डी -स्ट्रेस विद ब्रेक- फास्ट :टालबोट के अनुसार विटामिनों बी ,सी ,केल्सियम और मेगनीसियम की कमी -बेशी शरीर को दवाब की स्थिति में ले आती है .ऐसे में स्ट्रेस -हारमोन "कोर्तिसोल "का स्तरशरीर में आपके सिस्टम में सहज ही बढ़ जाता है जो फ़ूड क्रेविंग्स (खाने के प्रति ललक ,हुड़क को बढा देता है ।).
लेकिन इससे पार पाया जा सकता है नाश्ते में इन्हीं पुष्टिकर तत्वों को शामिल करके .संतरे का रस (ओरेंज ज्यूस )
ग्रेप -फ्रूट या फिर मुठ्ठी भर स्ट्राबेरीज़ विटामिन -सी की आपूर्ति करेगा .१७० -२०० ग्रेम सपरेटा दही(लो फैट योघर्ट )केल्सियम और मेगनीसियम से भरपूर है और साथ में बस होल ग्रेनटोस्ट पी नट बटर (बस)थोड़ा सा लगाकर .,नाश्ते में लीजिये .ब्राउन या फिर मल्टी -ग्रेन ब्रेड विटामिन बी समूह तथा पी -नट बटर वसीय अम्लों (ज़रूरी फैटी एसिड्स )से युक्त हैं .ये स्ट्रेस हारमोन कोर्टिसोल का स्तर और बनना दोनों ही कम कर देतें हैं .
कंट्रोल क्रेविंग माइंड फुलि:जब तनाव आपको मीठी या फिर साल्टी चीज़ लेने को उकसाए ,सचेत होकर सावधान रहते हुए बस थोड़ा सा ले लीजिये .हावी मत होने दीजिये इन चीज़ों को .बस एक चोकलेट का टुकडा काम करेगा .आजमा कर देखिये .सावधानी हठी दुर्घटना घटी ।
कर्टेल केफीन :स्ट्रेस और केफीन की दुर्भि -संधि खतरनाक सिद्ध होती है .स्ट्रेस हारमोन का स्तर दोनों मिलकर और भी ज्यादा बढा देतें हैं .स्ट्रेस अकेला क्या बढ़ाएगा इस मिली -भगत के आगे ।
ओक्लाहोमा विश्व -विद्यालय में किये गये एक अध्ययन के अनुसार माइल्ड स्ट्रेस की मौजूदगी में (बने रहते दवाब के )ढाई तीन कप्स कोफी का सेवन कोर्टिसोल केस्तर को २५ फीसद बढा देता है .और यह तीन घंटों तक बरकरार रहता है ।
जब सब्जेक्ट्स को ६०० मिलिग्रेम केफीन दी गई (दिन भर में ६ कप कोफी से इतनी ही केफीन मिल जाती है ),कोर्टिसोलका स्तर ३० % दिन भर बढा रहा .कोर्टिसोल का बढा हुआ स्तर ओब्सेसिव ईटिंग को हवा देता है .फैसला आप पर है आप केफीन को अलविदा कहें ना कहें ।
ग्रीन टी आपका दवाब ,स्ट्रेस लेविल कम कर सकती है .डॉ .पराशर के अनुसार इस चाय में थेअनिने(थिए -नाइन)की मौजूदगी जो एक विशिष्ठ अमीनो -एसिड है स्ट्रेस और एंग्जाय -टी के खिलाफ एक कारगर अस्त्र है ।
यूनिवर्सिटी कोलिज लन्दन के "एपी -ड़ेमियो -लोजी एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट "ने पता लगाया है जो लोग ग्रीन टी का सेवन करतें हैं उनमे स्ट्रेस हारमोन "कोर्टिसोल" का स्तर कमतर रहता है .स्ट्रेस भी इसी अनुपात में कमतर रहता है हावी नहीं होता दैनिकी पर .
रविवार, 12 सितंबर 2010
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