बाई -बाई हेयर ट्रांस -प्लांट ?
इस एवज पहले उपाय के रूप में 'ग्रोथ फेक्टर शोट्स को आजमाया गया है जिसके तहत स्केल्प में (सिर की खाल सिरों -वल्क में )ग्रोथ फेक्टर्स की सुइंयाँ लगाई जातीं हैं .हैदराबादी एक डॉ दम्पति इसी टेक्नीक का स्तेमाल कर रहें हैं ,केश राशि को फिर से घना रेशमी मुलायम बनाने के लिए .इसे (ग्रोथ फेक्टर्स को )आई आई टी ,मुंबई (भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान ,मुंबई)के साइंसदानों की मदद से व्यापक शोध कार्य के बाद ही विकसित किया गया है ,आजमाया गया है .
ग्रोथ फेक्टर क्यू आर ६७८ का पेटेंट लिया जाना अभी बाकी है .५-८ छोटी छोटी सुइयां ,इतनी ही बैठकों में सिर की खाल में लगाई जातीं हैं .हरेक टाइनी-इंजेक्शन की कीमत ५००० रुपया है ।
दूसरे उपाय के रूप में "स्टेम सेल इन्जेक्संस" का स्तेमाल किया जा रहा है .यह कलम कोशायें (स्टेम सेल्स )ह्यूमेन फैटी तिश्युज़ से हासिल की जा रहीं हैं .दो शोट्स पर २५,००० से ऊपर रुपया खर्च आता है .दो माह के अंतर से दोनों सुइंयाँ लगा दी जातीं हैं .यदि मरीज़ अपनी ही कलम कोशाओं की सुइंयाँ लगवाना चाहता है तब खर्च बढ़कर एक लाख को पार कर जाता है .इस उपाय को मुंबई के एक कोस्मेटिक सर्जन आजमा रहे हैं .
रविवार, 19 सितंबर 2010
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