क्या हैं फ़िब्रोइद्स के लक्षण ?
ज्यादातर मामलों में लक्षणों का प्रगटीकरण ही नहीं होता है लेकिन जिनमें ये लक्षण मुखर होतें हैं वे इस प्रकार हो सकतें हैं :
(१)बेहद रक्त स्राव (हेवी ब्लीडिंग )जो एनिमीया के लक्षण पैदा कर सकती है ,महावारी (मेन्स्त्र्युअल् पीरियड्स )को कष्टप्रद बना सकती है ।
(२)फीलिंग ऑफ़ फुल नेस इन दी पेल्विक एरिया (लोवर स्टमक एरिया ).श्रोणी क्षेत्र और पेडू में भारीपन ,प्रेशर महसूस होना ।
(३)एन -लार्जमेंट ऑफ़ दी लोवर एबडोमन(पेट के निचले हिस्से का बढ़ जाना ।
(४)बार -बार पेशाब की हाज़त ,मूत्र त्याग ,फ्रिक्युवेंत युरिनेशन ।
(५)मैथुन या सहवास ,सम्भोग के दौरान पीड़ा का अनुभव (पैन फुल कोइटस)।
(६)कमर के निचले हिस्से में दर्द रहना ।
(७)गर्भावस्था तथा प्रसव पूर्व पीड़ा में जटिलताएं पैदा होना .सिजेरियन सेक्शन के जोखिम का ६ गुना बढ़ जाना .
(८)प्रजनन सम्बन्धी समस्याएं मसलन बांझपन जो बिरले ही कुछ मामलों में सामने आता है ।
(ज़ारी...).
इस मर्तबा का शैर पढ़िए (गजलकार हैं मर्मज्ञ ज्ञानचंद जी ):
ज़िन्दगी है मुस्कुराने के लिए ,
मुश्किलों को आजमाने के लिए ,
वक्त की कीमत समझ पाया न जो ,
रह गया आंसू बहाने के लिए ।
दो तरह की बात होती है यहाँ ,
एक बताने एक छुपाने के लिए ,
तौलतेंहैं लोग रिश्तों को यहाँ ,
कुछ घटाने कुछ बढाने के लिए .
बुधवार, 18 मई 2011
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