गुरुवार, 30 सितंबर 2010

मत चुके चौहान

इस मोड़ पर कुछ बात सेहत से हठकर मुल्क की भावी सेहत के बारे में हो जाए ।
अयोध्या के सन्दर्भ में उच्च न्यायालय का जो फैसला आया है उसे लेकर हमारे मुस्लिम भाई एक सदा- शयता दिखलायें .वक्फ बोर्ड एक तिहाई ज़मीन पर अपना हिसा स्वेच्छा से छोड़ मंदिर निर्माण में भागीदार की भूमिका में वापस आयें .साथ ही यह भी बतलाएं "हिन्दुस्तान में अयोध्या "को छोड़ कहाँ शानदार मस्जिद बनाई जाए (अयोध्या में पहले ही कितनी मस्जिदें मौजूद हैं ).
इतिहास-इक पल छिन ने वह मौक़ा मुहैया करवाया है जब मुस्लिम भाई आलमी स्तर पर कुछ पड़ोसी मुल्कों द्वारा जतन से बनाई उनकी गलत छवि को बदल सकतें हैं .९/११ तथा २६ /७ के सिंड्रोम से आने का यह मौक़ा है और ऐसे अवसर बारहा नहीं आते ।
परिंदे अब भी पर तौले हुए हैं ,हवा में सनसनी घोले हुएँ हैं ।
इमाम बुखारी साहिब से भी हम यही दरखास्त करते हैं ,मौलाना वहीदुद्दीन का इस्लामवादी रूख अपनाएँ .
चंद- बरदाई मोहम्मद गौर के दरबार में पहुँच कर पृथ्वी -राज चौहान को सही वक्त पर चेताया था .कहते हुए :
चार बांस चौबीस गज ,अंगुल अष्ट प्रमाण .ता -ऊपर सुलतान है ,मत चुके चौहान ।
शब्द बाड़

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