ब्रितानी माहिरों ने एक नायाब दवा एक्स ऍफ़ -७३ तैयार कर ली है जो सुपर -बग्स का सफाया पांच मिनिट की छोटी सी अवधि के अन्दर ही कर देगी .ऐसे में जीवाणु को किसी भी विध कैसा भी प्रति -रोध खडा करने का कोई मौक़ा ही नहीं है .समझा जाता है यह अति घातक "सी -डिफ"तथा "एम् आर एस ए "जैसे सुपर -बग्स को ढेर कर देगी ।
हम जानतें हैं "सी -डिफ" या क्लोस -ट्री-डियम डिफ -फी -साइल एक अति मारक जीवन ले उड़ने वाला बेक -टीरिया है जो डाई -अरिया (अतिसार रोग ,दस्त की बीमारी)तथा इंटेस -टाई -अनल (आंत सम्बन्धी ) गंभीर किस्म की समस्याओं की वजह बन जाता है .जबकि एम् आर एस ए यानी मेथी -सिलीन-रेजिस -टेंट स्टेफी -लोकोकस- औरयूस, कई ऐसे संक्रमणों की हम मनुष्यों में वजह बनता है जिनसे आसानी से पार नहीं पाया जा सकता .मुश्किल से ही छुटकारा मिलता है ।
समझा जाता है नै एंटी -बेक-टीरियल दवा एक्स ऍफ़ -७३ पांच मिनिट के भीतर ही इन सुपर बग्स का खात्मा कर देगी ऐसे में ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी .प्रति -रोध कहाँ से पनपेगा इस नै दवा के खिलाफ .ब्रितानी माहिरों की टीम को यकीन है आइन्दा तीन सालों के अन्दर ही यह दवा हॉस्पिटल बोर्न वार्डों के संक्रमण से छुटकारा भी दिलवा सकेगी .इसका स्तेमालवार्ड इन्फेक्शन को रोकने के लिए बचावी चिकित्सा के बतौर किया जा सकेगा ।
आजमाइशों के दौरान सुपर- बग बेक -टीरिया के वाहक की नाक में यह एक्स ऍफ़ -७३ ज़ेल लगा दिया गया .बिना किसी पार्श्व प्रभाव के इनका सफाया होते देखा गया .तथा एम् आर एस ए नै दवा की खिलाफत नहीं कर सका किसी भी प्रकार का कोई रेजिस्टेंस खड़ा नहीं कर सका .जबकि नैदानिक परीक्षणों (क्लिनिकल ट्रायल्स )में एक नहीं दो नहीं ,५५ बार इनकी आज़माइश की गई ।
वास्तव में इस दवा के काम करने का मार करने का तरीका ही जुदा है एक्स ऍफ़ -७३ कोशा की दीवार को ही तोड़ देती है (इट ब्रेक्स सेल वाल्स एंड काज़िज़ दी रेपिड लोस ऑफ़ इट्स वाइटल कंटेंट्स ) जबकि एंटी -बाय -टिक दवाएं जीवाणु के ख़ास हिस्सों को क्षति ग्रस्त करतीं हैं उन्हें अशक्त करने के लिए ,जो एक लम्बी प्रक्रिया है वक्त लेती है .
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