गुरुवार, 26 मई 2011

पोलिसिस -टिक ओवेरियन सिंड्रोम :पारिभाषिक शब्दावली .

पोलिसिस -टिक ओवेरियन सिंड्रोम पारिभाषिक शब्दावली:
एब -नोर्मल :जो सामान्य न हो .सामान्य संरचना बनावट से जिसमें फर्क हो ,संरचनात्मक विचलन हो जिसमे ,डिविएशन फ्रॉम युज़ुअल स्ट्रक्चर ,पोजीशन और बिहेवियर .जो अपनी निर्धारित जगह पर न हो जिसका व्यवहार भी सामान्य से हटकर हो ।वह असामान्य है .
जब बात किसी बढ़वार यानी ग्रोथ की होती है तब एब्नोर्मल का सम्बन्ध कैंसर युक्त /कैंसर -ग्रस्त या प्री -मलिग्नेंट से भी हो सकता है यानी जिसके कैंसर युक्त हो जाने की आगे संभावना मौजूद हो .
एकने :मुहांसे चमड़ी का एक स्थानिक संक्रमण /सोजिश है जिसकी वजह अति सक्रिय तैलीय ग्रंथियां (आयल ग्लेंड्स )बनतीं हैं जो रोमकूप (हेयर फोलिकिल्स के बेस )की जड़ में होतीं हैं .
यौवनारंभ की बेला में ,प्युबर्ति के वक्त सेबेशस ग्लेंड्स (तैलीय ग्रंथियां आयल ग्लेंड्स )जीवंत हो उठतीं हैं जान आजाती हैं इन ग्रंथियों में क्योंकि इन्हें पुरुष हारमोन से उत्तेजन मिलता है .,जो किशोर किशोरियों की वृक्क गर्न्थियाँ (एड्रीनल ग्लेंड्स )तैयार करतीं हैं. गुर्दों से थोड़ा ऊपर की ओर होतीं हैं ये ग्रंथियां ।
तैलीय ग्रंथियां जो चमड़ी के ठीक नीचे होतीं हैं लगातार चमड़ी के पोरों से तैलीय स्राव करतीं हैं .यही तेल चमड़ी को चिकनाकर उसकी हिफाज़त भी करता है ।
लेकिन कुछ परिस्थितियों में वे कोशायें जो तैलीय ग्रंथियों के रंध्रों के बिलकुल पास रहती हैं इन ओपनिंग्स को डाट लगा देतीं हैं .फलस्वरूप चमड़ी के नीचे तेल ज़मा हो जाता है .
अब जीवाणु तो हरेक की चमड़ी में रहतें हैं इस तेल की दावत उड़ाना शुरू कर देते हैं ,दिगुणित होतें ये तेज़ी से तथा आसपास के ऊतकों को संक्रमित कर देतें हैं ,फुला सुजा देते हैं ,इन -फ्लेम्ड कर देतें हैं .
अब यदि यह इन्फ्लेमेशन ठीक चमड़ी की सतह पर ही होता है तब नतीजा होता है "पुस्टुले",,यदि थोड़ा ओर नीचे की तरफ गहरे होता है तब पपुले या पिम्पिल औरभी ज्यादा नीचे होने पर सिस्ट (थैली नुमा संरचना )बन जाती है ।
यदि तेल रिसकर सतह तक आजाता है ,तब ऐसे में "वाईट हेड "बन जाता है चमड़ी पर .लेकिन इसी तेल के आक्सीकृत हो जाने पर (हवा की ऑक्सीजन से रासायनिक क्रिया करने पर )ब्लेक हेड बन जाता है .दी आयल चेंज़िज़ फ्रॉम वाईट टू ब्लेक .
(ज़ारी ...).

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