ए फ्यू रिस्क्स फेक्टर्स :
(१)जेंडर :मर्दों के लिए दिल केरोगों का ख़तरा औरतों के बरक्स ज्यादा बना रहता है .रजोनिवृत्त औरतों के लिए दिल केखतरे के वजन को बढा सकती है .क्योंकि इस चरण में आने के बाद इस्ट्रोजन का स्तर कम होता चला जाता है .अलबत्ता नै रिसर्च औरत के दिल के लिए सौ जोखिम बतलाती है इस परम्परा गत पुरुष प्रधान सोच से इत्तेफाक नहीं रखती है ।
(२)जिन लोगों के परिवार में हृद रोग चलते आयें हैं उनके लिए एक से ज्यादा जोखिम मौजूद रहतें हैं ।
(३) एज :मर्दों के लिए ४५ साल के पार तथा औरतों के लिए ५५ के पार हृद रोगों के खतरे का वजन ज्यादा बढ़ जाता है ।नै रिसर्च के अनुसार खतरे का वजन औरत के लिए ज्यादा बना रहता है .फोकस में नहीं रही है औरत हृद रोगों के .आये गये ढंग से लिया गया है उसके दिल को .
हमारा दिल दिन में एक लाख बार लुब डूब करता है खून उलीचता ५-६ लीटर प्रत्येक मिनिट ,चौबीसों घंटा .सबसे ज्यादा एहम अंग है शरीर का .सांस की धौकनी और उसकी खुशबू दिल से जुडी है .हमें इस ख़ास और विशिष्ठ अंग की हिफाज़त संभाल करनी चाहिए जहां तक भी संभव हो .(समाप्त )
रविवार, 26 सितंबर 2010
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