले दिल का पूरा मुआयना किया जाता है .सालाना कार्डिएक मोनिटरिंग की जाती है .
(ज़ारी ...)
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