(विश्व-हृद -स्वास्थ्य दिवस पर ,ज़ारी .....)
दिनभर में पांच बार ताज़े फल और तरकारियों का सेवन कीजिये .संतृप्त वसा (सेच्युरेतिद फैट्स )से तैयार खाद्यों से परहेज़ रखिये .इनमे अकसर सोडियम लवण का भी बाहुल्य होता है .जो उच्च रक्त चाप की वजह बनता है ।
सिर्फ दिन भर में तीस मिनिट व्यायाम भी ज़रूरी है .हृद रोग और आघात (स्ट्रोक )यानी सेरिब्रल वैस्क्युलर एक्सिदेंट्ससे भी बचे रहें गें ।
अगर धूम्रपान करतें हैं ,छोड़ देने से साल भर में हृद रोगों के खतरे का वजन घट कर आधा रह जाएगा और कालातरख़तरा और भी कम होकर सामान्य स्तर पर आजायेगा .
वजन को कम रखना(कद काठी के अनुरूप बनाए रखना ) ,टेबिल साल्ट की मात्रा को घटाना ब्लड प्रेशर को" लो "रखता है ."हाई -ब्लड प्रेशर" आघात के खतरे के लिए सबसे बड़ा अकेला ट्रिगर है .तकरीबनहृद रोगों के आधे गंभीर मामलों में तथा स्ट्रोक में यही कुसूरवार निकलता है ।
वक्त वक्त पर ब्लड प्रेशर ,ब्लड कोलेस्ट्रोल और ग्लूकोज़ स्तर ,कटि-प्रदेश के घेरे और नितम्ब के घेरे के अनुपात का, ,बी एम् आई (बॉडी मॉस इंडेक्स ,आपके किलोग्रेम वेट और मीटर में अभिव्यक्त हाईट के वर्ग के अनुपात (किलोग्रेम /मीटर स्क्वायर )का रिकार्ड रखिये .रिस्क्स फेक्टर को जान लेने के बाद काबू में रखिये ।
शराब का सीमित सेवन ही कीजिएगा .बेहिसाब पीना एक तरफ ब्लड प्रेशर दूसरी तरफ आपके वेट को बढ़ाएगा .जिस तरह चीनी का मतलब फैट होता है वैसे ही शराब की एम्प्टी केलोरीज़ का मतलब भी वसा ही चढ़ना होता है ।
(ज़ारी ....)
रविवार, 26 सितंबर 2010
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