मंगलवार, 31 मई 2011
अदर मेडिकेसंस एप्रूव्ड फॉर रिलेप्सिंग मल्तिपिल स्केलेरोसिस .
.ग्लातिरामेर एसिटेट (कॉपक्सोने):कॉपक्सोने एक और डिजीज मोदिफाइंग ड्रग है जिसे ऍफ़ डी ए की मंजूरी प्राप्त है .यह रिलेप्सिंग -एम् एस की पुनरावृत्ति (फ्रीक्युवेंसी ऑफ़ रिलेप्सिज़ )को कम करती है .यह एक संश्लेषित मानव निर्मित अमीनो - अम्ल मिश्रण है ,जो माय्लिन (नाड़ियों का प्रोटीन आवरण )के एक प्रोटीन घटक से मेल खाता है .ऐसा समझा जाता है इस ऑटो -इम्यून डिजीज (मल्तिपिल स्केलेरोसिस या एम् एस )में जो अपने पराये की पहचान भूल कर प्रति रक्षी तंत्र की कोशिकाओं का ही अस्तर नष्ट करने लगती है ,माइलिनशीथ को विजातीय मान समझ कर ,इम्यून सिस्टम की यही रिएक्शन इस दवा (गलातीरामेर )से या तो थम जाती है या फिर खासी घट जाती है .
हालाकि दस में से एक मरीज़ में इस इंजेक्शन (ग्लाती- रा -मेर एसिटेट )की भी रिएक्शन लगने के फ़ौरन बाद हो जाती है .इस रिएक्शन में शामिल हो सकती है ,फ्लशिंग ,सीने में दर्द या टाईट -नेस ,शोर्ट नेस ऑफ़ ब्रेथ ,पल्पिटेशन ,नर्वसनेस ,टाईट -नेस इन दी थ्रोट या हाइव्ज़ भी हो सकती है .हालाकि यह रिएक्शन आधा घंटे में अपने आप ही थम भी जाती है किसी इलाज़ की भी इसमें ज़रुरत नहीं रहती है ॥
कुछ मरीजों में जिस जगह इंजेक्शन लगता है उस जगह पर ही लिपो अट्रोफ्य ,चमड़ी के नीचे वसीय ऊतक सूजभी सकतें हैंइन्फ्लेम्द होकर नष्ट भी हो सकतें हैं .
फ्लशिंग में चेहरा और
चमड़ी लाल हो जातें हैं एक दमसे गर्मी का एहसास होता है ।
लिपो -अट्रोफी में जिस जगह सुईं लगी है वहां चमड़ी के नीचे के ऊतकों की होलोइंग होके ऊतक नष्ट भी हो सकतें हैं इनफ्लेम्द होकर .
(ज़ारी ...).
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें