"वोमेन"स ब्रैन्स वायर्ड डिफरेंटली इज ए मिथ .थियेरी देट मेल ,फिमेल ब्रैन्स आर नॉट सेम वाज़ डिव -लप्द टू सपोर्ट जेंडर प्रेज्यूडिस :एक्सपर्ट (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,सितम्बर १३ ,२०१० ,पृष्ठ १९ )।
लैंगिक (यौन या जेंडर )क्रान्ति केवल समान अधिकारों की प्राप्ति के लिए ही नहीं थी विज्ञान भी औरतों के खेमे में आ खड़ा हुआ था .इस दौर के एक चोटी के न्यूरो -साइंटिस्ट ने इस" मिथ" को तोड़ा है "औरतों के दिमाग की वायरिंग मर्दों से अलग हठके होती है ."
एस्टनविश्वविद्यालय में कोगनिटिव न्यूरो -इमेजिंग की प्रोफ़ेसर गिना रिप्पों ने ऐसे शोध नतीजे निकालने के लिए अपने साथी रिसर्चरों को लताड़ा है जो औरतों को मर्दों के बराबर बौद्धिक प्राणी मानने से मुकरतें हैं ।
रही सही कसर "दी एसेंशियल डिफ़रेंस "(ऑथर सिमों बारों -कहें ,प्रोफ़ेसर ऑफ़ साइकियेट्री ,केम्ब्रिज ) जैसी ताबड़ - तोड़ बिक्री वाली किताबों ने पूरी कर दी है ,जो औरतों को परानु -भूति (एम्पेथाइज़ करने वाली शख्शियत से आगे नहीं मामती समझतीं )जबकि मर्द को इस जीवन और जगत का पारखी और विश्लेषण प्रवीण मानती समझतीं हैं .दोनों के दिमाग की वायरिंग काअंतर और मकसद भी यही बतलातीं हैं ।
एक और बे -इन्तहा बिकने वाली किताब आई है "दी फिमेल ब्रेन "(ऑथर ,लौंन ब्रिज़ेन्दिने ,एन अमरीकन अकादमिक ),जिसका मूल स्वर है ;औरत ता -उम्र हारमोनों के हाथों का खिलौना बनी एक मनो -वैज्ञानिक "रोलर कोस्टर "की मानिंद जीवन के उतार चढ़ावों से गुज़रती रहती है ।
रिप्पों इस सब को नॉन -सेन्स को पेत्रोनाइज़ करना मानतीं हैं .औरत को कम बुद्धि मान और अनुभवहीन समझकर उसे कृपा- पात्र बनाए रखने की साजिश मानतीं हैं ।
ब्रितानी विज्ञान मेले में इस सप्ताह रिप्पों अपने विचार रखेंगीं .मेला ब्रिमिन्ग्हम में आयोजित है ।
आपके अनुसार हमारे अपने न्यूरो -साइंस परिवार में हमारे अन्वेषणों की गलत व्याख्या को लेकर खासा रोष और विरोधऔर चिंता है ।
यह उसी घिसे पिटे विचार का पोषण करना है जो औरत को चंद सामाजिक रोल्स तक महदूद रखता है .स्टीरियो -टाइप थिंकिंग का समर्थन है .यह कहना खाम खयाली है औरत का दिमाग मर्दों से जैविक संरचना में भिन्न होता है .वास्तिविकता यह है ,समानताएं
ही समानताएं हैं भिन्नताएं कम हैं .यकसां वायरिंग है ,लेदेकर एक कड़ी का अंतर है ।संरचनात्मक भेद का अता पता नहीं है .
उन्हीं के शब्दों में :"दी आइडिया इस देट मेन एंड वोमेन हेव डिफरेंट ब्रेन स्ट्रक्चर्स ,बट देयर इज नो रियल एविडेंस फॉर एनी ऑफ़ इट.
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