मंगलवार, 17 मई 2011

स्ट्रोक :पारिभाषिक शब्दावली .(ज़ारी ...).

(२७)कम्प्युतिद टोमो -ग्रेफ़ी (सी टी स्केन):
यह एक पूरी श्रृंखला होती है दिमाग और सिर के एक्स -रे की .इसमें दिमाग और सिर की अनुप्रस्थीय कटान वाली इमेजिज़ ली जाती हैं एक्स -रेज़ के स्तेमाल से . यह इमेजिज़ टुकडा टुकडा ,चप्पा चप्पा पूरी खबर देतीं हैं ,कहाँ क्या हो रहा है .
(२८)साइटों -का -इन्स :ये लघु तर हारमोन -नुमा ,हारमोन सरीखी प्रोटिनें होतीं हैं .ल्यूको -साइट्स से इनका रिसाव होता है . इंडो -थेलियल कोशायें भी इन्हें स्रावित करतीं हैं कुछ अन्य कोशायें भी ,मकसद सबका एक ही होता है चोट से बचावी रणनीति के तहत एक "इन्फ्लेमेत्री इम्यून रेस्पोस्न्स "पैदा की जाए .आपने देखा होगा चोट के बाद चोट ग्रस्त हिस्से के आसपास सूजन (सोजिश ,इन्फ्लेमेशन )आ जाती है ।
ल्युकोसाईट :हमारे रक्त में मौजूद वाईट ब्लड सेल्स को ही ल्यूको -साइट्स कहा जाता है .खून को बंद करवाने में ये चोट ग्रस्त हिस्से की और दौड़तीं हैं .इनकी कब्र ही होता है खुरंड .
इंडो -थेलियल सेल्स ब्लड वेसिल्स (रक्त वैकाओं )का अस्तर होता है .बॉडी केविटीज़ में इन्हीं कोशाओं का अस्तर होता है ,लाइनिंग होती है .
(२९)डिस -आर्थ्रिया :यह एक भाषिक विकार है जिसमे शब्द -विन्यास ,वाक्य -विन्यास दोनों मुश्किल हो जातें हैं ,बोलना मुहाल हो जाता है .बाद स्ट्रोक के यह स्थिति पैदा हो सकती है कुछ मामलों में ।
(३०).डिस -फेज़िया :कुछ खाने में दिक्कत आती है इस स्थिति में ,निगलना भी मुहाल .बाद स्ट्रोक के यह स्थिति आ सकती है ।
(३१)डुप्लेक्स डोपलर अल्ट्रा -साउंड :यह एक रोग निदान के लिए काम में ली जाने वाली तरकीब है ,जिसमे धमनी पर अति -स्वर तरंगें (अति उच्चावृत्ति तरंगें )डालकर लौटने वाली तरंगों की आवृत्ति में आये बदलाव से नाली में बहतें खून में कहाँ रुकावट है इसका जायजा लिया जाता है .स्टेनोसिस का रेखांकन किया जाता है ।
(३२)ईडिमा:कोशा में बड़ी मात्रा में तरल भर जाने से वह फूल जाती है ,स्वेल हो जाती है .कोशिका की ऐसी सोजिश ही ईडिमा है ।
(३३)एम्बोलिक स्ट्रोक :जिसकी वजह एम्बोलस बनता है ऐसा स्ट्रोक एम्बोलिक कहलाता है .
एम्बोलस :एक असामान्य द्रव्यमान (एब नोर्मल मॉस )अमूमन एक खून का थक्का जोरक्त प्रवाह के संग कहीं और से आकर किसी धमनी में फंस जाए उसे अवरुद्ध कर दे.एम्बोलस कहलाता है तथा इस प्रक्रिया को एम्बोलिज्म कहा जाता है .
व्यापक अर्थों में एम्बोलस कोई भी ऐसा पदार्थ है मसलन ,ब्लड क्लोट ,फैट(चर्बी का अंश ,प्लाक ),हवा का बुलबुला ,गर्भजल (एम्नियोटिक फ्लुइड )या फिर कोई भी विजातीय तत्व है जो रक्त प्रवाह में एक जगह से दूसरी जगह चला आता है ।
(३४)एंडो -थेलियल वाल :कोशिका की एक सपाट पर्त जो ब्लड वेसिल (रक्त वाहिका )का सबसे अंदरूनी अस्तर बुनती है .
(३५)एक्स्ट्रा -क्रेनियल /इंट्रा -क्रेनियल बाई पास यह स्ट्रोक (ब्रेन अटेक )के मामले में "कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्रेफ्टिंग "का समकक्ष प्रोसीज़र है ।
इसमें दिमाग के खून से वंचित इलाके को फिर से एक वैकल्पिक मार्ग खडा करके ,एक बाई -पास बनाके जहां से खून निर्बाध जा सके ,रक्त मुहैया करवाया जाता है ।
इसके लिए सिरोवल्क में एक स्वस्थ मिजाज़ कोशिका से होकर एक वैकल्पिक मार्ग (बाई -पास )रचा जाता है ताकि ट्रेफिक (खून )निर्बाध जा सके .खून वहां पहुँच सके जहां सप्लाई रुक गई थी .
(ज़ारी...)।
इस मर्तबा का शैर सुनिए :
एक चिड़िया मुद्दत से इसमें रहती है ,
घर के रोशनदान बदलना ठीक नहीं .(दिगंबर नासवा साहिब की ग़ज़ल का एक शैर है यह .)

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