शनिवार, 14 मई 2011

स्ट्रोक के प्रबंधन में सर्जरी कब और क्यों ?

सर्जरी का प्रयोग दिमागी दौरे (स्ट्रोक या ब्रेन -अटेक )से बचाव के लिए भी किया जा सकता है ,एक्यूट स्ट्रोक के प्रबंधन में भी तथा वेस्क्युलर डेमेज की दुरुस्ती और मरम्मत के लिए भी ।
स्ट्रोक प्रिवेंशन और ट्रीट -मेंट (बचावी चिकित्सा और इलाज़ के बतौर) दो तरह /किस्म का /किस्मसे से शल्य किया जाता है :
(१)केरोटिड एंड -आर -टेरेक्तामीतथा
(२)एक्स्ट्रा -क्रेनियल -/इंट्रा -क्रेनिअल बाई पास (ई सी / आई सी )
पहली शल्य प्राविधि में न्यूरो -सर्जन किसी भी एक केरोटिड आर्टरी (गले के दोनों और एक एकबड़ी धमनी होती है )में जमा फेटि प्लाक की सफाई करता है यहीं से मुख्य आपूर्ति होती है दिमाग को रक्त की .इन्ही बड़ी धमनियों में जमा प्लाक आथिरो -स्केलेरो -सिस का मुख्य लक्षण है ,इसी प्लाक से धमनी का अवरुद्ध होना स्टेनोसिस कहलाता है ।
(ज़ारी ...)
शैर सुनिए :मोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो ये है ,मोहब्बत नहीं है .

1 टिप्पणी:

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

अच्छी और उपयोगी जानकारी दे रहे हैं आप।
पढ़कर ज्ञानवर्धन हुआ।