रविवार, 12 सितंबर 2010

स्ट्रेस को भगाने के सात नुश्खे (ज़ारी )

स्टॉप स्ट्रिक्ट डाईट -इंग :लगातार डाईट -इंग पर रहने से स्ट्रेस हारमोन "कोर्टिसोल"का स्तर १८ फीसद तक बढ़ सकता है .(अधुनातन रिसर्च इसकी पुष्टि करती है .).भौतिक और भावात्मक स्ट्रेस डाईट -इंग की सौगात के तौर पर मिलती है .यही कोर्टिसोल के स्तर को बढा देतीं हैं .इसी केसाथ खून में घुली शक्कर का स्तर गडबडा जाता है .पहले बढ़ता है फिर यकायक गिरता है .बस यही आपको बदमिजाज बना देता है .सनकी और झक्की भी .मर्भुख्खा भी (बेहद भूखा भी )बेहतर हो अच्छी खुराक ली जाए .जिसमे मोटे अनाज ,फल और तरकारियाँ शामिल हों .कम चिकनाई वाले दुग्ध उत्पाद ,मेवे और प्रोटीन शामिल हों .प्रोटीन स्रोत लीन हों ताकि आपको देर तक भूख ना लगे
स्लीप इट ऑफ़ :
टालबोट के अनुसार हमारा शरीर पर्याप्त नींद ना ले पाने को एक बेहद के स्ट्रेसर(दवाब पैदा करने वाली चीज़ )के रूप में अपनाता है .शिकागो विश्व -विद्यालय के एक अध्ययन में पता लगाया गया है ,रात भर में बस ६.५ घंटा नींद ले पाना कोर्टिसोलके शरीर में स्तर और भूख दोनों को बढाता है ।
अमरीकी नॅशनल स्लीप फाउन -डे -शन एक रात में ७-९ घंटा नींद लेने की सिफारिश करती है (बालिगों के लिए )।
नींद की कमी आलस्य (प्रमाद )पैदा करती है .ऐसे में हमारा रुझान सहज ही केलोरी डेंस ड्रिंक्स (केलोरी -बहुल पेय )की और बढ़ जाता है ।
हरेक दो घंटा काम के बाद हमें एक घंटा नींद चाहिए .(स्रोत :डॉ.पी .पी.बोस ,सिनिअर कंसल्टेंट ,डिपार्टमेंट ऑफ़ चेस्ट ,क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसन ,देल्हीज़ नेशनल हार्ट इंस्टिट्यूट ।)।
इतर रिसर्च के अनुसार नींद की कमी भूख बढाने वाले एक हारमोन "घ्रेलिन "का शरीर में स्तर बढा देती है .ऐसे में मीठे और नमकीन (साल्टीफूड्स ) की ललक और बुबुख्क्षा २३ %बढ़ जाती है .(स्रोत :एक नवीन अध्ययन )।
अच्छी बात यही है ,चंद रातों की पूरी और वांच्छित नींद इस दुश्चक्र से मुक्ति दिलवा सकती है .और पर्याप्त नींद लेना सब कुछ फिर से दुरुस्त कर देता है ।
सोना ठीक से ,ज़रूरी जितना है आपके लिए उतना टहलना ,किसी दोश्त से बतियाना और डीप ब्रेअथिंग (गहरी सांस लेना )आपको तनाव हीन रख सकता है .(समाप्त )

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