एंडो -मिट्रियल अबलेशन:गर्भाशय के अन्दर एक स्लेश्मल झिल्ली होती है जो गर्भाशय के अस्तर का काम करती है तथा मासिक चक्र के आखिरी चरण में यह थिक हो जाती है .यही एंडो -मित्रियम है . ।
इस ट्रीटमेंट के तहत एक ख़ास यंत्र गर्भाशय के अन्दर पहुंचाया जाता है जिसमें ताप ऊर्जा (हीट),माइक्रो वेव्ज़ ,या फिर विद्दयुत धारा में (इलेक्ट्रिक करेंट )से किसी एक का स्तेमाल किया जाता है ,गर्भाशय के इस अस्तर को नष्ट करने के लिए .दो विकल्प होतें हैं या तो मासिक चक्र का ही उन्मूलन कर दिया जाए या फिर इसके साथ होने वाले रक्त स्राव को कम कर दिया जाए .करवा दिया जाए इस प्राविधि द्वारा ।ताकि पोषण न मिल पाने से फाइब -रोइड्स समाप्त होजाएं .
असामान्य रक्त स्राव को थामने में असरकारी रहती है यह प्राविधि जिसे एंडो -मिट्रियल अबलेशन कहा जाता है .लेकिन यह गर्भाशय अस्तर के बाहर पनपते फाइब -रोइड्स के खिलाफ प्रभावशाली सिद्ध नहीं होती है ।
यूटेराइन आर्टरी एम्बो -लाइजेशन :
इस प्राविधि में कुछ अति महीन कण (एम्बोलिक एजेंट्स ) उन धमनियों में भेजे जातें हैं जो गर्भाशयीय गठानों को रक्त मुहैया करवातीं हैं .मकसद होता है रक्त की इस आपूर्ति को काट देना ,फाइब -रोइड्स को इस सप्लाई से वंचित करके श्रिंक करवा देना ।
इस प्रोसीज़र्स के माहिर को इंटर -वेंश्नल रेडिओ -लोजिस्ट कहा जाता है .यह प्राविधि गठानों को सिकोड़ने तथा फाइब -रोइड्स के लक्षणों से राहत दिलवाने में कारगर साबित हुई है .इसमें कोई चीरा भी नहीं लगाना पड़ता .नॉन -इन -वेज़िव है यह तरकीब .स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने का समय भी अपेक्षाकृत कम रहता है इसमें .
अलबत्ता इसमें एक जटिलता तब आजाती है जब अंडाशय या किसी अन्य अंग को रक्तापूर्ति में बाधा आने लगती है ।
फोकस्ड अल्ट्रा साउंड सर्जरी :एम् आर आई गाइदिद फोकस्ड अल्ट्रा -साउंड सर्जरी :यह भी एकगर्भाश्यीय गठानों के लिए एक नॉन -इनवेसिव ट्रीट -मेंट ऑप्शन है ,वैकल्पिक चिकित्सा है बिना चीड़ -फाड़ किये जिसे संपन्न किया जाता है .
इसमें असर ग्रस्त व्यक्ति को पहले एक ख़ास किस्म के एम् आर आई स्केनर (स्पेशियली क्राफ्तिद एम् आर आई )में पहुंचाया जाता है .ताकि माहिर आपकी एनाटोमी को खोलकर देख सके ,गठानों को देख भाल के नष्ट (अबलेट )कर सके यूट्रस के अन्दर ही जहां भी वह हैं .बिना किसी इन्सिज़न(चीरे ) के .
फाइब -रोइड्स को नष्ट करने के लिए इसमें अति -केन्द्रित (फोकस्ड )फोकस्ड हाई फ्रीक्युवेंसी ,हाई -एनर्जी साउंड वेव्ज़ का स्तेमाल किया जाता है .
ए सिंगिल ट्रीटमेंट सेशन इज डन इन एन आन -एंड -ऑफ़ अगेन फेशन जिसमे कई मर्तबा कई घंटे भी लग जातें हैं .इसके आरंभिक नतीजे उत्साह जनक रहें हैं लेकिन दीर्घावधि कारगरता देखने के लिए अभी अध्ययन औरभी
अपेक्षित हैं .
बिफोर यु डिसाइड :क्योंकि ये गर्भाश्यीय गठाने कैंसर पैदा नहीं करतीं हैं तथा धीरे धीरे ही बढ़तीं हैं इसलिए आपके पास पर्याप्त समय होता है कुछ भी करने न करने के लिए ।
आपके लिए कौन सा विकल्प दुरुस्त रहेगा यह लक्षणों पर निर्भर करता है .लक्षणों की गंभीरता पर आपके और संतान की चाहना पर ,आप रजो- निवृत्तिचरण
से कितनी दूर हैं तथा सर्जरी के बारे में आपका क्या नज़रिया है आदि बातों पर ..हरेक प्रोसीज़र्स के अपने नुक्सानात और फायदे हैं .आपके लिए कौन सा ज्यादा मुफीद रहेगा यह फैसला आपको अपने माहिर के साथ मिलकर करना होगा .ध्यान रहे ज्यादातर मामलों में किसी भी इलाज़ की ज़रुरत नहीं पडती है लेकिन जब ज़रूरी हो लक्षण उग्र हों तो इलाज़ भी उतना ही ज़रूरी हो जाता है .
(ज़ारी ...).
सोमवार, 23 मई 2011
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